आज जब पूरी दुनिया आर्थिक, सामाजिक, और राजनीतिक संकटों से जूझ रही है, भारत स्थिरता, विकास और सशक्तिकरण का प्रतीक बनकर उभर रहा है। यह केवल नेतृत्व और दूरदर्शिता की शक्ति को दर्शाता है, जो हमारे देश को वैश्विक मंच पर मजबूत बना रहा है। आइए, इस वैश्विक और राष्ट्रीय परिदृश्य को विस्तार से समझते हैं।
विश्वव्यापी चुनौतियां: संघर्ष और अस्थिरता का दौर
न्यूजीलैंड
न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री ने आंसुओं के साथ इस्तीफा दिया। अर्थव्यवस्था दिशाहीन हो चुकी है, बेरोजगारी और आर्थिक संकट चरम पर हैं।
ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया अपने रिज़र्व फंड से किसी तरह अपना खर्च चला रहा है। आर्थिक भविष्य अनिश्चित और कमजोर दिख रहा है।
ब्रिटेन
ब्रिटेन में प्रधानमंत्री ने डेढ़ महीने में इस्तीफा दे दिया। ऋषि सनक भी इस आर्थिक संकट को संभालने में असमर्थ दिखाई दे रहे हैं।
अमेरिका
दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, अमेरिका, अपनी सबसे बड़ी आर्थिक मंदी के डर से जूझ रहा है। बैंकिंग संकट और बेरोजगारी वहां के समाज पर गहरा असर डाल रहे हैं।
चीन
कोरोना महामारी के प्रभाव से चीन अब भी बाहर नहीं निकल पाया है। विदेशी कंपनियां चीन छोड़कर जा रही हैं, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था और कमजोर हो रही है।
यूरोप और रूस-यूक्रेन संकट
रूस-यूक्रेन युद्ध ने पूरे यूरोप को अस्थिर कर दिया है। ऊर्जा संकट और आर्थिक टूटन ने यूरोपीय देशों को बिखरा दिया है।
मुस्लिम देशों का संकट
ईरान, अफगानिस्तान, गाजा और इराक जैसे देशों में संघर्ष और खून-खराबा जारी है। रोटी और संसाधनों की कमी के कारण नागरिक एक-दूसरे के खून के प्यासे हो गए हैं।
सऊदी अरब और दुबई का बदलता परिदृश्य
शरिया कानून से बाहर निकलते हुए, ये देश अब पर्यटन पर फोकस कर रहे हैं क्योंकि पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता तेजी से घट रही है।
भारत के पड़ोसी देशों की दुर्दशा
पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, और अफगानिस्तान पूरी तरह दिवालिया हो चुके हैं। ये देश अपने कर्मचारियों को वेतन तक नहीं दे पा रहे हैं और अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
भारत: स्थिरता और उन्नति की कहानी
इन वैश्विक संकटों के बीच भारत बिना डगमगाए दिन-ब-दिन मजबूत हो रहा है। यह प्रगति केवल आकस्मिक नहीं है, बल्कि एक सशक्त नेतृत्व और सही दिशा में किए गए निरंतर प्रयासों का परिणाम है।
रक्षा और तकनीकी विकास
दर्जनों मिसाइल परीक्षण और सेना का आधुनिकीकरण।
रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता।
अंतरिक्ष अनुसंधान और मिसाइल प्रौद्योगिकी में अग्रणी।
बुनियादी ढांचा क्रांति
तेज रफ्तार ट्रेनों का संचालन।
हाईवे और एक्सप्रेसवे का तेज निर्माण।
चारधाम परियोजना और नए हवाई अड्डों का उद्घाटन।
कृषि और ग्रामीण सशक्तिकरण
किसानों को सशक्त करने के लिए नई योजनाएं।
सिंचाई, सोलर पंप, और न्यूनतम समर्थन मूल्य में सुधार।
आर्थिक स्थिरता और सामाजिक उत्थान
देश को वैश्विक विनिर्माण और स्टार्टअप हब के रूप में स्थापित करना।
गरीबों और वंचितों के लिए ‘नल से जल’, आयुष्मान भारत और पीएम किसान सम्मान निधि जैसी योजनाएं।
तेज प्रगति की मिसालें
मोदी सरकार हर दिन एक नई परियोजना शुरू कर रही है या समर्पित कर रही है।
योजनाएं न केवल कागज पर, बल्कि ज़मीन पर तेजी से पूरी हो रही हैं।
मोदी जी का नेतृत्व: भारत का सुनहरा भविष्य
पिछले 10 वर्षों में नरेंद्र मोदी का नेतृत्व असाधारण रहा है।
जहां दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं संकटों में फंसी हैं, वहीं भारत स्थिरता और उन्नति की ओर बढ़ रहा है।
यदि मोदी जी का नेतृत्व न होता, तो भारत भी आज कई अन्य देशों की तरह आर्थिक और सामाजिक संकटों में फंसा होता।
भारत का भविष्य: अगले 20-25 साल
आज भारत दुनिया का नेतृत्व करने के लिए तैयार है।
आर्थिक और तकनीकी उन्नति के साथ-साथ सामाजिक समावेशिता में तेजी।
आने वाले दशकों में भारत न केवल एशिया बल्कि पूरी दुनिया पर अपनी छाप छोड़ेगा।
मेरे विचार
मैं किसी व्यक्ति विशेष का समर्थक नहीं हूं, लेकिन मैं भारत का शुभचिंतक हूं। यह कथा केवल एक नेता की नहीं, बल्कि एक राष्ट्र के उत्थान और एक अरब से अधिक नागरिकों की मेहनत का प्रमाण है।