असली मुसलमान की पहचान: नस्ल, धर्मांतरण या विचारधारा?
🔷 1. अरब मुसलमानों की धारणा: ‘हम असली, बाकी नकली’
- सऊदी अरब, यूएई, कुवैत जैसे खाड़ी देशों के मूल निवासी मुसलमान अक्सर भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफ्रीका आदि देशों के मुसलमानों को दूसरे दर्जे का या धर्मांतरणित मुस्लिम मानते हैं।
- उनके अनुसार, “मूल मुसलमान केवल वे हैं जो पैग़ंबर मुहम्मद की वंश परंपरा या अरब मूल के हैं।”
- बाकी देशों के मुसलमानों को Muwallad (धर्मांतरणित) माना जाता है, जिन्हें इस्लामी समाज में सामाजिक-सांस्कृतिक हीन दृष्टि से देखा जाता है।
👉 यह नस्लीय श्रेष्ठता और धार्मिक अभिमान का एक गहरा संकट है जो खुद मुस्लिम समाज के भीतर मौजूद है।
🔷 2. भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश के मुसलमान — कौन हैं वास्तव में?
ऐतिहासिक रूप से ये तीनों देश सनातन हिंदू भूमि का हिस्सा थे।
यहाँ इस्लाम तलवार, जज़िया, लूट और बलात् धर्मांतरण के ज़रिए फैला — विशेष रूप से गज़नी, गौरी, बाबर, औरंगज़ेब जैसे आक्रमणकारियों द्वारा।
- लाखों हिंदुओं को जबरन इस्लाम में शामिल किया गया।
- कईयों ने जान बचाने, सामाजिक सुरक्षा या राजनीतिक लाभ के लिए धर्म बदला।
- “जो आज खुद को जिहादी कहता है, वो कल शायद किसी सनातनी संत की संतान था।”
🔷 3. कट्टरपंथी जिहाद का सबसे आसान शिकार – गरीब, धर्मांतरणित मुसलमान
- आर्थिक रूप से कमजोर और शिक्षा से वंचित यह वर्ग धार्मिक प्रचारकों और आतंकी संगठनों के लिए सबसे आसान लक्ष्य बनता है।
- उन्हें यह सिखाया जाता है कि “गैर-मुसलमानों को मारना, जिहाद में मरना ही जन्नत का मार्ग है।”
- भारत में PFI, सिमी, IM और वैश्विक स्तर पर ISIS, लश्कर, तालिबान, बोको हराम जैसे संगठन इसी वर्ग को आतंकी में बदलते हैं।
👉 ये लोग जिहादियों के लिए ईंधन हैं और उनके नेता अरब में आरामदायक ज़िंदगी जीते हैं।
🔷 4. अरब देशों में सहिष्णुता और धर्मनिरपेक्षता के संकेत
- अबू धाबी में भव्य ‘बीएपीएस हिंदू मंदिर’ का निर्माण इसका उदाहरण है कि अरब समाज कट्टरता के मार्ग पर नहीं, बल्कि वैश्विक सह-अस्तित्व के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।
- UAE, कतर, ओमान जैसे देशों में कई जगहों पर चर्च, गुरुद्वारे और मंदिर भी बने हैं, जहाँ मुस्लिम नागरिक और प्रशासन खुद सहयोग करते हैं।
👉 अरब देश जहां आगे बढ़ रहे हैं, वहीं भारतीय उपमहाद्वीप के धर्मांतरणित मुस्लिम पीछे की ओर जा रहे हैं और वे अपने ही पैरों पर आर्थिक और सामाजिक रूप से कुल्हाड़ी मार रहे हैं।
🔷 5. भारत में कट्टरता: मूल हिंदू होकर भी सनातन से घृणा
- दुर्भाग्य है कि जो कभी सनातनी संस्कृति में पले-बढ़े, वही आज अपने ही पूर्वजों की सभ्यता को गाली देने वाले जिहादी बन बैठे हैं।
- ये लोग “ग़ज़वा-ए-हिंद”, “तौहीद”, “दार-उल-इस्लाम” जैसे कट्टर एजेंडे में विश्वास रखते हैं।
इनका उद्देश्य है:
- जनसंख्या वृद्धि के ज़रिए जनसांख्यिकीय युद्ध के जरिए मुस्लिम वर्चस्व स्थापित करना
- बहुलतावादी समाज में शरीयत का डर
- मंदिरों का विध्वंस, हिंदुओं का पलायन
- जिहाद और आतंकवाद के जरिए देश मैं अशान्ति और डर का वातावरण और देश को अस्थिर करना।
🔷 6. सवाल मुसलमानों से: क्या आप अरब से सच्ची समानता चाहते हैं या सिर्फ नाम?
- अगर भारत के मुसलमान खुद को अरब जैसा कहना चाहते हैं, तो:
- क्या वे शिक्षा, रोजगार, उद्यमिता, तकनीकी कौशल में अरब जैसे बने हैं?
- क्या वे दूसरे धर्मों का सम्मान करते हैं जैसे अबू धाबी करता है?
- क्या वे राष्ट्रवाद और सहअस्तित्व को प्राथमिकता देते हैं?
👉 या फिर केवल आक्रांतियों वाली1400 साल पुरानी सोच को ढोते हुए भारत को “दूसरा पाकिस्तान” बनाने में लगे हैं? और स्वयं अपना भविष्य बर्बाद कर रहे हैं?
🔷 7. हिंदू समाज के लिए चेतावनी
- यह समझना होगा कि इस्लामिक आतंकवाद, जनसंख्या जिहाद, लव जिहाद, और वोट बैंक तुष्टीकरण अब अस्तित्व का संकट बन चुका है।
- हिंदुओं को आपस में जाति, भाषा, क्षेत्र के नाम पर नहीं बंटना है।
- एक संगठित, जागरूक, रणनीतिक और आर्थिक रूप से सशक्त हिंदू समाज ही इस खतरे का सामना कर सकता है।
“धर्मांतरणितों को कट्टरता से मुक्त करना, उन्हे परशिक्षित एवं जागरूक करना और कट्टरपंथियों को वैचारिक पराजय देना ही भारत और विश्व की सुरक्षा है।”
🌍 जिन्हें अपने ही पूर्वजों से नफ़रत सिखाई जाती है, वे मानवता से प्रेम कैसे करेंगे?
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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