आर्थिक बहिष्कार
भारत का हिंदू समाज आज जिस दौर से गुजर रहा है, वह केवल धार्मिक युद्ध नहीं है बल्कि यह एक आर्थिक बहिष्कार का समय भी है। हमारे ही पैसों से हमारे खिलाफ षड्यंत्र रचे जा रहे हैं। चाहे वह मस्जिद–मदरसे हों या जिहादी संगठन, चाहे वह विदेशी ताकतें हों या आंतरिक मुल्ले व्यापारी—इन सबकी ताकत हमारी जेब से जाती है। इसलिए समाधान एक ही है: आर्थिक बहिष्कार।
1️⃣ आंतरिक दुश्मनों का आर्थिक बहिष्कार
- मुस्लिम व्यापारी और कारोबारी हमारे पैसों को जिहादी गतिविधियों में झोंकते हैं। यही पैसा आतंकवाद, धर्मांतरण और इस्लामीकरण की आग को हवा देता है। इसलिए हमें इनकी आमदनी पर चोट करनी होगी।
✔️ मुस्लिम फल–सब्जी वालों से सामान न खरीदें।
✔️ मुस्लिम दर्जी, नाई, बुटीक, मेहंदी आर्टिस्ट, प्लंबर, टैक्सी–रिक्शा और मजदूरों की सेवाएँ बंद करें।
✔️ मुस्लिम ढाबों, होटलों और पेट्रोल पंपों से दूरी बनाएँ।
✔️ मुस्लिम कलाकारों, गायकों और अभिनेताओं की फिल्मों का बहिष्कार करें।
👉 जब इनकी आमदनी बंद होगी, तभी इनका जिहाद कमजोर होगा। गोली नहीं मार सकते तो रुपया मत दो।
2️⃣ स्वदेशी का समर्थन – हिंदू व्यापार को मजबूत करें
- हमारा हर रुपया अब हिंदू व्यापार और हिंदू दुकानदार को मजबूत करने में लगना चाहिए।
✔️ दूध, सब्जी, फल, किराना, मिठाई, कपड़े, जूते, मेडिकल, मोबाइल रिचार्ज—हर जगह हिंदू व्यापारी को प्राथमिकता दें।
✔️ अपने घर, दुकान या फ्लैट का निर्माण करवाना है तो हिंदू मजदूर और हिंदू ठेकेदार को काम दें।
✔️ चाहे थोड़ा महंगा ही क्यों न पड़े, लेकिन हिंदू व्यापार को बढ़ावा देना ही असली धर्मरक्षा है।
👉 याद रखिए, यदि हर हिंदू केवल हिंदू से ही लेन–देन करने का संकल्प ले ले, तो सिर्फ एक महीने में हिंदू राष्ट्र की नींव रखी जा सकती है।
3️⃣ बाहरी दुश्मनों को सबक – विदेशी आयात का बहिष्कार
- केवल अंदरूनी जिहादियों को ही नहीं, बल्कि बाहर से भारत के खिलाफ काम करने वाले देशों को भी आर्थिक चोट देना जरूरी है।
👉 अमेरिका, चीन, तुर्की, पाकिस्तान, बांग्लादेश और यूरोप की कई कंपनियाँ भारत से अरबों कमा रही हैं।
👉 यही पैसा हमारी अर्थव्यवस्था, हमारी राजनीति और हमारी संस्कृति को कमजोर करने में इस्तेमाल होता है।
📌 समाधान:
✔️ इन देशों से आने वाले उत्पादों का बहिष्कार।
✔️ विदेशी कंपनियों की सेवाओं से दूरी।
✔️ केवल स्वदेशी और भारतीय मूल की कंपनियों और स्टार्टअप्स का समर्थन।
👉 यह कदम न केवल हिंदू अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा बल्कि दुनिया को यह संदेश भी देगा कि भारत अब किसी का गुलाम नहीं, भारत अब आदेश देता है।
4️⃣ मोदी जी ने दिखाया रास्ता – टैरिफ युद्ध का उदाहरण
- 15 साल पहले अगर यही स्थिति होती तो कोई बिचौलिया पीएम तक पहुँचकर डील साइन करवा देता और देश को बेच देता।
- किसानों और आम जनता की पीढ़ियाँ बर्बाद हो जातीं। उस दौर में सरकारें देश की नहीं, अपनी जेब और दलालों की चिंता करती थीं।
लेकिन आज स्थिति अलग है। मोदी जी की सरकार स्वच्छ, राष्ट्रवादी और जन–हितैषी है।
👉 जब अमेरिका और यूरोप ने भारत पर टैरिफ लगाए, तो मोदी सरकार झुकी नहीं।
👉 उन्होंने कड़ा रुख अपनाया और मुकाबला किया।
👉 नतीजा यह हुआ कि अमेरिका और यूरोप जैसे बड़े देश भारत की शर्तें मानने पर मजबूर हुए।
📌 यह उदाहरण बताता है कि—आज भारत झुकता नहीं, भारत झुकवाता है।
5️⃣ हिंदू राष्ट्र की राह – आर्थिक बहिष्कार से एकजुटता
यदि हर हिंदू यह संकल्प ले कि—
✔️ मैं मुस्लिम दुकानदार या विदेशी उत्पाद का उपयोग नहीं करूँगा।
✔️ मैं केवल हिंदू दुकानदार और स्वदेशी कंपनियों का समर्थन करूँगा।
- तो यह केवल एक खरीदारी का फैसला नहीं, बल्कि यह एक आर्थिक क्रांति होगी। यही क्रांति हमें आत्मनिर्भर, सुरक्षित और अजेय बनाएगी
🚩 मुल्लों का आर्थिक बहिष्कार = आंतरिक जिहाद पर प्रहार।
🚩 विदेशी उत्पादों का बहिष्कार = बाहरी ताकतों को सबक।
🚩 स्वदेशी कंपनियों का समर्थन = हिंदू राष्ट्र की नींव।
- अगर आज हम जागे तो आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित और गौरवशाली भारत मिलेगा।
- अगर आज सोते रहे, तो वही पैसा हमारे खिलाफ हथियार बनकर लौटेगा।
📢 अंतिम संदेश:
- “गोली नहीं मार सकते तो रुपये रोक दो। आर्थिक बहिष्कार से ही जिहाद और विदेशी षड्यंत्र का खात्मा संभव है। अब हिंदू समाज को एकजुट होकर यह संकल्प लेना ही होगा।”
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮
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