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सनातन धर्म की रक्षा

अब बातें नहीं, ठोस प्रयास चाहिए – भारत और सनातन धर्म की रक्षा के लिए मदद करेँ

यह समय केवल चर्चा का नहीं, बल्कि ठोस कदम उठाने का है। भारत और सनातन धर्म पर बढ़ते हुए खतरे अब किसी से छिपे नहीं हैं। हमारी सांस्कृतिक जड़ें, धार्मिक परंपराएं और वैदिक मूल्यों को संरक्षित रखना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता बन गई है। इसलिए अब आवश्यकता है कि हम सभी एकजुट होकर अपने धर्म और देश की रक्षा के लिए सक्रिय भूमिका निभाएं।

आज के डिजिटल युग में एक विचित्र स्थिति बन गई है – हम पढ़े-लिखे, सम्पन्न और जागरूक सनातनी दिनभर WhatsApp पर मैसेज पढ़ते हैं:
“मुसलमानों ने ये किया…”,
“कांग्रेस ने ये नुकसान पहुँचाया…”,
“मंदिरों पर हमला हो रहा है…”,
“हमारी संस्कृति खतरे में है…”

हम वो मैसेज दूसरों को फॉरवर्ड करते हैं, ग्रुप में लंबी बहस करते हैं, दुखी होते हैं –
और फिर अपने काम में लग जाते हैं।

कोई धरातली प्रयास नहीं। कोई संगठन नहीं। कोई जनजागरण नहीं। कोई बलिदान नहीं।

हमने खुद से पूछा है हमने क्या किया है?

हम तुरंत पूछते हैं:
सरकार क्यों कुछ नहीं कर रही?”
पर क्या हमने खुद से पूछा – हमने क्या किया है?

हममें से ज़्यादातर लोग अपने परिवार, नौकरी और आरामदायक जीवन में इतने व्यस्त हैं कि समाज, धर्म और राष्ट्र के लिए सोचने का समय ही नहीं बचता।हमें सबकुछ चाहिए लेकिन बिना कुछ किए।

सरकार भगवान नहीं है उसे हमारे सहयोग की ज़रूरत है

ये समझ लीजिए – सरकार के पास असीमित संसाधन नहीं हैं। उन्हें भी रोज़:

  • विपक्ष की राजनीति
  • कोर्ट की रुकावटें
  • सीमित संसाधन
  • अंदरूनी गठबंधन की मजबूरीयों
    का सामना करना पड़ता है।

मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में जो आधारशिला रखी है, वो ऐतिहासिक है:

  • भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना
  • राम मंदिर का निर्माण हुआ
  • विकास, राष्ट्रवाद और सैन्य शक्ति का उदय हुआ
  • रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता और ऑपरेशन सिन्दूर जैसी सर्जिकल क्षमताओं का प्रदर्शन
  • दुनिया में भारत की साख बढ़ी

पर सरकार सब कुछ अकेले नहीं कर सकती। हमें भी आगे आना होगा।

जो विरोधी ताकतें 24×7 काम कर रही हैं हम क्यों नहीं?

हमारे विरुद्ध जो वामपंथी, कांग्रेस, लिबरल, विदेशी एजेंडा है – वो दिन-रात लगा हुआ है:

  • वो मीडिया, शिक्षा, NGO, कोर्ट, OTT, बॉलीवुड सब पर काबिज़ हैं
  • वो झूठ फैलाते हैं, कोर्ट में जनविरोधी याचिकाएँ डालते हैं
  • वो अवैध घुसपैठियों को बचाते हैं
  • वो मंदिरों को निशाना बनाते हैं, लेकिन मस्जिदों की आलोचना नहीं होने देते
  • वो हिन्दू संस्कृति को “पिछड़ा” बताकर अपमानित करते हैं

वे लगातार लगे हुए हैं और हम? हम बस देख रहे हैं।

सोचिए अगर 2014 में मोदी न आए होते तो…?

  • अगर 2014 में कांग्रेस फिर से सत्ता में आती, तो आज:
  • राम मंदिर का सपना अधूरा होता
  • CAA-NRC जैसी योजनाएँ नहीं आतीं
  • आतंकवादियों को संरक्षण मिलता
  • हिंदू त्योहारों को दबाया जाता
  • देश इस्लामीकरण की राह पर और तेज़ी से बढ़ जाता

हमारा देश पाकिस्तान और बांग्लादेश की राह पर चल पड़ा होता।

भारत और धर्म का एकमात्र रक्षक: भाजपा और संघ

आज सिर्फ एक ही दल और संगठन हैं जो सच्चे अर्थों में:

  • राष्ट्रभक्त हैं
  • सनातन धर्म के पोषक हैं
  • भारत को विश्वगुरु बनाना चाहते हैं

वो हैं भाजपा और आरएसएस।

बाकी सब:

  • कांग्रेस: मुस्लिम तुष्टिकरण की जननी
  • वामपंथी: भारत-विरोधी और धर्मविरोधी
  • AAP: अराजकता फैलाने वाली
  • क्षेत्रीय दल: सत्ता के लिए किसी से भी समझौता
  • विदेशी NGOs: भारत को अस्थिर करने वाले

इन सबका लक्ष्य है भारत को रोकना, हिंदुओं को कमजोर करना, संविधान के जरिए भारत को सेक्युलर चादर में लपेटना।

इस्लामीकरण कोई कल्पना नहीं, ये सच्चाई है

  • बहुत से पूरे जिले मुस्लिम बहुल बन गए हैं
  • अवैध बांग्लादेशी और रोहीनगया वोटर बन चुके हैं
  • मंदिरों को नियमों से दबाया गया, मस्जिदें खुली छूट में
  • लव जिहाद, भूमि जिहाद, फूड जिहाद – हकीकत हैं
  • कुछ जगहों पर हिंदुओं को पलायन करना पड़ा

अगर अब भी नहीं जागे तो आने वाले 20 सालों में देश की पहचान बदल जाएगी।

अब एकजुट होने का समय है वरना बहुत देर हो जाएगी

अब ये केवल राजनीतिक लड़ाई नहीं है – ये एक सभ्यतागत युद्ध है।

हमें चाहिए कि हम:

  • मोदी सरकार को बिना किसी शर्त के राजनीतिक, सामाजिक और जमीनी स्तर पर पूरा समर्थन दें
  • अपने बच्चों को धर्म, इतिहास और सच्चाई सिखाएँ
  • संघ, मंदिर समितियाँ, सनातन संस्थाओं से जुड़ें
  • सोशल मीडिया पर फर्जी नैरेटिव का विरोध करें
  • धार्मिक, सामाजिक और कानूनी मामलों में दान करें, सहयोग दें
  • जो लोग देश और धर्म का अपमान करते हैं उनका बहिष्कार करें
  • धैर्य रखें बदलाव समय मांगता है

हम जीत रहे हैं लेकिन युद्ध अभी बाकी है

भारत आज:

  • चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
  • वैश्विक राजनीति में एक प्रमुख शक्ति
  • हिन्दू गौरव की पुनर्स्थापना की राह पर
  • सैन्य, आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टि से शक्तिशाली

लेकिन देशविरोधी ताकतें पूरी ताक़त से हमें गिराने की कोशिश कर रही हैं
अगर हम अब भी नहीं जागे, तो जो पाया है वो सब खो देंगे।

अंतिम चेतावनी अब समय है पक्ष चुनने का

अब न तटस्थता चलेगी, न मौन सहमति।

ये कुरुक्षेत्र है – और हर सनातनी को अर्जुन बनना पड़ेगा।

हमें तय करना है:
क्या हम भारत को सुपरपावर बनाना चाहते हैं या पाकिस्तानबांग्लादेश जैसी हालत में देखना चाहते हैं?

अब या कभी नहीं। ये अस्तित्व की लड़ाई है।

संस्कृति और सनातन धर्म की रक्षा केवल सरकार या संगठनों की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हम सभी का साझा कर्तव्य है। अब समय है कि हम अपने विचारों से आगे बढ़कर वास्तविक प्रयास करें। एकजुट होकर, जागरूक बनकर और सहयोग देकर हम भारत और सनातन धर्म की रक्षा कर सकते हैं। हैं। आइए, आज से ही अपने कर्तव्य का निर्वाह करें—क्योंकि अब बातें नहीं, ठोस प्रयास चाहिए।

उठो सनातनियों और इस धर्मयुद्ध में विजयी बनो।

🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳

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