20 मई 2025 को गुजरात के अहमदाबाद स्थित चंदोला तालाब क्षेत्र में बनी अवैध मुस्लिम बस्ती, जिसे आम जनमानस में ‘मिनी बांग्लादेश’ कहा जा रहा था, पर प्रशासन ने ऐतिहासिक और साहसिक कार्रवाई की। यह केवल एक बस्ती पर बुलडोज़र चलाने की घटना नहीं थी, बल्कि यह भारत की आंतरिक सुरक्षा, राष्ट्र की अस्मिता और भविष्य की अखंडता के लिए निर्णायक युद्ध की शुरुआत थी।
चार घंटे में हुए इस महाअभियान में:
- 2000 से अधिक अवैध मकानों और दुकानोंको ध्वस्त किया गया
- 50 बुलडोज़र, 50 डंपर, 25 हिताची मशीनें, और
- 3000+ पुलिसबल इस ऑपरेशन में शामिल रहे
यह न केवल प्रशासनिक शक्ति का प्रदर्शन था, बल्कि राष्ट्रविरोधी ताकतों के लिए एक स्पष्ट और कड़ा संदेश भी।
भारत में जड़ें जमा चुके अवैध मुस्लिम घुसपैठियों का षड्यंत्र
यह घटना कोई अकेली नहीं है — पूरे भारत में बांग्लादेश, म्यांमार, और पाकिस्तान से आये अवैध मुस्लिम घुसपैठियों की बस्तियाँ बस चुकी हैं। ये लोग न केवल अवैध रूप से भारत में रह रहे हैं, बल्कि:
- फर्जी आधार कार्ड, वोटर आईडी, राशन कार्ड और सरकारी योजनाओं का लाभ भी उठा रहे हैं।
- कई जगहों पर इन बस्तियों को “नो-गो जोन” या “स्वतंत्र इस्लामी क्षेत्र” बनाने के प्रयास हो रहे हैं, जहां पुलिस, प्रशासन या भारतीय कानून का कोई महत्व नहीं।
इनकी बस्तियाँ:
- असम, बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान सहित अनेक राज्यों में फैल चुकी हैं।
- ये बस्तियाँ केवल अवैध कब्जा नहीं, बल्कि भारत के खिलाफ एक सुनियोजित डेमोग्राफिक युद्ध का हिस्सा हैं।
अहमदाबाद: लल्ला बिहारी गिरोह और बांग्लादेशी नेटवर्क का भंडाफोड़
- ‘मिनी बांग्लादेश’ नामक यह बस्ती लगभग 1200 हेक्टेयर में फैली थी। यहां रहने वाले अधिकांश घुसपैठिए बांग्लादेशी मुस्लिमथे जिन्होंने:
- फर्जी दस्तावेज बनवाकर मकान और दुकानें खरीदीं
- एक संगठित गिरोह ‘लल्ला बिहारी’ द्वारा अवैध रूप से जमीन, मकान और पहचान पत्र उपलब्ध कराए गए
- यह गिरोह न केवल बांग्लादेशियों को बसाता था, बल्कि उन्हें स्थानीय अपराधियों और कुछ भ्रष्ट अधिकारियोंसे भी संरक्षण दिलवाता था
पहले चरण की कार्रवाई और स्पष्ट चेतावनी
29 अप्रैल 2025 को पहले चरण में:
- 890 संदिग्ध बांग्लादेशियों को हिरासतमें लिया गया
- 243 की पहचान बांग्लादेशी नागरिकोंके रूप में हुई
- 143 को पहले ही डिपोर्ट किया जा चुका है
यह दिखाता है कि सरकार अब केवल पहचान और चिन्हित करने तक सीमित नहीं, बल्कि डिपोर्टेशन और विध्वंस जैसे निर्णायक कदम उठाने के मूड में है।
अब समय है राष्ट्रव्यापी अभियान का
आज भारत के लगभग हर राज्य में ऐसी मिनी पाकिस्तान या मिनी बांग्लादेश जैसी बस्तियाँ तैयार हो चुकी हैं।
- ये न केवल जनसंख्या संतुलन को बिगाड़ रही हैं, बल्कि
- इस्लामिक कट्टरपंथ और जेहादी नेटवर्कों की सुरक्षित पनाहगाह बनती जा रही हैं।
- यह सिर्फ अवैध प्रवास का मामला नहीं, यह भारत की अखंडता, सुरक्षा और सांस्कृतिक अस्तित्व का सीधा प्रश्न है।
अब केवल कानून नहीं, बल्कि राष्ट्रीय इच्छा शक्ति के आधार पर इन्हें पूरी तरह खत्म करना होगा।
मोदी सरकार और राष्ट्रवादी संगठनों की भूमिका
अहमदाबाद की कार्रवाई यह प्रमाणित करती है कि मोदी सरकार अब:
- “वोट बैंक के डर” से ऊपर उठकर,
- भारत की अस्मिता और सुरक्षा के लिए कठोर निर्णयलेने को तैयार है।
RSS, VHP और अन्य राष्ट्रवादी संगठन इस संघर्ष के मूल स्तंभ हैं, जो वर्षों से इस खतरे को उजागर करते आ रहे हैं।
जनजागरण और राष्ट्रधर्म की पुकार
अब समय आ गया है कि:
- हर राज्य में ऐसी अवैध बस्तियों की जांच और विध्वंस होCAA और NRC को सख्ती से लागू किया जाए
- राष्ट्रवादी संगठन, समाज और आम नागरिक इस संघर्ष को जनआंदोलन का रूप दें
यदि अब भी चुप रहे, तो आने वाले वर्षों में भारत सीरिया, पाकिस्तान या अफगानिस्तान जैसे अस्थिर राष्ट्रों की राह पर चला जाएगा।
यह सिर्फ एक बुलडोजर नहीं, राष्ट्र की रक्षा की हुंकार है
‘मिनी बांग्लादेश’ की यह कार्रवाई हमें याद दिलाती है कि भारत की आत्मा को जीवित रखने के लिए कठोर निर्णय आवश्यक हैं।
यह केवल गुजरात की नहीं, पूरे भारत की चेतावनी है।
अब नहीं तो कभी नहीं।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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