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अमेरिका का सत्ता परिवर्तन

अमेरिका का सत्ता परिवर्तन का खेल

  • भारत के राजनीतिक परिदृश्य में आज जो कुछ हो रहा है, वह केवल “लोकतांत्रिक राजनीति” का सामान्य खेल नहीं है, बल्कि यह एक वैश्विक सत्ता परिवर्तन की साजिश है।
  • अमेरिका और पश्चिमी ताकतें लंबे समय से उन देशों की सरकारें गिराने का खेल खेलती रही हैं जो उनकी शर्तों और हितों पर नहीं झुकते।
  • और इस समय भारत उनकी सबसे बड़ी चिंता है क्योंकि मोदी सरकार ने भारत को आत्मनिर्भर, मज़बूत और विश्व शक्ति बनाने की दिशा में ऐसा कदम उठाया है जो उनके प्रभुत्व को सीधी चुनौती देता है।

✈️ राहुल गांधी की संदिग्ध विदेशी यात्राएँ

संसद में विपक्ष के नेता, श्री राहुल गांधी ने आज तक एक भी मंत्री पद नहीं संभाला है। इसके बावजूद, उन्होंने 2015 से 2019 तक 247 विदेशी यात्राएँ कीं। यह संख्या इतनी असामान्य है कि यह अपने आप में सवाल खड़ा करती है – आखिर इन यात्राओं के पीछे मक़सद क्या था?

इन यात्राओं के दौरान राहुल गांधी कई ऐसे नेताओं और संगठनों से मिले जिनका भारत-विरोधी एजेंडा जगजाहिर है:

  • इल्हान उमर (अमेरिकी सांसद) – जो खुले तौर पर पाकिस्तान की भाषा बोलती हैं और कश्मीर पर भारत-विरोधी बयान देती हैं।
  • जेरेमी कॉर्बिन (ब्रिटिश लेबर पार्टी नेता) – जिन्होंने भारत के खिलाफ प्रस्ताव पारित करवाए।
  • अल्वीना अलमेत्सा और पियरे लारौतुरो (यूरोपीय सांसद) – जो लगातार भारत की आंतरिक नीतियों पर हमला करते रहे।
  • फैबियो मासिमो कैस्टाल्डो (इतालवी नेता) – जिनके संबंध आईएसआई के यूरोपीय एजेंट परवेज इकबाल लोसार से माने जाते हैं।

इन मुलाक़ातों का क्या उद्देश्य था? क्यों कांग्रेस और राहुल गांधी ने अब तक इसका स्पष्टीकरण नहीं दिया?

🎤 विदेशी मंचों से भारत को बदनाम करना

राहुल गांधी ने केवल विदेशी नेताओं से मुलाक़ात ही नहीं की बल्कि विदेशी मंचों से भारत को बदनाम भी किया

2022 में ब्रिटेन में आयोजित Ideas for India सम्मेलन में:

  • उन्होंने कहा कि भारतीय राजनयिक यूरोप के आदेश नहीं मानते।
  • रूस-यूक्रेन संघर्ष का हवाला देकर भारत की तुलना युद्धग्रस्त देशों से की।
  • यहां तक कि लद्दाख की तुलना यूक्रेन से करते हुए संकेत दिया कि वहां भी अमेरिका जैसे देशों को हस्तक्षेप करना चाहिए।

यह न केवल असंवेदनशील बयान था बल्कि विदेशी शक्तियों को भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने का खुला निमंत्रण था।

🕵️ CIA और अमेरिकी हस्तक्षेप का पुराना खेल

अमेरिका का इतिहास इस बात का गवाह है कि पिछले 80 वर्षों में उसने 70 से अधिक देशों की सरकारें गिराईं

पूर्व CIA निदेशक लियोन पनेटा ने खुलकर स्वीकार किया था कि CIA किसी देश में “सीधे वोट नहीं बदलती” लेकिन मीडिया और नैरेटिव को अपने पक्ष में मोड़ती है

  • स्थानीय मीडिया संस्थानों को खरीदना।
  • सोशल मीडिया के जरिए झूठ फैलाना।
  • विरोधी नेताओं को “लोकप्रिय” बनाना।
  • जनता की सोच बदलकर चुनावी परिणाम प्रभावित करना।

आज वही खेल भारत में खेला जा रहा है – सोशल मीडिया पर मोदी सरकार के खिलाफ झूठे नैरेटिव, विपक्षी नेताओं का विदेशी समर्थन, और अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए कांग्रेस उनको सहयोग कर रही है।

📉 2024 का चुनावी परिणाम – एक साजिश?

2024 के आम चुनावों में भाजपा ने अपेक्षित बहुमत नहीं पाया और 240 सीटों तक सीमित रह गई। यह केवल एक सामान्य चुनावी हार नहीं थी, बल्कि एक सोची-समझी अंतरराष्ट्रीय रणनीति का परिणाम था।

यूरोप स्थित संस्था Disinfo Lab ने अपनी रिपोर्ट The Invisible Hand में स्पष्ट किया कि:

  • अमेरिकी Henry Luce Foundation (HLF),
  • जॉर्ज सोरोस का Open Society Foundation (OSF),
  • और फ्रांसीसी लेखक Christophe Jaffrelot

मिलकर भारत-विरोधी नैरेटिव फैला रहे थे। रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव से 6 महीने पहले सोशल मीडिया और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के खिलाफ दुष्प्रचार अभियान तेज़ कर दिया गया था

  • यह साफ़ संकेत है कि भाजपा की सीटों में गिरावट महज़ चुनावी रणनीति की विफलता नहीं थी, बल्कि विदेशी शक्तियों के हस्तक्षेप का प्रत्यक्ष परिणाम थी

⚠️ भारत के लिए खतरे की घंटी

आज कांग्रेस और विपक्ष विदेशी ताकतों के हाथों की कठपुतली बन चुके हैं।

  • 2014 से पहले भारत हमेशा झुकता था – चाहे आयात हो, रक्षा सौदे हों या विदेश नीति।
  • उस दौर में भ्रष्टाचार और घोटाले ही राजनीतिक मंत्र बन गए थे।
  • लेकिन मोदी सरकार ने न सिर्फ़ इस संस्कृति को तोड़ा बल्कि भारत को इस काबिल बनाया कि वह अमेरिका, चीन और यूरोप से आँखों में आँख डालकर बातचीत कर सके।
  • यही वजह है कि अब पश्चिमी देशों की बौखलाहट बढ़ रही है और वे भारत को फिर से कमजोर करने के लिए हर हथकंडा अपनाने को तैयार हैं।

🔔 सनातनी एकता ही समाधान

अब सवाल केवल राजनीति का नहीं बल्कि राष्ट्र की संप्रभुता और सनातन धर्म के अस्तित्व का है।

👉 क्या हम कांग्रेस और “ठगबंधन” को मौका देंगे कि वे भारत को फिर से एक कमजोर, आयात-निर्भर और इस्लामीकरण की ओर धकेलें?
👉 या हम मोदी सरकार और राष्ट्रवादी ताकतों का समर्थन करेंगे ताकि भारत टॉप-3 सुपरपावर बनने की दिशा में आगे बढ़ सके?

🚩 भारत की जनता को अब सच पहचानना होगा। झूठे नैरेटिव और विदेशी हस्तक्षेप को हराना ही असली राष्ट्रधर्म है।

🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳

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