✋ “सहानुभूति” का दुरुपयोग और “सुरक्षा” की चेतावनी
🔹 1. भारत की करुणा और सनातन का मूल स्वरूप
- भारत और सनातन धर्म हमेशा से सर्व-समावेशी और मानवतावादी रहे हैं।
यह भूमि उन लोगों के लिए शरणस्थली रही है जो अपने देशों से अत्याचार, असमानता या हिंसा से भागकर यहाँ आए। - भारत ने कभी किसी धर्म या मज़हब के प्रति भेदभाव नहीं किया।
- यहाँ आने वाले सभी कानूनी शरणार्थियों को सुरक्षा, रोज़गार और सम्मान से जीने का अधिकार मिला।
- सनातन धर्म की मूल भावना — “वसुधैव कुटुम्बकम्” — ने हमेशा सभी को अपनाने की सीख दी।
- परंतु, जब यही सहिष्णुता दुर्बलता समझ ली जाती है, और जब कानून व संस्कृति पर हमला होने लगता है, तब राष्ट्र को सजग होना ही पड़ता है।
🔹 2. अवैध घुसपैठ — करुणा का दुरुपयोग
- पिछले कई दशकों से भारत की सीमाओं, विशेषकर बांग्लादेश से सटी सीमाओं पर अवैध घुसपैठियों का सिलसिला लगातार जारी है।
- लाखों बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठिए अब दिल्ली, पश्चिम बंगाल, असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, मुंबई और केरल जैसे राज्यों में फैल चुके हैं।
- ये लोग छोटे-मोटे कामकाज के बहाने भारतीय समाज में घुल-मिल जाते हैं।
- धीरे-धीरे ये फर्जी दस्तावेज़ों के सहारे भारतीय नागरिकों की तरह रहने लगते हैं —
> वोटर आईडी,
>आधार कार्ड,
> राशन कार्ड,
> और यहाँ तक कि पैन कार्ड तक।
- कई विपक्षी दलों के नेताओं ने वोट-बैंक की राजनीति के लिए इन घुसपैठियों को संरक्षण दिया है।
🔹 3. “SIR” अभियान और बांग्लादेशी नेटवर्क में हड़कंप
- मोदी सरकार के कार्यकाल में चुनाव आयोग ने “Systematic Identification and Review (SIR)” अभियान शुरू किया है।
- इससे उन सभी लोगों की पहचान की जा रही है जिन्होंने फर्जी दस्तावेज़ बनाकर मतदाता सूची में घुसपैठ की है।
- परिणामस्वरूप, हज़ारों फर्जी मतदाता और अवैध नागरिकों की पहचान हो चुकी है।
- अब ये घुसपैठिए देश छोड़ने की कोशिश में हैं, जिससे चोरी और हिंसा की घटनाएँ बढ़ सकती हैं।
- कई स्थानों पर पहले से रिपोर्ट है कि ये तत्व घर, दफ्तर, और मंदिरों में चोरी या लूट की घटनाओंमें शामिल होते रहे हैं।
- इसलिए यह ज़रूरी है कि हर नागरिक, विशेषकर धनाढ्य हिंदू परिवार, अपने घरों और परिसरों में कार्यरत लोगों की पुलिस वेरिफिकेशनज़रूर कराएँ।
🔹 4. अवैध घुसपैठियों का असर — समाज और सुरक्षा पर
- इन घुसपैठियों ने समाज की संरचना और जनसंख्या अनुपात को भी प्रभावित किया है।
- सीमावर्ती जिलों में कई स्थानों पर स्थानीय हिंदू समुदाय अब अल्पसंख्यक हो गया है।
- कई घुसपैठिए धर्मांतरण और जिहादी नेटवर्क से जुड़कर कट्टरपंथ फैला रहे हैं।
- ये तत्व मदरसों और NGOs के माध्यम से विदेशों से फंडिंगप्राप्त कर रहे हैं।
- नकली नोट, नशीले पदार्थ, मानव तस्करी, और चुनावी धांधली जैसे स्थानीय अपराधों में इनका योगदान लगातार बढ़ रहा है —
- यह सब भारत की आंतरिक सुरक्षा और सांस्कृतिक संतुलन के लिए गंभीर चुनौती है।
🔹 5. कांग्रेस की ऐतिहासिक भूलें — वोट-बैंक की राजनीति का दुष्परिणाम
कांग्रेस का इतिहास इस बात का गवाह है कि उसने हमेशा देशहित से पहले राजनीतिक स्वार्थों को रखा।
- 1947 के बाद से ही उसने मुस्लिम वोट-बैंक की राजनीति के लिए कानून और सीमाओं की अनदेखी की।
- 1971 के बाद बड़ी संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठिए भारत आए, पर कांग्रेस सरकार ने जानबूझकर आंखें मूँद लीं।
- इन घुसपैठियों को मतदान का अधिकार, सरकारी योजनाओं में लाभ, और कानूनी संरक्षण तक दिया गया।
- जबकि सीमावर्ती इलाकों के हिंदुओं, देशभक्तों और पीड़ित नागरिकों की आवाज़ अनसुनी कर दी गई।
अगर आज भी कांग्रेस की सरकार होती, तो न सिर्फ़ ये घुसपैठ जारी रहती, बल्कि भारत की आंतरिक स्थिति भी पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसी असफलता की ओर बढ़ रही होती।
🔹 6. मोदी सरकार की नीति — करुणा के साथ क़ानून की दृढ़ता
मोदी सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि “भारत करुणा का प्रतीक है, लेकिन कायर नहीं।”
- CAA (Citizenship Amendment Act) के माध्यम से उन शरणार्थियों को नागरिकता दी गई जो भारत में धार्मिक अत्याचार से भागकर आए।
- NRC (National Register of Citizens) ने अवैध घुसपैठियों की पहचान का मार्ग प्रशस्त किया।
- सीमा फेंसिंग, डिजिटल निगरानी और स्मार्ट पेट्रोलिंगने सीमाओं को मजबूत किया।
- NGO फंडिंग पर निगरानी, आतंकी नेटवर्क पर नकेल, और जिहादी तत्वों पर कड़ी कार्रवाई ने स्थिति को नियंत्रण में लाया।
यह पहली बार हुआ है जब कानून और मानवता दोनों संतुलित रूप से आगे बढ़े हैं।
🔹 7. नागरिक की भूमिका — सजगता ही सुरक्षा
हर नागरिक की नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी है कि वह सतर्क रहे।
हमें क्या करना चाहिए:
- अपने घरेलू सहायकों, ड्राइवरों और मजदूरों का पुलिस वेरिफिकेशन कराएँ।
- किसी संदेहास्पद व्यक्ति या गतिविधि की तुरंत पुलिस को सूचना दें।
- अफवाहों से बचें और केवल सत्यापित सूचनाओं पर भरोसा करें।
- अपने आस-पास के लोगों को कानूनी जागरूकता के लिए प्रेरित करें।
क्या न करें:
- किसी पर धर्म या जाति के आधार पर सामान्यीकृत आरोप न लगाएँ।
- कानून को अपने हाथ में न लें।
- समाज में डर या अफवाह फैलाने से बचें।
- विरोधी दलों के दुष्प्रचार से भ्रमित न हो।
🔹 8. सनातन धर्म का संदेश — करुणा के साथ कर्तव्य
सनातन धर्म सिखाता है —
- “धर्मो रक्षति रक्षितः।” (जो धर्म की रक्षा करता है, वही स्वयं सुरक्षित रहता है।)
- करुणा हमारी शक्ति है, लेकिन राष्ट्र की रक्षा हमारा धर्म है।
- सहिष्णुता का अर्थ यह नहीं कि हम अपने ही देश, धर्म और संस्कृति को कमजोर होने दें।
- जो तत्व भारत की एकता, अखंडता और धार्मिक सौहार्द को तोड़ना चाहते हैं,
उनके खिलाफ़ कानून के दायरे में कड़ी कार्रवाईअनिवार्य है।
🔹 9. राष्ट्रहित सर्वोपरि
- भारत की आत्मा सहिष्णु है, परंतु उसकी संप्रभुता अडिग है।
- हम कानूनी शरणार्थियों का स्वागत करते हैं, लेकिन जो धर्मांतरण, जिहाद, या देशविरोधी गतिविधियाँ फैलाते हैं — उनके लिए यहाँ कोई स्थान नहीं।
अब समय है —
👉 हर नागरिक के जागरण का,
👉 हर हिन्दू के एकजुट होने का,
👉 और हर देशभक्त के सतर्क रहने का।
- क्योंकि जब नागरिक जाग्रत होता है, तभी राष्ट्र सशक्त होता है।
🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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