आत्मनिर्भर भारत का उद्देश्य देश को सशक्त बनाना है, लेकिन क्या यह हकीकत है या सिर्फ एक राजनीतिक प्रोपेगेंडा?
कैसे राहुल गांधी भारत के निर्माण को नुक़सान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं
📍 संदर्भ
जैसे ही भारत ‘अमृत काल’ में प्रवेश कर रहा है — यह परिवर्तन और पुनरुत्थान का एक निर्णायक काल है — सरकार भारत को उच्च तकनीक निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन और आत्मनिर्भरता का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए सशक्त प्रयास कर रही है। जबकि अधिकांश नागरिक इस विकास को समर्थन दे रहे हैं, वहीं राहुल गांधी के नेतृत्व में एक राजनीतिक वर्ग इसे जानबूझकर बाधित करने की कोशिश कर रहा है — न केवल अज्ञानता के कारण, बल्कि राजनीतिक असुरक्षा और वैचारिक पूर्वाग्रह के कारण।
🛠️ नेहरू प्लेस ड्रामा: राहुल गांधी का गुमराह करने वाला भ्रमण
हाल ही में राहुल गांधी ने नेहरू प्लेस (एशिया के सबसे बड़े आईटी हार्डवेयर बाजारों में से एक) का दौरा किया और यह दिखाने की कोशिश की:
- ‘मेक इन इंडिया’ एक झूठ है, और
- भारत अभी भी पूरी तरह से चीनी कंपोनेंट्स पर निर्भर है।
लेकिन उन्होंने जो कुछ दिखाया, वह सच नहीं है और जानबूझकर किया गया भ्रम फैलाव है।
📈 सच्चाई: भारत सिर्फ असेंबल नहीं कर रहा, बना रहा है
- भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण उद्योग ने पिछले एक दशक में शून्य से वैश्विक मंच तक की यात्रा की है:
- 2024 में ₹2.2 लाख करोड़ मूल्य के मोबाइल फोन भारत में बने।
- Apple अब भारत में iPhone बना रही है, और उनके 20–25% कंपोनेंट्स स्थानीय रूप से सोर्स हो रहे हैं — यह सिर्फ 4 वर्षों में एक बड़ा बदलाव है।
- Samsung, Tata Electronics, Dixon, Foxlink और Wistron जैसी कंपनियां तमिलनाडु, कर्नाटक और यूपी में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगा रही हैं।
➡️ राहुल जिस “स्क्रूड्राइवर टेक्नोलॉजी” का मज़ाक बना रहे हैं, वहीं से चीन ने 1980 के दशक में शुरुआत की थी। भारत अगले दशक में सेमीकंडक्टर और हाई–एंड इलेक्ट्रॉनिक्स का हब बनने की राह पर है — और कांग्रेस इसे जानती है।
🇮🇳 रणनीतिक दृष्टिकोण: मोदी का मेक इन इंडिया बनाम कांग्रेस का चूका हुआ मौका
🔴 कांग्रेस काल (2004–2014):
- इलेक्ट्रॉनिक्स आयात तेज़ी से बढ़ा, भारत पूरी तरह आयात पर निर्भर हो गया।
- चीनी कंपनियों को रेड कार्पेट वेलकम दिया गया।
- कोई भी बड़ा मोबाइल निर्माता या कंपोनेंट कंपनी भारत नहीं आई।
- विनिर्माण का GDP में हिस्सा 15% पर ठहरा रहा।
🟢 मोदी काल (2014–अब तक):
- इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण का मूल्य 600% से अधिक बढ़ा।
- भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता बना।
- PLI स्कीम शुरू — ₹1.97 लाख करोड़ की प्रोत्साहन राशि से वैश्विक कंपनियां आकर्षित हुईं।
- गुजरात और तमिलनाडु में सेमीकंडक्टर पार्क बनाए जा रहे हैं।
राहुल गांधी का ‘मेक इन इंडिया’ पर तंज केवल राजनीतिक आलोचना नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की अवहेलना है।
⚠️ चीन से व्यापार पर कांग्रेस का पाखंड
राहुल गांधी कहते हैं कि चीन से आयात मोदी काल में बढ़ गया — लेकिन आइए वास्तविक आंकड़े देखें:
वर्ष | चीन से भारत का आयात |
2004 (UPA की शुरुआत) | $7.5 बिलियन |
2014 (UPA का अंत) | $60+ बिलियन |
2024 (मोदी सरकार) | ~$90 बिलियन* |
🔍 जबकि कुल आंकड़े बढ़े हैं, वृद्धि की दर में गिरावट आई है, और मोदी सरकार ने कई एंटी–चाइना कदम उठाए हैं:
- चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध (जैसे TikTok)
- चीनी कंपनियों को रणनीतिक क्षेत्रों से बाहर किया
- स्थानीय निर्माण को बढ़ावा देकर आयात कम किया
वहीं कांग्रेस सरकार ने:
- Huawei, Xiaomi जैसी चीनी कंपनियों के साथ MoU साइन किए
- 1962 जैसी चीनी आक्रमण पर चुप्पी साधी
- और अब जब भारत आर्थिक और कूटनीतिक रूप से जवाब देता है, तब आरोप लगाने लगते हैं
📉 GDP में विनिर्माण का हिस्सा?
कांग्रेस का एक और झूठ है कि “विनिर्माण का GDP में हिस्सा घट रहा है”।
✔ सच्चाई यह है कि भारत की GDP तेज़ी से बढ़ी है, विशेष रूप से IT और सेवाओं से। ✔ इस वजह से विनिर्माण का प्रतिशत कम दिखता है, लेकिन वास्तविक मूल्य लगातार बढ़ रहा है — और लाखों नौकरियाँ भी पैदा हुई हैं।
- मोदी सरकार अब उस ऐतिहासिक गलती को सुधार रही है, जहां कांग्रेस ने कृषि से सीधे सेवाओं की ओर छलांग लगाई, और विनिर्माण को नजरअंदाज़ किया।
🧠 राहुल गांधी क्या नहीं समझते (या समझना नहीं चाहते)
- कोई भी देश 100% लोकल सामग्री से मैन्युफैक्चरिंग शुरू नहीं करता। जापान और कोरिया भी शुरुआत में अधिकांश भाग आयात करते थे।
- इसमें विजन, निरंतरता और इन्फ्रास्ट्रक्चर चाहिए — जो मोदी सरकार दे रही है।
- Steve Jobs ने भी शुरुआत में iPhone का निर्माण आउटसोर्स किया — भारत उसी राह पर तेज़ी से बढ़ रहा है।
राहुल गांधी को शॉर्टकट चाहिए — या शायद वे चाहते हैं कि जब तक कांग्रेस सत्ता में न आए, भारत का कुछ न हो।
🔥 कांग्रेस का असली डर
राहुल गांधी और उनका इकोसिस्टम डरता है कि अगर:
➡️ भारत मैन्युफैक्चरिंग हब बन गया,
➡️ तो हिंदू मध्यम वर्ग, युवा और उद्यमी मजबूत हो जाएंगे,
➡️ और उन्हें कांग्रेस के फ्रीबीज और तुष्टिकरण की राजनीति की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
इससे कांग्रेस का वंशवादी, आश्रित और पहचान की राजनीति पर आधारित मॉडल टूट जाएगा। इसलिए वे:
- आत्मनिर्भर भारत का मज़ाक उड़ाते हैं
- डिजिटल इंडिया को कमज़ोर करने की कोशिश करते हैं
- वोकल फॉर लोकल पर सवाल उठाते हैं
- GDP, रोज़गार और विकास पर झूठ फैलाते हैं
🙏 जनता से आह्वान
हर भारतीय को समझना चाहिए:
✅ मैन्युफैक्चरिंग कोई स्विच नहीं है — यह एक रणनीतिक प्रक्रिया है, और भारत सही रास्ते पर है।
✅ राजनीतिक वंशजों के झूठ से खुद को धोखा न दें।
✅ लोकल का समर्थन करें, सच्चाई बोलें और प्रोपेगेंडा से सतर्क रहें।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮
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