बमों की ख़ामोशी
“बमों की ख़ामोशी” देश के सामने छिपे सुरक्षा खतरों की ओर ध्यान दिलाता है और समाज में सनातनी चेतना व जागरूकता के महत्व को उजागर करता है।
1. वह पोस्टर जिसने तूफ़ान शुरू किया
तारीख: 27 अक्टूबर 2025 — श्रीनगर, सुबह 7:14 बजे
- पैथोलॉजी लैब के बाहर एक हल्का-सा पोस्टर टेढ़ा-मेढ़ा चिपका था।
- सस्ता कागज़, धुंधली राइफल, उर्दू में लिखा: “कारवां–ए–शहादत से जुड़ें – जैश–ए–मोहम्मद”
- रेज़िडेंट डॉक्टर फारूक़ ने इसे ड्यूटी रोस्टर ढूँढते हुए उखाड़ दिया—बिना सोचे।
- लेकिन यही पोस्टर बन गया भारत की सबसे बड़ी आतंक-रोधी कार्रवाई का पहला सुराग।
सीसीटीवी में दिखा—
रात 2:11 बजे, एक सफ़ेद कोट पहना डॉक्टर धीरे से पोस्टर चिपका रहा था।
फ़ेशियल रिकग्निशन ने नाम दिया: डॉ. आदिल अहमद राठर, 27, सर्जरी में टॉपर।
उसके लॉकर से मिला:
- 1 AK-47
- 3 मैगज़ीन
- एक सक्रिय सैमसंग फ़ोन
- एक एनक्रिप्टेड संदेश:
- “दिल्ली के लिए संपत्ति तैयार है। डॉक्टर को तैयार करो।”
एक डॉक्टर… जो जान बचाने के बजाय उन्हें लेने की तैयारी कर रहा था।
2. सहारनपुर — अंधेरे का गलियारा
6 नवंबर, रात 11:47 बजे
- फेमस मेडिकेयर अस्पताल की सारी लाइटें एकदम बंद हो गईं—यह पावर-कट नहीं था।
- दोनों सिरों से दो सादी वर्दी वाले CRPF अधिकारी निकले।
- “डॉक्टर साहब… आपका फ़ोन।”
- लेकिन आदिल का फोन तो पहले से पुलिस के पास था।
- उसे तुरंत समझ आया— खेल खत्म।
3. गुजरात ATS — रासायनिक मौत का विशेषज्ञ
7 नवंबर, सुबह 3:12 बजे — अदलाज टोल प्लाज़ा
- गुजरात ATS ने एक सफ़ेद इनोवा को चारों तरफ़ से घेर लिया।
- बाहर आया— डॉ. अहमद मोहियुद्दीन सै्यद, वुहान-प्रशिक्षित टॉक्सिकोलॉजिस्ट।
डिक्की में मिला:
- 4 लीटर कैस्टर ऑयल
- एक हॉट प्लेट
- नोटबुक: “रिसिन – उपज गणना”
- रेखांकित: “1 ग्राम हवा में फैला = 8,000 मौतें।”
वह हवा को ही हथियार बनाने चल रहा था।
4. फरीदाबाद — 350 किलो मौत
9 नवंबर, सुबह 4:05 बजे
हरियाणा STF ने धौज गाँव के फ्लैट पर छापा मारा।
अंदर मिला:
- 350 किलो अमोनियम नाइट्रेट
- 31 डिजिटल टाइमर
- 23 तुर्की डेटोनेटर
- दिल्ली, जयपुर, कोलकाता, पुणे के नक्शे
- भागने के रास्तों की मार्किंग
- और बीच में बैठा: डॉ. मुज़म्मिल शकील, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर।
वह योजना पढ़ रहा था—मानो कोई नर्सरी कविता:
- “लाल क़िला।”
- “मंदिर—हिंदू, सिख, जैन।”
- “RSS कार्यालय।”
- “सरोजिनी मार्केट।”
- “मेट्रो पीक आवर।”
- “25 सॉफ्ट टार्गेट।”
फिर उसने तारीख़ फुसफुसाई: 26/11/2025 मुंबई हमले की 17वीं बरसी।
5. लखनऊ — दो चेहरों वाली डॉक्टर
10 नवंबर, सुबह 10 बजे
- डॉ. शाहीन शाहिद, मशहूर गायनेकोलॉजिस्ट, अपने क्लिनिक पहुँची।
- NIA की महिला अधिकारी इंतजार कर रही थीं।
बरामद:
- ₹15 लाख डायपर बॉक्स में
- AK-47 अल्ट्रासाउंड बेड के नीचे
वॉइस नोट:
- “जमात–उल–मोमिनात तैयार है। लड़कियाँ गाड़ियाँ चलाएँगी।”
- यानि महिला आत्मघाती ड्राइवर।
शाहीन बोली— “चाय खत्म कर लूँ?” उसे पीने दी गई—ठंडी हो चुकी थी।
6. दिल्ली — वह i20 जिसने राजधानी हिला दी
10 नवंबर, शाम 6:52 बजे
- लाल किला मेट्रो स्टेशन पर भीड़ उमड़ रही थी।
- एक सफ़ेद i20 धीरे-धीरे चल रही थी, उसकी हैज़र्ड लाइटें मौत की तरह टिमटिमा रहीं थी।
अंदर—
- डॉ. उमर मोहम्मद, MBBS। उसका अंतिम संदेश: “जाल के अंदर हैं। अल्लाह माफ़ करे।”
- कुछ ही सेकंड बाद—
> विस्फोट।
> 13 मौतें।
> 23 घायल।
और भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा हमला टल गया।
7. शोपियां — डॉक्टरों का भर्तीकर्ता
11 नवंबर, रात 2:14 बजे
- IB ने मस्जिद परिसर पर धावा बोला।
- पकड़ा गया— मौलवी इरफ़ान अहमद, पूर्व पैरामेडिक, अब 312 डॉक्टरों के टेलीग्राम समूह “Medicos for Khilafah” का निर्माता।
- उसने कहा— “जिन्हें बचाया, गिनो… फिर जिन्हें नहीं बचा पाए, उन्हें भी गिनो।”
8. भारत पर बड़ा हमला — और हमारी नींद
इन पकड़ों ने बहुत बड़ा सच सामने रखा—
l भारत इस समय आतंकी और जिहादी नेटवर्क के बेहद ख़तरनाक हमलों के बीच है।
लेकिन सबसे बड़ा दुख— हम हिंदू, सनातनी और देशभक्त अभी भी सो रहे हैं।
- हम स्क्रॉल कर रहे हैं
- हम लड़ रहे हैं
- हम बंट रहे हैं
- हम चेतावनी को अनदेखा कर रहे हैं
l हमारी चुप्पी आतंकियों को ताकत दे रही है।
l हमारी निष्क्रियता उन्हें और साहसी बना रही है।
सरकार चाहे कितनी भी मजबूत हो—
l यदि समाज जागा नहीं तो वह हमें पूरी तरह नहीं बचा सकेगी।
हमें—
- राजनीतिक रूप से
- सामाजिक रूप से
- वैचारिक रूप से
- और एकजुट होकर
- सरकार का मजबूत समर्थन करना होगा।
यह समय है—
- अपनी संतानों, अपनी संस्कृति, अपनी सनातन पहचान और आने वाली पीढ़ियों को बचाने का।
9. वे बम जो कभी फटे नहीं
13 नवंबर, 2025
इंस्पेक्टर विक्रम राठौड़ 14 घंटे बाद गहरी नींद में डूबे।
- सपने में उसने वही नोटिस बोर्ड देखा—
> बिल्कुल साफ़,
> बिना पोस्टर,
> बिना धमकी,
सिर्फ़ एक पर्ची:
- “धन्यवाद… आपने ध्यान दिया।”
- मीडिया ने चीखा—
- विपक्ष ने दोष दिया—
- सोशल मीडिया ने गालियाँ दीं—
लेकिन गुप्त फाइलों में लिखा था:
- 2,900 किलो विस्फोटक पकड़ा गया
- 31 टाइमर निष्क्रिय किए गए
- 23 डेटोनेटर जब्त
- 4 महिला आत्मघाती सेल तोड़ी गईं
- 5 डॉक्टर–आतंकी गिरफ़्तार
- पूरी पैन–इंडिया नेटवर्क नष्ट
- 13 लोग मरे। 50,000 बच गए।
जनता ने सुना धमाका— पर नहीं सुना
- उन बमों की ख़ामोशी जो कभी फटे नहीं।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮
पुराने ब्लॉग्स के लिए कृपया हमारी वेबसाईट www.saveindia108.in पर जाएं।
👉Join Our Channels👈
