21वीं सदी
21वीं सदी भारत की नई पहचान की सदी है — आत्मनिर्भरता, नवाचार और संस्कृति के संगम से भारत विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर है।
1️⃣ भारत की सैन्य शक्ति – Hard Power
भारत की सबसे बड़ी ताकत उसकी सशस्त्र सेनाएँ हैं। आज भारतीय सेना केवल सीमाओं की रक्षा तक सीमित नहीं, बल्कि एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रही है।
- Operation Sindoor ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारतीय सेना किसी भी परिस्थिति में अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने में सक्षम है। यह केवल एक ऑपरेशन नहीं, बल्कि भारत की तेज़, सक्षम और आधुनिक सैन्य संरचना का परिचायक था।
- रूस-यूक्रेन और इज़राइल-ईरान संघर्षों में भारत द्वारा हथियार और तकनीक का योगदान यह दर्शाता है कि भारत अब हथियार खरीदने वाला देश नहीं, बल्कि हथियार निर्यातक राष्ट्र बन चुका है।
- आत्मनिर्भर भारत के तहत विकसित प्रणालियाँ – तेजस लड़ाकू विमान, ब्रह्मोस मिसाइल, आकाश एयर डिफेंस, अर्जुन टैंक और INS विक्रांत जैसे स्वदेशी जहाज – भारत को आत्मनिर्भरता से आगे बढ़ाकर वैश्विक रक्षा बाज़ार का नेता बना रहे हैं।
- ISRO की उपलब्धियाँ – चंद्रयान, आदित्य-L1 और गगनयान – यह सिद्ध करती हैं कि भारत न केवल पृथ्वी पर बल्कि अंतरिक्ष में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है।
👉 आज दुनिया यह मान चुकी है कि भारत की सैन्य शक्ति केवल रक्षात्मक नहीं, बल्कि वैश्विक संतुलन बनाने वाली शक्ति है।
2️⃣ भारत की आर्थिक शक्ति – Economic Might
2014 से पहले भारत आर्थिक रूप से Fragile Five में गिना जाता था। विदेशी कर्ज़, भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन ने देश को दिवालिया होने की कगार पर पहुँचा दिया था। लेकिन मोदी सरकार ने सुधारों की एक श्रृंखला चलाई जिसने भारत को दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना दिया।
- नोटबंदी, GST, DBT, आधार, डिजिटल इंडिया और UPI जैसे सुधारों ने अर्थव्यवस्था को पारदर्शी और आधुनिक बनाया।
- आज UPI और डिजिटल भुगतान प्रणाली दुनिया के कई देशों में अपनाई जा रही है।
- वैश्विक आपूर्ति शृंखला (Global Supply Chain) के बदलाव में भारत सबसे बड़ा लाभार्थी बन रहा है।
- अमेरिका की टैरिफ वॉर और आर्थिक दबाव ने पाकिस्तान, तुर्की और बांग्लादेश जैसे देशों को कमजोर कर दिया, लेकिन भारत मजबूती से खड़ा रहा।
- IMF और विश्व बैंक की रिपोर्ट भी मानती हैं कि भारत 2030 तक Top-3 आर्थिक शक्तियों में शामिल हो जाएगा।
👉 यह आर्थिक ताकत केवल GDP तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत को वैश्विक नीति–निर्धारण में निर्णायक आवाज देती है।
3️⃣ भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक शक्ति – Soft Power
भारत की पहचान उसकी संस्कृति और आध्यात्मिकता से है। दुनिया अमेरिका को हथियारों से, चीन को पैसे से और रूस को ऊर्जा से जानती है, लेकिन भारत को दुनिया Sanatana Dharma, योग और आयुर्वेद से पहचानती है।
- 21 जून – अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भारत की soft power का सबसे बड़ा उदाहरण है। आज 180 से अधिक देश योग को अपना रहे हैं।
- राम मंदिर का पुनर्निर्माण और काशी, उज्जैन जैसे तीर्थों का पुनर्जीवन भारत की सांस्कृतिक अस्मिता को पुनः स्थापित कर रहा है।
- भारत का आदर्श – “वसुधैव कुटुम्बकम्” – (दुनिया एक परिवार है) आज विभाजित और संघर्षग्रस्त विश्व को शांति और एकता का संदेश दे रहा है।
- प्रवासी भारतीय दुनिया भर में भारत की संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखते हुए भारत की पहचान को और मजबूत कर रहे हैं।
👉 यही soft power भारत को एक Vishwaguru बनाती है।
4️⃣ मोदी जी की वैश्विक कूटनीति – India as Vishwaguru
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भारत को कूटनीतिक संतुलनकारी शक्ति (Balancing Power) के रूप में स्थापित किया है।
- अमेरिका और रूस दोनों से मजबूत संबंध, यूरोप और खाड़ी देशों से साझेदारी, जापान और दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ रणनीतिक सहयोग – यह सब भारत की बहु–ध्रुवीय कूटनीति का हिस्सा है।
- रूस-यूक्रेन युद्ध और इज़राइल-ईरान संघर्ष में भारत की भूमिका हमेशा संवाद, शांति और संतुलन पर आधारित रही है।
- G20 की अध्यक्षता ने यह साबित किया कि भारत अब केवल वैश्विक मंच का सहभागी नहीं, बल्कि वैश्विक नेतृत्वकर्ता है।
- SCO, BRICS, QUAD – तीनों मंचों में सक्रिय भागीदारी यह दर्शाती है कि भारत हर वैश्विक मंच पर निर्णयकारी शक्ति है।
👉 यही कारण है कि आज भारत को “Superpower in Making” नहीं, बल्कि “Responsible Global Leader” के रूप में देखा जा रहा है।
5️⃣भारत का भविष्य
आज भारत ने तीनों स्तरों पर अपनी ताकत को स्थापित कर लिया है:
- सैन्य सामर्थ्य (हार्ड पावर) → ऑपरेशन सिंदूर, स्वदेशी हथियार, इसरो
1.आर्थिक सामर्थ्य (वित्तीय शक्ति) → डिजिटल इंडिया, - अर्थव्यवस्था, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला
- सांस्कृतिक सामर्थ्य (सॉफ्ट पावर) → योग, आयुर्वेद, सनातन धर्म, विश्वगुरु
भारत अब केवल एक राष्ट्र नहीं, बल्कि एक वैश्विक विचारधारा और शक्ति है।
👉 21वीं सदी न केवल भारत की सदी होगी, बल्कि Sanatana Dharma के पुनरुत्थान की सदी भी होगी।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮
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