पिछले 100 वर्षों से, अमेरिका दुनिया की प्रमुख सुपरपावर बना हुआ है, जो अपनी प्रभुता को चुनौती देने वाली शक्तियों को नष्ट करता रहा है:
जापान: द्वितीय विश्व युद्ध में जापान की चुनौती के जवाब में अमेरिका ने परमाणु हमले किए।
सोवियत संघ: शीत युद्ध के दौरान, अमेरिका ने सोवियत संघ को 17 टुकड़ों में बांट दिया।
इराक और ईरान: अमेरिका ने इन देशों की अर्थव्यवस्थाओं को नष्ट किया, जब इन्होंने अमेरिकी नीति का पालन नहीं किया।
चीन: अब चीन एक नया चुनौती देने वाला है, और भारत के भू-राजनीतिक उभार ने भी अमेरिका का ध्यान आकर्षित किया है।
औद्योगिक प्रभुत्व: अमेरिका का गुप्त हथियार
अमेरिकी उद्योगपति वैश्विक आर्थिक परिदृश्य पर प्रभुत्व रखते हैं। चीन के जैक मा जैसे उद्योगपतियों को अमेरिकी दबाव का सामना करना पड़ा, और अब ध्यान भारत के अदानी और अंबानी जैसे उद्योगपतियों पर है।
अदानी को निशाना बनाना: हिन्डनबर्ग अभियान
गौतम अदानी, जो 2022 में दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बने, के खिलाफ लगातार हमले हो रहे हैं, जैसे हिन्डनबर्ग रिपोर्ट, ताकि भारत का उभार रोका जा सके।
भारत का उभार: वैश्विक शक्तियों के लिए खतरा
भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था और आत्मनिर्भरता, अमेरिका, यूरोप, चीन, और अरब दुनिया के लिए खतरा बन सकती है। भारत का तेजी से बढ़ता बाजार और मजबूत रुपया वैश्विक आर्थिक व्यवस्था को बदल सकता है।
आंतरिक खतरे: गद्दारों और प्रोपेगेंडा की भूमिका
भारत में गद्दार और विदेशी एजेंट, जो भारत की प्रगति को कमजोर करते हैं, अमेरिकी मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।
अमेरिका ने ऐतिहासिक रूप से देशों को अस्थिर किया है, और भारत में भी ऐसे ही प्रयास किए जा रहे हैं।
उद्योगपतियों की भूमिका
भारत का वैश्विक उभार उद्योगपतियों जैसे अदानी, अंबानी, और महिंद्रा की सफलता से जुड़ा है। इनको निशाना बनाना भारत की शक्ति को कमजोर करता है।
हम क्या कर सकते हैं?
भारत की स्थिर सरकार को मजबूत बनाए रखने के लिए:
गद्दारों को पहचानें और उजागर करें।
गलत सूचना का मुकाबला करें और भारतीय व्यवसायों का समर्थन करें।
🇮🇳 हमारी जिम्मेदारी
हम, लोग, भारत की ताकत हैं। इस संदेश को फैलाएं और भारत को विभाजित करने के प्रयासों को हराएं।
🇮🇳 जय हिंद! वन्दे मातरम्! 🙏