एयर इंडिया AI171 हादसा
12 जून 2025 को, एयर इंडिया की फ्लाइट AI171, जो अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुई थी, कुछ ही सेकंड में एक भीषण हादसे का शिकार हो गई। विमान टेकऑफ के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया और 260 निर्दोष लोगों की मौत हो गई — इनमें से 19 लोग जमीन पर मौजूद थे।
यह दुर्घटना जितनी भयावह थी, उतनी ही शर्मनाक थी मीडिया की प्रतिक्रिया।
👉 असली कारणों की अनदेखी, झूठी कहानियों की बाढ़
- भारत की विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट से यह साफ था कि यह हादसा एक गंभीर तकनीकी खामी की वजह से हुआ:
- टेकऑफ के ठीक बाद दोनों इंजन में फ्यूल सप्लाई अपने आप बंद हो गई।
- फ्यूल कटऑफ स्विच खुद-ब-खुद “RUN” से “CUTOFF” में बदल गए।
- रैम एयर टर्बाइन (RAT) एक्टिव हो गया — यह तभी होता है जब प्लेन पूरी तरह बिजली और इंजन की ताकत खो देता है।
- पक्षी टकराने या पायलट की गलती जैसी कोई बात सामने नहीं आई।
- इसमें यह भी पाया गया कि पायलटों ने फ्यूल कटऑफ स्विच बंद नहीं किए — बल्कि वह खुद चौंककर एक-दूसरे से पूछ रहे थे: “तुमने क्यों किया?” और जवाब मिला: “मैंने नहीं किया।”
- इस हादसे के तुरंत बाद अमेरिकी एविएशन संस्था FAA की पुरानी चेतावनी भी सामने आई, जिसमें बोइंग 787 विमानों में फ्यूल लॉक की समस्या का स्पष्ट जिक्र था।
🧨 लेकिन मीडिया ने किसे जिम्मेदार ठहराया?
- जैसे ही रिपोर्ट आई, कुछ विदेशी मीडिया संस्थान — BBC, Reuters, Daily Mail — एक स्वर में चिल्लाने लगे कि “पायलट ने गलती की, फ्यूल स्विच बंद किए।“
- उन्होंने तकनीकी कारणों पर चर्चा करने के बजाय, मरे हुए भारतीय पायलटों पर आरोप लगाने शुरू कर दिए।
- और इसमें भारत के वामपंथी मीडिया गैंग, विपक्षी प्रवक्ता और मोदी–विरोधी एक्टिविस्ट भी शामिल हो गए।
उन्होंने वही पुराना नैरेटिव दोहराना शुरू कर दिया:
- मोदी सरकार की विफलता
- एयर इंडिया की लापरवाही
- पायलटों की गलती
- भारत में ‘खतरनाक एविएशन सिस्टम’
🤯 लेकिन असल मंशा क्या थी?
इसका उद्देश्य सिर्फ हादसे की जिम्मेदारी तय करना नहीं था। यह एक व्यापक नैरेटिव का हिस्सा था — मोदी सरकार को हर हाल में बदनाम करना, हिंदू समाज को भ्रमित करना और देश में अविश्वास फैलाना।
हर मुद्दे पर, हर मंच पर, यही लोग:
- सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाते हैं
- राम मंदिर पर आग उगलते हैं
- कश्मीर में धारा 370 को लेकर विलाप करते हैं
- सीएए पर झूठ फैलाते हैं
- और अब, पायलटों पर आरोप लगा कर भारत की सुरक्षा और प्रतिष्ठा पर प्रहार कर रहे हैं
🔥 क्या यह केवल दुर्घटना पर रिपोर्टिंग है?
नहीं।
- यह भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर कमजोर दिखाने की एक सुनियोजित साजिश है।
- यह बोइंग जैसी अमेरिकी कंपनियों को बचाने और भारत की आत्मनिर्भर एविएशन प्रणाली पर सवाल खड़े करने का प्रयास है।
- यह शहीद पायलटों की गरिमा को धूल में मिलाने का एक क्रूर उदाहरण है।
💡 राष्ट्रवादी नागरिकों और हिन्दू समाज से अपील
यह समय है जब हमें आंखें खोलनी होंगी।
हर बार जब ऐसी दुर्घटना होती है, मीडिया और विपक्षी नेता एकजुट होकर भारत और हिंदुओं को बदनाम करने लगते हैं।
अब हमें यह समझना होगा कि:
- हर घटना को “मोदी की गलती” कहने वाला एजेंडा सिर्फ राजनीतिक नहीं, वैचारिक युद्ध है।
- ये लोग भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और समाजिक संरचना को कमजोर करना चाहते हैं।
- अगर हिंदू समाज सतर्क नहीं हुआ, तो सिर्फ सरकार ही नहीं, आपकी पीढ़ियाँ गुमराह कर दी जाएँगी।
📢 अब क्या करें?
- हर फर्जी नैरेटिव का खंडन करें — अपने परिवार और सोशल सर्कल में।
- देश के वीरों का सम्मान करें — चाहे वह सैनिक हो, वैज्ञानिक हो या पायलट।
- मीडिया की चालाकियों को बेनकाब करें — सच्चाई फैलाएं।
- राजनीतिक विकल्प को ठीक से समझें — विपक्षी दलों का असली चेहरा पहचानें।
- अगले चुनावों में पूरे ज़ोर से मतदान करें — BJP के एक मज़बूत राष्ट्रवादी नेतृत्व को समर्थन दें।
✋ याद रखिए:
- “जो राष्ट्र अपने शहीदों का सम्मान नहीं करता, वह आत्मघाती होता है।
और - जो जनता फर्जी नैरेटिव को सच मान लेती है, वह गुलामी की ओर बढ़ती है।”
🕉️ हम राष्ट्रवादी हैं, हम हिन्दू हैं, हम भारतवासी हैं — और अब हम गुमराह नहीं होंगे।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮
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