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ऐतिहासिक तुष्टिकरण

ऐतिहासिक तुष्टिकरण, संस्थागत पक्षपात और हिंदुओं के साथ निरंतर विश्वासघात

नोट: इस विवरण में जिन योजनाओं, घोषणाओं और नीतियों का उल्लेख किया गया है, वे भले ही पहले की सरकारों द्वारा लागू की गई हों, लेकिन यह केवल पुरानी कहानी नहीं है — यह उस विचारधारा और राजनीतिक मानसिकता को उजागर करती है जो आज भी तथाकथित सेक्युलर पार्टियों के डीएनए में मौजूद है।

🧠 ‘धर्मनिरपेक्षता’ की असली सूरत — मुस्लिम तुष्टिकरण की योजनाबद्ध साज़िश

1947 से लेकर आज तक, कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने मुसलमानों को प्रसन्न करने के लिए सत्ता का हर साधन इस्तेमाल किया। इसका उद्देश्य उनका उत्थान नहीं था, बल्कि एक राजनीतिक वोट बैंक बनाना था — जिसकी कीमत हिंदू समाज को चुकानी पड़ी।

इस साज़िश में न केवल सरकारी योजनाएं शामिल थीं, बल्कि पूरी शासन प्रणाली को झुका दिया गया:

  • अल्पसंख्यक मंत्रालय — एक ऐसा तंत्र बन गया जहाँ मतांतरण के बाद शिक्षा, ऋण, स्कॉलरशिप, आवास, व्यवसायिक सहायता जैसे अनेक लाभ तुरंत मिल जाते हैं, लेकिन हिंदुओं को इनमें कोई विशेष सुविधा नहीं।
  • हजारों मदरसे — जहां कट्टरपंथ और अलगाववाद को पढ़ाया जाता है, उन्हें सरकारी पैसे से ‘आधुनिक’ बनाने के नाम पर करोड़ों दिए गए।
  • वक्फ बोर्ड — जिसकी संपत्ति ₹12 लाख करोड़ से अधिक है, उसे सरकार से अलग से फंड मिलता है, जबकि हिंदू मंदिरों को सरकार अपने नियंत्रण में लेकर उनकी संपत्ति का दुरुपयोग करती है।

🔥 धर्मांतरण को बना दिया गया एक राजनीतिक औजार

पूरे देश में एक प्रलोभन आधारित तंत्र खड़ा किया गया जिसमें गरीब और असहाय हिंदुओं — विशेषकर दलितों, वनवासियों और पिछड़ों — को कहा गया:

अगर आप धर्म बदलते हैं, तो…

  • छात्रवृत्ति मिलेगी
  • सरकारी नौकरी और आरक्षण मिलेगा
  • व्यवसाय के लिए कर्ज मिलेगा
  • राशन कार्ड, मकान और सुविधाएं मिलेंगी

यह सब भारत सरकार के टैक्सपेयर्स के पैसे से — और यह खुल्लम खुल्ला हिंदुओं के खिलाफ भेदभाव है।

⚠️ यह ‘सेक्युलरिज्म’ नहीं — यह राष्ट्रद्रोह है

आज इसका नतीजा क्या है?

  • हिंदू होना अपने ही देश में अभिशाप बना दिया गया है
  • संवैधानिक संरक्षण मुसलमानों को — बहुसंख्यक हिंदुओं को नहीं
  • पढ़ाई, नौकरी, स्कॉलरशिप, लोन — सबकुछ धर्म के आधार पर बंटा
  • सत्ता की भूखी पार्टियों ने हर स्तर पर मुसलमानों को प्राथमिकता दी

🛑 भारत का इस्लामीकरण — एक मौन योजना

इतिहास गवाह है — अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश में यही हुआ। और भारत भी उसी राह पर है अगर समय रहते नहीं संभले।

  • धार्मिक परिवर्तन तेज़ी से हो रहा है
  • कट्टरपंथी संगठनों की पकड़ बढ़ रही है
  • जनसंख्या जिहाद, लव जिहाद, आर्थिक जिहाद और अन्य कई तरह के जिहाद चल रहे हैं।
  • हिंदू बहुल क्षेत्र धीरे-धीरे मुस्लिम बहुल बनते जा रहे हैं
  • हिंदू अब मुस्लिम बहुल मोहल्लों, गांवों और शहरों में डरकर रहने लगे हैं

🕉️ अब भी समय है — जागो और संगठित हो

हमें क्या करना होगा:

  • हर हिंदू को तुष्टिकरण की इस साजिश से परिचित कराएं
  • धर्मांतरण विरोधी कड़े कानून की माँग करें
  • धर्म आधारित आरक्षण और विशेषाधिकार खत्म हों
  • मुस्लिम तुष्टिकरण करने वाली हर पार्टी का खुला विरोध करें
  • हिंदुत्व समर्थक सरकारों को हर स्तर पर समर्थन दें
  • जाति, भाषा, क्षेत्र छोड़कर एकजुट होकर हिंदू बनें
  • धार्मिक नेताओं को राजनीतिक रूप से सजग और सक्रिय करें
  • मीडिया, न्यायपालिका और शिक्षा में ‘सेक्युलर’ पाखंड को बेनकाब करें

📢 यह कहानी अतीत की नहीं, बल्कि हमारे वर्तमान और भविष्य की चेतावनी है

अगर हम अभी भी नहीं जागे, तो 10–20 वर्षों में भारत में:

  • हिंदू अल्पसंख्यक बन जाएंगे
  • मंदिर टूटेंगे, गुरुकुल जलेंगे
  • महिलाएं असुरक्षित होंगी
  • और हम सबके बच्चे या तो मुसलमान बन जाएंगे या निर्वासित होंगे

🕯️ सनातन धर्म तभी तक जीवित रहेगा, जब तक हिंदू बाहुल्य हैं

  • और हिंदू तभी तक जीवित रहेंगे जब तक भारत एक हिंदू राष्ट्र बना रहेगा।
  • अन्यथा हमारे हालत वही होंगे जो आज पाकिस्तान, बांग्लादेश और अन्य मुस्लिम देशों मैं हुआ हैं।

🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳

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