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राजनीतिक जिहाद

आतंकवाद से राजनीतिक जिहाद तक – नया भारत दे रहा है वैश्विक संतुलन का नेतृत्व

1. तलवारों से तंत्रों तक — युद्ध का नया चेहरा

  • अब युद्ध बंदूकों से नहीं, “प्रणालियों” से लड़ा जा रहा है।
  • जहाँ पहले तलवारें और बम थे, आज लोकतंत्र, सेक्युलरिज़्म और “पीड़ित भाव” का मुखौटा है।
  • इसी का नया रूप है — “राजनीतिक जिहाद”, जो लोकतंत्र और उदारता का दुरुपयोग कर देशों को भीतर से खोखला करता है।
  • न्यूयॉर्क के मेयर के रूप में ज़ोहरान ममदानी का चयन इसी वैश्विक बदलाव का उदाहरण है — वही शहर जिसने 9/11 का आतंक झेला, अब ऐसे नेता को चुनता है जो पुलिस कमज़ोर करने और मुफ्तखोरी बढ़ाने की बात करता है।

2. उदारवाद का भ्रम

  • वैश्विक लिबरल लॉबी — रवीश कुमार से लेकर प्रशांत भूषण तक — इसे “विविधता” और “प्रगति” कहती है, पर इसके पीछे छिपा है एक षड्यंत्र।
  • कट्टरपंथी ताकतें शिक्षा, शासन और मीडिया में वैचारिक सेंध लगा रही हैं।
  • लोकतंत्र को साधन बनाकर सत्ता हासिल की जाती है — और फिर वही सत्ता लोकतंत्र को कुचलने के लिए प्रयोग होती है।

3. मुफ्तखोरी का हथियार

  • सच्चे शासन के स्थान पर “फ्री” राजनीति ने जगह ले ली है।
  • भारत में कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों ने इस “फ्री कल्चर” से समाज और अर्थव्यवस्था दोनों को कमजोर किया।
  • अब यही फार्मूला पश्चिम में भी फैल रहा है — “फ्री शिक्षा”, “फ्री स्वास्थ्य”, “कम पुलिस” जैसे वादे जनता को लुभाते हैं पर देश को तोड़ते हैं।
  • दिखने में करुणा, पर असल में राष्ट्रशक्ति को पंगु बनाने की चाल।

4. यूरोप का सबक

  • फ्रांस, जर्मनी, स्वीडन और ब्रिटेन — सबने “रिफ्यूजी करुणा” के नाम पर अपनी सुरक्षा खो दी।
  • आज इन देशों में “नो-गो ज़ोन” हैं जहाँ कानून नहीं, कट्टरपंथ चलता है।
  • “सहनशीलता बिना सजगता” ने यूरोप को आत्मघाती उदारवाद की गिरफ्त में डाल दिया है।

5. भारत — अगला निशाना

भारत पर हमला है वैचारिक, जनसांख्यिकीय और सांस्कृतिक —
• जनसंख्या जिहाद और लव जिहाद — सीमांत क्षेत्रों में तीव्र विस्तार
• धर्मांतरण जिहाद — छलपूर्वक धर्म परिवर्तन
• भूमि जिहाद — मंदिर और सार्वजनिक भूमि पर कब्ज़े
• नशा व शिक्षा जिहाद — युवाओं का पतन व इतिहास विकृति

यह सब एक ही नेटवर्क का हिस्सा है — विदेशी NGO, मीडिया और इस्लामी गठजोड़ द्वारा संचालित।

6. मोदी जी की रणनीति — सुरक्षा का लौहहस्त

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने आतंकवाद की जड़ें उखाड़ फेंकीं
  • अनुच्छेद 370 हटाकर कश्मीर से पाकिस्तान का मार्ग बंद किया।
  • सर्जिकल और एयर स्ट्राइक से प्रतिशोध की नीति स्थापित की।
  • ISIS, PFI, SIMI पर कार्रवाई कर आतंकी नेटवर्क ध्वस्त किए।
  • UAPA, NIA को मज़बूत कर आतंक वित्त पर प्रहार किया।

मोदी का मंत्र स्पष्ट है — “आतंक पर कोई समझौता नहीं, कट्टरपंथ को कोई तुष्टीकरण नहीं।”

7. मोदी जी का सॉफ्ट पावर — मुस्लिम जगत में भरोसे का सेतु

  • जहाँ वे आतंक पर सख्त हैं, वहीं उन्होंने मुस्लिम देशों से मित्रता भी बनाई
  • सऊदी अरब, UAE, ओमान, मिस्र व इंडोनेशिया से साझेदारी ने पाकिस्तान को अलग-थलग किया।
  • अबू धाबी का भव्य हिंदू मंदिर इस सह-अस्तित्व का प्रतीक है।
  • मोदी को मुस्लिम देश “संस्कृतिक सुधारक” के रूप में देखते हैं — जो आस्था का सम्मान करता है पर आतंक के आगे नहीं झुकता।

8. विश्व पर प्रभाव — नया संतुलन

मोदी की नीतियों ने विश्व को सिखाया है:

  • “लोकतंत्र आतंक के साथ नहीं चल सकता, तुष्टीकरण शांति नहीं लाता।”
  • भारत आज वैश्विक संतुलन का केंद्र बन रहा है — शक्ति और शांति का संगम।

9. सभ्यतागत संदेश

  • जिहाद केवल सैन्य नहीं, सभ्यतागत युद्ध है।
  • उत्तर भी सभ्यतागत होना चाहिए —
    • युवाओं को वैचारिक जागरूकता
    • जाति-धर्म से ऊपर राष्ट्रीय एकता
    • तुष्टीकरण की जगह नीति और निष्ठा
    • और ऐसे नेताओं का समर्थन जो धर्म और राष्ट्र दोनों की रक्षा करें।

10. भारत जगत का मार्गदर्शक

  • आज दुनिया दो रास्तों पर खड़ी है — तुष्टीकरण या जागरण।
  • पश्चिम झुक रहा है, भारत जाग रहा है।
  • मोदी जी का भारत दिखा रहा है — मज़बूत रक्षा, निर्भीक कूटनीति और सच्ची सह-अस्तित्व की राह।
  • भारत का उत्थान ही विश्वशांति और धर्म का उत्थान है।

🇮🇳 जय भारत, वंदे मातरम् 🇮🇳

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