सनातन धर्म की रक्षा और हिंदू राष्ट्र की स्थापना के लिए एक वैचारिक धर्मयुद्ध का प्रतीक है। यह सत्य, धर्म और संस्कृति की विजय की ओर मार्गदर्शन करता है।
शाश्वत संघर्ष
- भारत, सनातन धर्म की जन्मभूमि, ने सदियों तक आक्रमण, मंदिरों का विध्वंस, जबरन धर्मांतरण, उपनिवेशवाद और आधुनिक वैचारिक हमले झेले।
- इन सबके बावजूद सनातन धर्म जीवित रहा—घायल जरूर हुआ, पर समाप्त नहीं। इतिहास का सबसे बड़ा सबक यही है: हिंदू कभी शत्रुओं की ताक़त से नहीं हारे, बल्कि अपनी फूट, आत्मसंतोष और आंतरिक विश्वासघात से हारे।
- आज 21वीं सदी में, भारत फिर एक निर्णायक मोड़ पर खड़ा है। यह केवल चुनाव या राजनीति की लड़ाई नहीं—यह सभ्यतागत युद्ध है।
- न्यायपालिका की पक्षपातपूर्ण सोच, विपक्ष का तुष्टीकरण, धर्मांतरण, कट्टर इस्लामी उग्रवाद, पश्चिमी प्रोपेगैंडा और बंटी हुई हिंदू समाज व्यवस्था—ये सब मिलकर सनातन के अस्तित्व को चुनौती दे रहे हैं।
👉 यह आधुनिक कुरुक्षेत्र है, और हर हिंदू अर्जुन है। श्रीकृष्ण की पुकार आज भी गूंज रही है: “उत्तिष्ठ भारत – उठो, हे भारत!”
📜 भाग 1: इतिहास की चेतावनी
- मुगलों और सुल्तानों ने मंदिर तोड़े, स्त्रियों को गुलाम बनाया और तलवार की नोक पर धर्मांतरण किए। फिर भी राजपूत, मराठा, सिख और असंख्य वीरों ने धर्मयुद्ध लड़ते हुए बलिदान दिया।
- अंग्रेज़ों ने फूट डालो, राज करो की नीति अपनाई और मिशनरियों को बढ़ावा देकर धर्म को कमजोर किया।
- स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस ने यही परंपरा जारी रखी—मुस्लिम तुष्टीकरण और हिंदू आवाज़ों का दमन।
- 👉 सबक: जब हिंदू धर्मयुद्ध के लिए जागे तो भारत उभरा, जब बंटे तो भारत गिरा।
⚠️ भाग 2: वर्तमान खतरे
- राजनीतिक अधर्म: कांग्रेस, कम्युनिस्ट और “ठगबंधन” अल्पसंख्यकों को खुश करके सुरक्षा से समझौता करते हैं।
- न्यायपालिका व मीडिया पक्षपात: हिंदू परंपराओं में दखल, बाकी पर चुप्पी।
- धर्मांतरण: छात्र, आदिवासी, गरीब वर्ग NGO और पैसों से निशाना।
- कट्टर इस्लाम: रोहिंग्या, पाकिस्तान प्रायोजित आतंक, जनसंख्या जिहाद, नैरेटिव जिहाद।
- पश्चिमी प्रभाव: अमेरिका-यूरोप, लोकतंत्र और मानवाधिकार के नाम पर भारत की प्रगति रोकना चाहते हैं।
🌍 भाग 3: वैश्विक सभ्यतागत युद्ध
- इस्राइल रोज़ जिहादी हमलों का सामना करता है।
- फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन इस्लामी आव्रजन से जूझ रहे हैं।
- अमेरिका भी खतरे में है, पर वही देशों को धन देता है जो उग्रवाद फैलाते हैं।
👉 भारत और इस्राइल का अस्तित्व केवल क्षेत्रीय नहीं, बल्कि वैश्विक स्थिरता के लिए अनिवार्य है।
🛡️ भाग 4: आज के कुरुक्षेत्र में हिंदू का कर्तव्य
- जाति-क्षेत्र से ऊपर उठकर पहले सनातनी बनो।
- राजनीतिक युद्ध: मोदी-एनडीए का समर्थन करो।
- नैरेटिव युद्ध: झूठे प्रोपेगैंडा का विरोध करो।
- सामाजिक युद्ध: धर्मांतरण रोकें, मंदिरों की रक्षा करें, युवाओं को धर्म सिखाएँ।
- आर्थिक युद्ध: स्वदेशी को अपनाएँ। विदेशी समान का उपयोग नहीं करेँ।
- मानसिक–शारीरिक तैयारी: अनुशासित और मजबूत बनें। आत्मरक्षा और जवाबी हमले के लिए सदैव तैयार रहें।
🚩 भाग 5: हिंदू राष्ट्र का दृष्टिकोण
हिंदू राष्ट्र का अर्थ है—धर्म आधारित न्याय और संतुलन।
- हिंदुओं के लिए भयमुक्त जीवन।
- मंदिरों और संस्कृति का संरक्षण।
- विश्व को आध्यात्मिक व नैतिक नेतृत्व।
👉 यह भारत का स्वाभाविक भविष्य है।
✊ अंतिम कुरुक्षेत्र
- कांग्रेस, वामपंथी, उदारवादी, इस्लामी उग्रवादी, मिशनरी और पश्चिमी लॉबी—ये सभी अधर्म की ताकतें मिलकर भारत को कमजोर करना चाहती हैं।
- परंतु इस बार हिंदू जाग रहे हैं। इस बार मोदी नेतृत्व में धर्म को उद्देश्य मिला है।
👉 विकल्प स्पष्ट है:
- यदि हिंदू एकजुट हुए तो सनातन धर्म युगों तक मानवता का मार्गदर्शन करेगा।
- यदि बंटे रहे तो दासता और विनाश निश्चित है।
⚔️ आह्वान: एकजुट हो, संघर्ष करो, रक्षा करो और हिंदू राष्ट्र की स्थापना करो।
“अंतिम कुरुक्षेत्र” हमें स्मरण कराता है कि धर्म, संस्कृति और राष्ट्र की रक्षा ही सच्चा धर्मयुद्ध है, जो सत्य और न्याय की विजय सुनिश्चित करता है।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम
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