एक अधूरी साज़िश
आज देश के सामने सिर्फ़ एक हमला नहीं, बल्कि एक गहरी अंतरराष्ट्रीय साज़िश खड़ी है। सोशल मीडिया पर उबलते गुस्से और युद्ध की मांगों के बीच, यह समझना जरूरी है कि अभी भारत को भावनाओं से नहीं, रणनीति और समझदारी से आगे बढ़ना होगा। दुश्मन चाहता है कि हम जल्दबाज़ी में कदम उठाएं, ताकि देश अंदर और बाहर दोनों मोर्चों पर उलझ जाए। लेकिन भारत की असली ताकत संयम, योजना और एकजुटता में है। यही वक्त है सोचने का — युद्ध बाद में, बुद्धि पहले।
सिर्फ भावनाओं से नहीं, रणनीति और दूरदृष्टि से भारत बचेगा और उभरेगा
पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर गुस्से और बदले की आग में डूबे संदेश छाए हुए हैं:
“अब बहुत हो गया… मार दो… मिटा दो… युद्ध करो…!”
हममें से कई लोगों ने ये पोस्ट पढ़ी हैं, और गुस्से में शायद कुछ ने साझा भी की हों।
लेकिन अब समय है — रुकने, सोचने और समझने का।
यह कोई कमजोरी नहीं है।
भारत की सेना सक्षम है।
मोदी सरकार अनुभव, इच्छाशक्ति और रणनीति से परिपूर्ण है।
फिर भी, आज युद्ध भारत के हित में नहीं है।
❗ क्यों? क्योंकि यह हमला सिर्फ हमला नहीं — एक अंतरराष्ट्रीय साज़िश है।
याद कीजिए हाल की घटनाएं:
- किसान आंदोलन: भारत में गृहयुद्ध की साज़िश थी — सरकार ने संयम से काम लिया, फूंक-फूंक कर कदम रखा, और जाल को नाकाम किया।
- CAA और दिल्ली दंगे: धर्म के नाम पर देश को जलाने की कोशिश हुई — सरकार ने हालात संभाले।
- मणिपुर: पूरे एक साल से हिंसा भड़काई गई — लेकिन केंद्र ने संयम नहीं छोड़ा।
- बांग्लादेश में हिंदू नरसंहार: भारत को युद्ध में घसीटने की कोशिश – लेकिन सरकार जाल में नहीं फँसी।
👉 बार-बार भारत ने रणनीतिक संयम से खुद को अराजकता से बचाया है — कमजोरी से नहीं।
🔍 अब समझिए पहलगाम हमले के पीछे की चाल:
- पाकिस्तान को अमेरिका से 400 मिलियन डॉलर की मदद मिली।
- पाक पीएम और आर्मी चीफ सऊदी अरब गए।
- पाक आतंकियों ने POK में हमास नेताओं से मुलाकात की।
- पाक आर्मी चीफ ने मोदी और हिंदुओं के खिलाफ ज़हर उगला।
- और तभी हुआ हिंदू यात्रियों पर हमला।
सेना नहीं, पुलिस नहीं — आम हिंदू नागरिक क्यों निशाने पर?
क्योंकि मकसद है — धार्मिक तनाव भड़काना, भारत में दंगे करवाना।
🌍 इस समय क्या चल रहा है?
- अमेरिका की उपराष्ट्रपति भारत में थीं।
- मोदी सऊदी में थे।
- विपक्ष का एक बड़ा नेता अमेरिका से लौटा।
- अमेरिका, कनाडा, UK, फ्रांस, जर्मनी — अचानक सबने कहा: “भारत का समर्थन करेंगे।”
इतना अचानक समर्थन क्यों?
क्योंकि ये ताकतें चाहती हैं कि भारत युद्ध करे, थक जाए, बिखर जाए —
और फिर भारत का उदय रुक जाए।
🎯 असल एजेंडा क्या है?
- भारत को युद्ध में फँसाकर आर्थिक रूप से थकाना।
- पाकिस्तान को “शिकार” की तरह पेश करना।
- विपक्ष चाहता है कि मोदी गलती करें — जल्दबाज़ी में युद्ध करें, असफल हों, और सत्ता से जाएँ।
👉 जो लोग पहले बालाकोट पर सबूत मांगते थे,
आज वही लोग बोल रहे हैं: “जो मोदी करें, हम समर्थन देंगे।”
इतनी जल्दी बदलाव क्यों? क्योंकि अब फँसाने की बारी है।
⚠ जनरल बिपिन रावत की चेतावनी — “हाफ फ्रंट” सक्रिय है।
- भारत के अंदर एक नेटवर्क है जो देश विरोधी ताकतों से जुड़ा है:
- किसान आंदोलन
- CAA विरोध
- मणिपुर हिंसा
- धार्मिक दंगे
सब इसी “हाफ फ्रंट” के हिस्से हैं।
अगर भारत युद्ध में गया, तो यही तत्व देश के भीतर गृहयुद्ध भड़काएँगे।
❗ असली खतरा पाकिस्तान नहीं — भारत के अंदर की आग है।
🇮🇳 भारत की ताकत पर संदेह मत कीजिए।
भारत पाकिस्तान, चीन और इस्लामी आतंकी नेटवर्क — तीनों से एक साथ लड़ सकता है।
लेकिन अगर देश के अंदर ही आग भड़क जाए,
तो हमारी बाहरी ताकत भी कमजोर हो जाएगी —
और यही दुश्मनों की असली चाल है।
✅ तो अब क्या करें?
- भावनाओं में बहकर युद्ध की माँग न करें।
- विदेशी मीडिया और सोशल मीडिया की अफवाहों से सावधान रहें।
- सरकार की चुप्पी को कमजोरी मत समझिए — यह रणनीति है।
सैन्य जवाब के अलावा भी भारत के पास दर्जनों तरीके हैं पाकिस्तान को घुटनों पर लाने के।
🙏 जनता से अपील:
l जागरूक बनिए, भावुक नहीं।
- सोच–समझकर प्रतिक्रिया दीजिए।
- सरकार और सेना पर विश्वास रखिए।
मोदी सरकार जानती है — कब, कहां और कैसे चोट करनी है।
🔥 अभी युद्ध नहीं — रणनीति और एकता की ज़रूरत है।
भारत उभरेगा — लेकिन गुस्से से नहीं, समझदारी से।
✊जय हिंद, जय भारत, जय सनातन धर्म।
अधिक ब्लॉग्स के लिए कृपया www.saveindia108.in पर जाएं।