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अटल मोदी और योगी आदित्यनाथ

🇮🇳 “जब इरादा राष्ट्रहित का हो, तो निर्णयों में डर नहीं होता!”

🔱 अटल से मोदी और योगी तक – राष्ट्रसेवा की अखंड परंपरा

भारत एक प्राचीन और गौरवशाली सभ्यता रहा है। लेकिन स्वतंत्रता के बाद के दशकों में भारत का राजनीतिक नेतृत्व अनेक बार विदेशी आक्रमणों, आतंकवाद और आंतरिक विघटन के सामने कमजोर दिखाई दिया।
इस प्रवृत्ति को समाप्त करने का कार्य आरंभ किया अटल बिहारी वाजपेयी जी ने – और उसी विरासत को आज नरेंद्र मोदी तथा योगी आदित्यनाथ जी ने दृढ़ता से आगे बढ़ाया है।

🪖 कारगिल युद्ध: भारत की इच्छाशक्ति की परीक्षा

1999 में पाकिस्तान ने कारगिल में कायरता से भारतीय भूमि पर कब्जा कर लिया। यह उस समय की बात है जब भारत और पाकिस्तान के बीच लाहौर घोषणापत्र के जरिए शांति प्रयास चल रहे थे।

जैसे ही भारत के वीर जवानों ने दुर्गम पहाड़ों पर चढ़ाई करके कब्जा पुनः प्राप्त करना शुरू किया, पाकिस्तान का झूठ उजागर हुआ।
घबराए हुए नवाज़ शरीफ़ भागे अमेरिका – और राष्ट्रपति बिल क्लिंटन से गुहार लगाई।
उन्होंने यहां तक कहा कि अगर भारत नहीं झुका, तो हमें परमाणु हथियार का इस्तेमाल करना पड़ सकता है।

क्लिंटन ने अटल जी को कॉल किया, भारत में रात के 2 बजे थे। लेकिन जब राष्ट्र की बात हो, तो अटल जैसा राष्ट्रपुरुष नींद का मोह नहीं करता।

क्लिंटन ने शांति का आग्रह किया।

अटल जी ने उत्तर दिया:

“मैं पचास करोड़ भारतीयों को खोने को तैयार हूँ, लेकिन याद रखिए – पाकिस्तान कल का सूरज नहीं देखेगा।”

और उन्होंने कॉल काट दिया।

न कोई भय, न कोई झिझक – सिर्फ राष्ट्र की रक्षा का संकल्प!

🧠 मोदी जी: नीति, धैर्य और राष्ट्रहित की राजनीति

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल जी की सोच को वैश्विक रणनीति का रूप दिया है।

💧 जल को अस्त्र बनाना

इंडस जल संधि को पुनः भारत के हित में परिभाषित किया गया।

पाकिस्तान की जीवनरेखा रही नदियों – चेनाब, झेलम, रावी – पर भारत ने निम्न जल परियोजनाएं पूरी कीं:

  • किशनगंगा (330 मेगावाट)
  • रैटल परियोजना
  • शाहपुरकंडी बैराज
  • उझ परियोजना

यह सब बिना एक गोली चलाए, पाकिस्तान की रीढ़ को झुका देने वाली रणनीति है।

पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते” – यह केवल बयान नहीं, प्रतिज्ञा है।

✈️ सर्जिकल और एयर स्ट्राइक

उरी और पुलवामा के बाद, पाकिस्तान के भीतर घुसकर कार्यवाही – यह बताता है कि भारत अब चुप नहीं बैठेगा।

📜 अनुच्छेद 370 का खात्मा

कश्मीर से विशेष दर्जा समाप्त करके भारत ने 70 साल के राजनीतिक समझौतों को समाप्त कर दिया।

📜 ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से साफ संदेश दे दिया कि अब भारत आतंक सहन नहीं करगे और प्रचंड जवाब देगा। दुनिया को यह भारत की मजबूत रक्षा प्रणाली और आर्थिक युद्ध क्षमता का भी प्रदर्शन दे दिया और रक्षा उपकरणों के निर्यान के बाजार मैं भी अपनी विशिष्ट पहचान बना ली।

🔥 योगी आदित्यनाथ: आंतरिक शुद्धिकरण और धर्मनिष्ठ सुशासन

जहां मोदी जी बाह्य शत्रुओं से लड़ते हैं, वहीं योगी जी भारत के भीतर छिपे शत्रुओं से

🛡️ कानून और व्यवस्था

  • 180+ माफिया एनकाउंटर में ढेर
  • मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद, आज़म खान जैसे अपराधियों पर कड़ा शिकंजा।
  • ₹2000 करोड़ से अधिक की अवैध संपत्तियाँ ज़ब्त।

🛕 राम मंदिर निर्माण

श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का सपना साकार – प्रशासनिक समन्वय से संकल्प को मूर्त रूप।

📜 यूनिफॉर्म सिविल कोड और जनसंख्या नियंत्रण

  • खुलकर UCC का समर्थन।
  • जनसंख्या जिहाद के ख़िलाफ़ खुला मोर्चा।

तुष्टीकरण पर प्रहार

अवैध बूचड़खानों पर प्रतिबंध

  • मदरसों में कट्टरपंथी शिक्षा पर लगाम
  • हिंदू पर्वों को पुनः गौरव से मनाने की पहल।

एक सूत्र में बंधी राष्ट्रभक्ति, नीति और साहस

अटल, मोदी, और योगी – तीनों में एक चीज़ समान है:

सत्ता के लिए नहीं, सेवा के लिए नेतृत्व

डर से नहीं, धर्म और भारतमाता के प्रति श्रद्धा से निर्णय

निजी स्वार्थ नहीं, सिर्फ राष्ट्रकल्याण

तीनों के आगे पीछे कोई नहीं।

जब कोई नेता सत्ता की कुर्सी को नहीं, भारत की मिट्टी को प्रणाम करता है
जब उसका हृदय छल-कपट से मुक्त होता है और उसमें बसती है केवल भारत माता – तब वह इतिहास में

  • अटल की तरह अजरअमर,
  • मोदी की तरह रणनीतिक,
  • और योगी की तरह अडिग बन जाता है।

🇮🇳 भारत माता की जय!

जय भारत! वन्दे मातरम्!

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