अंतरराष्ट्रीय संबंधों में कार्य शब्दों से अधिक प्रभावशाली होते हैं, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की कूटनीति को रणनीतिक और प्रभावशाली कार्यों के माध्यम से पुनर्परिभाषित किया है। मोदी के नेतृत्व ने वैश्विक मंच पर भारत की ताकत, दृढ़ता और प्रभाव को प्रदर्शित किया है।
रणनीतिक कुशलता से चुनौतियों का सामना
- मलेशिया का कश्मीर पर समर्थन
जब मलेशिया ने कश्मीर पर पाकिस्तान का समर्थन किया, तो मोदी ने भारत के पाम तेल आयात को इंडोनेशिया की ओर मोड़ दिया।
परिणाम: मलेशिया ने तुरंत अपना रुख नरम कर लिया।
- तुर्की की कश्मीर पर टिप्पणी
तुर्की ने कश्मीर के मुद्दे पर भारत को चुनौती दी। मोदी ने उन्हें भारत की BRICS में प्रभावशाली स्थिति याद दिलाई।
परिणाम: तुर्की ने चुप रहना ही बेहतर समझा।
- मालदीव की भारत से दूरी
जब मालदीव ने भारत से दूर जाने के संकेत दिए, तो मोदी ने बस लक्षद्वीप जाकर एक फोटोशूट किया।
परिणाम: मालदीव की सरकार ने जल्द ही भारत के साथ सामंजस्य स्थापित कर लिया।
- श्रीलंका का राजनीतिक संकट
श्रीलंका में तख्तापलट की कोशिश के दौरान, भारत ने 4 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता दी।
परिणाम: यहां तक कि वामपंथी झुकाव वाले श्रीलंकाई राष्ट्रपति भी भारत के हितों की सुरक्षा का आश्वासन देते हैं।
- अफगानिस्तान में तालिबान का शासन
तालिबान के आने के बाद मोदी सरकार ने उन्हें चावल और गेहूं जैसी बुनियादी सहायता दी।
परिणाम: अब तालिबान पाकिस्तान के लिए मुसीबत बन चुका है।
भारत की शांत लेकिन प्रभावी रणनीति
- अनुच्छेद 370 और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
अनुच्छेद 370 हटने के बाद, पाकिस्तान ने भारत के साथ व्यापार बंद कर दिया। मोदी ने कुछ नहीं कहा, बस इंतजार किया।
परिणाम: अब पाकिस्तान व्यापार फिर से शुरू करने की गुहार लगा रहा है।
- म्यांमार का तख्तापलट
म्यांमार में तख्तापलट के बाद, भारत ने खाद्यान्न के रूप में मानवीय सहायता दी।
परिणाम: म्यांमार अब बांग्लादेश के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है, जो अप्रत्यक्ष रूप से भारत के हित में है।
- रूस की जरूरतें
भारत ने वैश्विक आलोचनाओं के बावजूद रूस से तेल आयात जारी रखा और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें हथियार भी दिए।
परिणाम: रूस अब भारत को उन्नत परमाणु युद्धपोत और पनडुब्बियां दे रहा है।
मोदी के तहत वैश्विक मंच पर भारत की उपस्थिति
अमेरिका और यूरोप: भारत ने रणनीतिक साझेदारी बनाए रखते हुए अपने हितों की रक्षा की।
अफ्रीका: व्यापार और विकास कार्यक्रमों के माध्यम से अफ्रीकी देशों के साथ संबंध मजबूत किए।
पश्चिम और पूर्व एशिया: तेल संकट के दौरान भी संतुलित संबंध बनाए।
रूस: एक मजबूत सहयोगी जो भारत को रणनीतिक रक्षा तकनीक प्रदान कर रहा है।
कूटनीति की नई परिभाषा
मोदी के नेतृत्व में भारत ने दिखाया है कि कूटनीति दबाव में झुकने का नाम नहीं, बल्कि अपने हितों को चतुराई और रणनीति के साथ आगे बढ़ाने का माध्यम है। आर्थिक प्रतिबंधों से लेकर मानवीय सहायता तक, मोदी की कूटनीति पारस्परिक सम्मान और संतुलित लाभ पर आधारित है।
यह स्तर की रणनीतिक सोच और प्रभाव भारत के इतिहास में अभूतपूर्व है।
यह है नए भारत की नई कूटनीति।
जय हिन्द! जय भारत!!
अधिक ब्लॉग्स के लिए कृपया www.saveindia108.in पर जाएं। हमारे व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें: https://chat.whatsapp.com/HxGZvlycYPlFvBO17O3eGW