बहुत हो चुका, अब प्रतिकार का समय है!
सदियों से हिंदू समाज हमलों, अपमान और पलायन की पीड़ा सहता आया है। विदेशी आक्रमणकारी हों या विचारधारा के दुश्मन — सनातन धर्म पर वार थमे नहीं। लेकिन अब प्रतिकार का समय है! बहुत हो चुका सहना और पीछे हटना। हर हिंदू के सामने आज सिर्फ एक विकल्प है — एकजुट होइए और धर्म, संस्कृति और भारत माता की रक्षा के लिए संगठित प्रतिकार कीजिए।
हिंदुओं की पलायन वृत्ति
सदियों से सनातन धर्म पर लगातार हमले होते आए हैं — विदेशी आक्रमणकारियों, लुटेरों और विचारधारात्मक दुश्मनों द्वारा। फिर भी यह जीवित है। लेकिन कड़वा सच यह है — यह इसलिए जीवित है क्योंकि हमने हमेशा लड़ा, ऐसा नहीं… बल्कि कई बार चुप्पी और पलायन के बावजूद यह बचा रहा।
🔍 हमारा इतिहास आइना दिखाता है: जहाँ एकता और स्वाभिमान जागे, वहाँ धर्म टिका
देखिए भारत के वो क्षेत्र जहाँ एकता, साहस और धर्म का गर्व चला:
- राजस्थान: यहाँ सिर्फ राजपूत ही नहीं, ब्राह्मण, वैश्य, चारण, यहाँ तक कि खवास जैसी सेवा जातियाँ भी दो तलवारें धारण करती थीं—एक पूजा के लिए, दूसरी युद्ध के लिए। स्त्रियों की मर्यादा, मंदिरों की रक्षा, और संस्कृति की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति दी।
- महाराष्ट्र: संत एकनाथ, ज्ञानेश्वर, समर्थ रामदास जैसे संतों के आशीर्वाद से छत्रपति शिवाजी महाराज का उदय हुआ—हिंदवी स्वराज्य के आदर्श, जिन्होंने मोगल साम्राज्य को चुनौती दी और मंदिरों का पुनर्निर्माण कराया।
- पंजाब: सिख गुरुओं ने बर्बरता का सामना करते हुए कभी समर्पण नहीं किया। उन्होंने अपने पुत्रों और स्वयं का बलिदान दिया, पर धर्म नहीं छोड़ा। खालसा पंथ का जन्म हुआ—संत–सिपाही, जो धर्म और न्याय की रक्षा करते हैं।
😔 लेकिन पूरब में क्या हुआ?
- बंगाल, बिहार, असम, और उड़ीसा में जातिवाद ने समाज को जकड़ रखा था।
- नीची जातियों को हथियार देना “अधर्म“ माना गया।
- समाज एक नहीं हुआ, इसलिए प्रतिरोध भी नहीं हुआ।
- मंदिर टूटते रहे, स्त्रियाँ अपहृत होती रहीं, संस्कृति का अपमान होता रहा—लेकिन कोई एकजुट प्रतिकार नहीं हुआ।
- हज़ार साल तक, पलायन और समर्पण ही हमारी परंपरा बन गई।
🧬 वही मानसिकता आज भी हिंदू समाज को जकड़े हुए है
आज भी, इतनी बड़ी संख्या में होते हुए भी हम:
- जातियों में बंटे हैं
- भाषा और क्षेत्रीय अहंकार में उलझे हैं
- मंदिर–मठ, संत–समाज और राजनीति में अलग–अलग खेमों में बंटे हैं
- जबकि हमारे शत्रु एकजुट, संगठित और भारत विरोध में स्पष्ट एजेंडे पर काम कर रहे हैं।
और ध्यान दीजिए:
❗ वामपंथी, इस्लामवादी, छद्म धर्मनिरपेक्ष और विपक्षी दलों का पूरा एजेंडा है — भारत को तोड़ना और सनातन धर्म को समाप्त करना।
⏳ यह अंतिम अवसर है — अगर अब नहीं जगे, तो फिर कभी नहीं
आज हम एक ऐसे मोड़ पर खड़े हैं, जो शायद हमारे इतिहास के किसी भी युद्ध से अधिक खतरनाक है:
अगर इस बार भी हम सनातनी एक नहीं हुए, संगठित नहीं हुए, और भारत को इस्लामीकरण से नहीं बचा पाए—तो फिर कभी मौका नहीं मिलेगा।
- न मंदिर बचेंगे, न संस्कृति
- न इतिहास बचाया जा सकेगा, न भविष्य
- हमारे बच्चों का जीवन गुलामी में बीतेगा, और हमारे पूर्वजों का बलिदान व्यर्थ जाएगा।
और आने वाली पीढ़ियाँ हमें कभी माफ नहीं करेंगी—कि हमने उनके लिए हिंदू पहचान, संस्कृति और राष्ट्र को छोड़ दिया।
💥 आज हर हिंदू के सामने एक स्पष्ट विकल्प है:
- क्या हम एक बार फिर समर्पण की परंपरा दोहराएंगे, या सम्मान की परंपरा रचेंगे?
- क्या हम भारत को फिर से टूटने देंगे, या एकता की दीवार बनकर खड़े होंगे?
क्या हम सनातन धर्म को मरने देंगे, या उसे पुनः सशक्त करेंगे?
🛡️ एकजुट हिंदू ही है एकमात्र उत्तर
हर सनातनी को आज धर्मयुद्ध के लिए संकल्प लेना होगा:
- हम आपस में नहीं लड़ेंगे।
- जात-पात से ऊपर उठकर केवल धर्म और राष्ट्र की बात करेंगे।
- जो धर्म की रक्षा कर रहे हैं — मोदी, योगी, शाह, डोभाल जैसे नेता — उनका पूरा समर्थन करेंगे।
- केवल वोट नहीं, बल्कि संगठन, सेवा और साहस से लड़ेंगे।
- यदि आवश्यकता पड़ी, तो राजनीतिक, सामाजिक, और आत्मरक्षा हेतु शारीरिक प्रतिकार के लिए भी तैयार रहेंगे।
💪 हम केवल हिंदू नहीं हैं, हम धर्मरक्षकों की संतान हैं
- हम राजपूत हैं, जिन्होंने सम्मान के लिए बलिदान दिया।
- हम मराठा हैं, जिन्होंने साम्राज्य चूर–चूर किए।
- हम सिख हैं, जिन्होंने अन्न दान किया और आतताइयों से युद्ध भी।
- हम सन्यासी, साधु, संत और सेवक हैं—परंतु आवश्यकता पड़ने पर सेनानी भी हैं।
- हम न डरते हैं, न पीछे हटते हैं। हम उठते हैं और विजय प्राप्त करते हैं।
🪔 यह हमारा धर्मयुद्ध है — भारत और सनातन धर्म की अंतिम रक्षा
आज हम सब एक पवित्र संकल्प लें:
🧡 जाति नहीं, धर्म सर्वोपरि होगा।
⚔️ भारत–विरोधी हर शक्ति का संगठित प्रतिकार करेंगे।
🔥 मंदिरों, महिलाओं, संस्कृति, और राष्ट्र की रक्षा करेंगे — किसी भी कीमत पर।
🙏 जो धर्म की सेवा कर रहे हैं, उनका साथ देंगे। आवश्यकता पड़ी तो स्वयं आगे बढ़कर लड़ेंगे। 🛑 अपने देवी–देवताओं, धर्मग्रंथों, और भारत माता के अपमान को अब बर्दाश्त नहीं करेंगे।
🚩 विजय हो सनातन धर्म की, विजय हो हिंदू एकता की
🚩 विजय हो भारत माता की
दुनिया देख रही है। इतिहास देख रहा है।
आपके पूर्वज देख रहे हैं — और आपके बच्चे भी।
अब एक हों — या हमेशा के लिए मिट जाएं।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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