आखिरी युद्ध — आतंक, गद्दारी और तुष्टिकरण के विरुद्ध
देश एक ऐसे मोड़ पर खड़ा है, जहां अब सिर्फ़ दो रास्ते बचे हैं — चुप रहकर अन्याय सहना या डटकर उसका सामना करना। आतंकवाद, भीतरघात और तुष्टिकरण की नीतियों ने भारत की जड़ों को हिलाने की कोशिश की है। लेकिन अब समय आ गया है आखिरी और निर्णायक युद्ध का — एक ऐसा संघर्ष जो सिर्फ़ विचारधारा का नहीं, बल्कि देश की आत्मा की रक्षा का है।
1. गाज़ा से सबक — दुनिया को समझना होगा
7 अक्टूबर 2023 को जब इज़राइल पर हमला हुआ, तो उसने जबरदस्त प्रतिकार किया।
तब से अब तक:
- 52,000 से अधिक लोग गाज़ा में मारे गए
- 1.25 लाख घायल हुए
- 92% लोग बेघर हो चुके हैं
- 6 लाख से अधिक बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे
- और 90% गाज़ा तबाह हो चुका है
फिर भी हमास ने आत्मसमर्पण नहीं किया।
वे न बंधक छोड़ते हैं, न हमले रोकते हैं।
वे विध्वंस को ही “प्रतिरोध” कहते हैं और उनके समर्थक इसे “जज़्बा” कहते हैं।
लेकिन यह कोई जज़्बा नहीं है — यह कट्टरपंथी विचारधारा का जहरीला रूप है
जो दूसरों का नहीं, खुद का भी दर्द नहीं समझता —
जिसके लिए जीवन का नहीं, सिर्फ मौत का महत्व है।
2. पाकिस्तान — दूसरा गाज़ा, आतंक की फैक्ट्री
हमास की तरह ही पाकिस्तान भी एक जेहादी फैक्ट्री है।
और कुछ लोग आज भी सोचते हैं कि कुछ हमले, या वार्ताएँ इस देश को बदल देंगी।
यह भयावह भ्रम है।
- पाकिस्तान में सत्ता सेना और ISI चलाते हैं।
- आतंक वहां राजनीति का हिस्सा है।
- भारत से घृणा, वहाँ की राष्ट्रीय नीति बन चुकी है।
- वो न हार मानते हैं, न शर्माते हैं।
क्योंकि ये लड़ाई सिर्फ सीमा की नहीं, विचारधारा की है।
पाकिस्तान भी हमास की तरह आत्मविनाश की राह पर है।
और यह बीमारी अब जड़ से खत्म करनी होगी।
3. अब नहीं चाहिए दया — इतिहास से सीखो
भारत ने बार-बार दया दिखाई:
- युद्धबंदियों को लौटाया
- युद्ध रोक दिए
- संवाद का रास्ता चुना
पर बदले में क्या मिला?
- लाहौर के बाद कारगिल
- आगरा के बाद 26/11
- पठानकोट के बाद पुलवामा
हर बार हमारे सैनिक और निर्दोष नागरिक मारे गए।
अब दया नहीं, निर्णायक एक्शन चाहिए।
पाकिस्तान की आतंक फैक्ट्रियाँ, ट्रेनिंग कैम्प, समर्थक संगठन — सबका सम्पूर्ण विनाश जरूरी है।
तभी सच्ची शांति संभव होगी।
4. भारत के अंदरूनी गद्दार — कांग्रेस और विपक्षी गिरोह
जब पूरी दुनिया आतंक को खत्म करने की बात कर रही है,
तब भारत में कांग्रेस और विपक्ष मोदी से नफरत में अंधे होकर देश से गद्दारी कर रहे हैं।
- सेना की निंदा
- आतंकियों की मानवाधिकार की चिंता
- हर राष्ट्रवादी नीति का विरोध
10 साल से ये लोग सिर्फ एक ही एजेंडे पर हैं — “मोदी हटाओ“, चाहे भारत की कीमत पर ही क्यों न हो।
5. कांग्रेस का पाप–पूर्ण इतिहास — भारत के साथ धोखा
60 वर्षों में कांग्रेस ने क्या दिया?
- घोटाले पर घोटाले — बोफोर्स, 2G, कोलगेट, अगस्ता
- आपातकाल और लोकतंत्र की हत्या
- मुस्लिम तुष्टिकरण, शाहबानो केस, हिंदू–विरोधी संशोधन
- संविधान से बहुसंख्यकों के अधिकारों को कमजोर करना
- सेना को कमजोर, आतंक को छूट
इसके उलट, मोदी जी के 10 साल बेदाग, देशहितकारी और विश्व में भारत को गौरव दिलाने वाले रहे हैं।
कांग्रेस और विपक्ष अपनी हार देख नहीं पा रहे — और अब आत्मविनाश की राह पर हैं।
6. जाग चुका है हिंदू — अब कोई भ्रम नहीं
- अब हिंदू जाति, भाषा, क्षेत्र, वर्ग से ऊपर उठ चुका है।
- अब जाग्रत है
- एकजुट है
- सजग है
- निर्णायक है
अब कोई दल हमारे त्योहारों, मंदिरों, आस्थाओं या अधिकारों पर हमला नहीं कर सकता।
अब तुष्टिकरण नहीं, राष्ट्रप्रेम चलेगा।
7. ये अस्तित्व की लड़ाई है — और हम इसे जीतेंगे
ये सिर्फ चुनाव नहीं, ये धर्म और अधर्म, सत्य और झूठ, राष्ट्र और गद्दारी के बीच की लड़ाई है।
हमें करना होगा:
- पाकिस्तान के आतंक तंत्र का सम्पूर्ण विनाश
- कट्टरपंथी विचारधारा का समूल नाश
- भारत–विरोधी विपक्षी दलों को लोकतांत्रिक रूप से परास्त
- और सबसे ज़रूरी — सनातन धर्म और अखंड भारत की रक्षा।
अब कोई विश्राम नहीं।
अब कोई समझौता नहीं।
हम लड़ेंगे, केवल जीत के लिए नहीं —
हम लड़ेंगे धर्म, स्वतंत्रता और भारत की आत्मा को बचाने के लिए।
अब यह हम पर निर्भर करता है कि हम इस आखिरी और निर्णायक युद्ध में अपना कर्तव्य निभाते हैं या नहीं। यह समय है देश की अस्मिता, गरिमा और भविष्य को सुरक्षित करने का। आतंक, गद्दारी और तुष्टिकरण के खिलाफ हमारी एकजुटता ही सबसे बड़ी ताकत बन सकती है। अब या कभी नहीं — यह हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक निर्णायक मोड़ है।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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