हम अक्सर आतंकवाद और षड्यंत्र की बात करते हैं, लेकिन असली युद्ध सनातन धर्म और भारत के खिलाफ हमारी अपनी सोच में हो रहा है।
- सबसे बड़ा युद्धक्षेत्र आज हमारे शिक्षित, पाश्चात्य सोच वाले, स्वार्थी युवाओं का मन है — जो अपने करियर, परिवार, संपत्ति और सुख-सुविधा में इतने व्यस्त हैं कि समाज, देश और धर्म के लिए उनके पास न समय है, न सोच।
🧠 मानसिकता का संकट: अपनी जड़ों से कट चुकी पीढ़ी
आज का पढ़ा-लिखा सेक्यलर शहरी युवा:
- हॉलीवुड को महाभारत से ज़्यादा जानता है।
- कालीदास की बजाय काइली जेनर का नाम लेता है।
- इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर को फॉलो करता है, लेकिन धार्मिक नायकों को नहीं जानता।
- उसे सिखाया गया है कि अपनी संस्कृति पर सवाल करो, लेकिन पश्चिम की हर चीज़ को आँख बंद करके अपनाओ।
क्यों?
क्योंकि:
- उन्हें ऐसे स्कूलों में पढ़ाया गया जहाँ बाबर, औरंगज़ेब और टीपू को महान बताया गया, लेकिन शिवाजी, रानी दुर्गावती, महाराणा प्रताप को या तो हटाया गया या छोटा कर दिया गया।
- उन्हें झूठा सेक्युलरिज़्म सिखाया गया, जहाँ सहिष्णुता का मतलब हिंदुओं को ही दबाना बना दिया गया।
कांग्रेस सरकारों ने इतिहास और शिक्षा को तोड़–मरोड़ कर पेश किया, जिससे हिंदू अपनी ही पहचान से शर्मिंदा हो गया।
🎭 कांग्रेस की धोखेबाज़ विरासत: जानबूझकर गुमराह की गई पीढ़ी
1947 के बाद से ही कांग्रेस और वामपंथी गठजोड़ ने:
- हिंदुओं की चेतना को धीरे–धीरे मिटाया।
- इतिहास से धार्मिक और वीरता के अध्याय हटाए।
- मुस्लिम वोटबैंक की खातिर तुष्टिकरण की नीति अपनाई।
- “हिंदू” शब्द को ही घृणा और शर्म से जोड़ दिया।
ये कोई संयोग नहीं, एक योजनाबद्ध मानसिक हमला था — ताकि एक ऐसी पीढ़ी तैयार की जा सके जो ना अपने अतीत को जाने, ना भविष्य को बचा सके।
👨👩👧👦 जहाँ माता–पिता चूक गए
जब ये मानसिक ज़हर फैलाया जा रहा था, तब:
- अधिकांश माता–पिता चुप थे, अपने EMI और नौकरी की दौड़ में उलझे हुए।
- बच्चों को ना तो सनातन धर्म की शिक्षा दी, ना सही इतिहास बताया, और ना ही संस्कारों से जोड़ा।
- मंदिर जाना बंद, रामायण–गीता की कहानियाँ गायब, और बच्चों के हाथ में मोबाइल और लैपटॉप थमा दिए।
आज हमारे पास हैं:
- डिग्रीधारी मूर्ख — जो इंजीनियरिंग में टॉपर हैं, पर धर्म के मामले में अनपढ़।
- दौलत है, पर देश के लिए भावना नहीं।
- सोशल मीडिया पर एक्टिव, पर समाज के लिए निष्क्रिय।
1947 की तरह का संकट आने पर यह धन-संपत्ति कुछ काम की नहीं।
🔔 अब बदलाव ज़रूरी है – और तुरंत
क्योंकि हमारे दुश्मन नहीं सो रहे।
- कट्टरपंथ लव जिहाद, जमीन जिहाद, जनसंख्या जिहाद के माध्यम से देश में धीरे–धीरे पैर जमा रहा है।
- वामपंथी मीडिया और OTT प्लेटफॉर्म के जरिए झूठे नैरेटिव बनाए जा रहे हैं।
- पश्चिमी कंपनियाँ हमारी खेती, खानपान और स्वास्थ्य को नियंत्रित करना चाहती हैं।
और इस सबके बीच हमारा युवा:
- इंस्टाग्राम पर व्यस्त है,
- Netflix पर डिबेट करता है, और
- सोचता है कि देशभक्ति एक प्रचार है।
- देश और धर्म की रक्षा के लिए कुछ नहीं कर रहा है।
🛡️ आज सिर्फ मोदी सरकार ही डटी हुई है
- अगर आज कांग्रेस या UPA सत्ता में होती तो:
- अमेरिका के साथ हर खतरनाक व्यापार समझौते पर साइन कर देती।
- हमारी खेती को जहर से भर देती, GM बीजों से किसान को गुलाम बना देती।
- संविधान को छेद कर, शरीयत आधारित मांगों को पूरा करती।
लेकिन मोदी सरकार ने इन सब को रोका है:
- भारत का सम्मान वैश्विक मंचों पर बढ़ाया है।
- मंदिरों का पुनरुद्धार हो रहा है।
- सच्चा इतिहास वापस लाया जा रहा है।
- और मुस्लिम तुष्टिकरण पर लगाम लगाई है।
लेकिन अकेले मोदी कुछ नहीं कर सकते। उन्हें हमारी मदद की सख्त जरूरत है।
🔥 अब मौन रहना अपराध है – जागिए, कदम उठाइए
अगर आज नहीं जगे, तो:
- जो अंतिम पीढ़ी है जिसे सनातन का ज्ञान था, वो समाप्त हो जाएगी।
- अगली पीढ़ी इतनी अंधी, व्यस्त और लाचार होगी कि कुछ बचा नहीं पाएगी।
आपका कर्तव्य:
- बच्चों को सही इतिहास और धर्म सिखाइए।
- संस्कार, गीता, रामायण, शौर्य गाथाएं बताइए।
- धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संस्थाएं खड़ी करिए।
- राष्ट्रीय विचारधारा, राष्ट्रभक्ति और देशभक्त नेताओं का समर्थन करिए।
- तटस्थ मत रहिए। तटस्थता अब देशद्रोह बन गई है।
🧘♂️ यह केवल संस्कृति नहीं, अस्तित्व की लड़ाई है
- ये केवल पूजा-पाठ की बात नहीं है।
- ये लड़ाई है 5000 साल पुरानी सभ्यता को बचाने की।
- क्योंकि अगर सनातन गया, तो भारत भी नहीं बचेगा।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮
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