यहूदी संघर्ष हमें सिखाता है कि जब पूरी दुनिया साथ छोड़ दे, तब आत्मबल और एकता ही सबसे बड़ा सहारा होते हैं। भारत आज उसी राह पर खड़ा है, जहां उसे अपनी सभ्यता, संस्कृति और अस्तित्व की रक्षा करनी है। यह समय है जागरूक होने का, एकजुट होने का — यह भारत और सनातन के लिए निर्णायक क्षण है।
यहूदी सत्य: जब दुनिया साथ छोड़ दे, तब आत्मबल ही मातृभूमि बनता है
- 75 साल पहले, हमारे पास न देश था, न सेना, और न कोई मित्र राष्ट्र।
- सिर्फ 65,000 यहूदी… और सात इस्लामी देशों का संपूर्ण आक्रमण — लेबनान, सीरिया, इराक, जॉर्डन, ईरान, मिश्र, और सऊदी अरब।
- कोई मदद को नहीं आया।
- हमें केवल हराने के लिए नहीं — मिटाने के लिए हमला किया गया।
लेकिन… हम बचे रहे।
🏜️ मरुस्थल की धूल से, एक जिद्दी राष्ट्र का जन्म
- संयुक्त राष्ट्र ने हमें जो ज़मीन दी — वह 65% रेगिस्तान थी।
- न पानी, न खाना, न ढांचा।
- लेकिन हमने उसे अपने खून और श्रम से सींचा।
- हमने सेना बनाई। राष्ट्र बनाया। तकनीक गढ़ी। आत्मगौरव जगा।
📖 हम भूले नहीं — और कभी नहीं भूलेंगे
- हमने स्पेन का निष्कासन नहीं भुलाया, न ही हिटलर के गैस चैंबर, और न ही अरब आक्रमण।
- हम सद्दाम को नहीं भूले, गद्दाफी को नहीं भूले, हमास से नहीं डरते, हिज़बुल्लाह और ईरान के सामने नहीं झुकते।
हर बार हमें गिराया गया — हम और ऊंचे उठे।
🏛️ यरुशलम – हमारी आत्मा का आईना
- यरुशलम पर 52 बार हमला हुआ, 23 बार घेराबंदी, 44 बार कब्जा।
- लेकिन हमने उसे कभी नहीं छोड़ा — वह हमारे हृदय में है।
- जो छीना गया था — हमने उसे फिर से पाया।
🔥 आध्यात्मिक लूट – नाम, आस्था, पहचान की चोरी
उन्होंने हमारे पैग़ंबरों को भी छीनना चाहा:
- अब्राहम को इब्राहिम बना दिया
- सोलोमन को सुलेमान
- मोज़ेज़ को मूसा
- डेविड को दाऊद
- हमारे अनुष्ठानों, ग्रंथों और रीति-रिवाजों को अपना बताने लगे।
- फिर कहा — “तुम्हारे लिए नया पैग़ंबर आ गया है, स्वीकार करो।”
लेकिन हमने इंकार किया। क्योंकि यह हमारा मार्ग नहीं था।
🩸 संत्रास, नरसंहार — पर कभी समर्पण नहीं
- मक्का में 2 लाख यहूदी मारे गए
- इराक में 2 लाख
- तुर्की में 4 लाख
- और सैकड़ों-हज़ारों सीरिया, ओमान, लेबनान में1300 वर्षों में करोड़ों यहूदियों की हत्या हुई।
फिर भी — हमारे अस्तित्व की लौ नहीं बुझी।
🛡️ आज, हमारे पास अपना राष्ट्र है — अपनी सेना है — अपना आत्मविश्वास है
- हमने चिप बनाए, दवाएं बनाई, उपग्रह भेजे, मानवता को उपचार दिए।
- हमने किसी को मिटाने की कसम नहीं खाई — हम घृणा नहीं करते।
- हम सिर्फ जीना चाहते हैं — सम्मानपूर्वक, अपनी भूमि पर, अपने घरों में।
🇮🇳 अब भारत के सनातनी आत्मा को भी जागना होगा
- भारत भी आज उसी संघर्ष के मार्ग पर है।
- हम हिंदू — वैचारिक, जनसांख्यिकीय, सांस्कृतिक और भौगोलिक आक्रमणका सामना कर रहे हैं — विशेषकर कट्टरपंथी इस्लामी ताक़तों से।
- हम सनातन धर्म की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं।
लेकिन भारत और इज़रायल में एक महत्वपूर्ण अंतर है:
- इज़रायल में लगभग हर नागरिक देशभक्त है। वहाँ कोई गद्दार नहीं।
भारत में — खतरा बाहर से कम, भीतर से ज्यादा है। - यहां हम कम देशभक्त और ज्यादा गद्दारों से जूझ रहे हैं:
- वोट के लिए मुस्लिम तुष्टीकरण
- आक्रांताओं का महिमा मंडन
- “धर्मनिरपेक्षता” के नाम पर इस्लामीकरण का रास्ता
- और हिंदू धर्म की रक्षा की आवाज़ों को “कट्टर” बता कर दबा देना
🔱 फिर भी प्रतिरोध की ज्वाला बुझी नहीं है
- क्या हम नहीं देख सकते कि अयोध्या, काशी और मथुरा — हमारी यरुशलम की तरह — अपवित्र की गईं?
- क्या हम नहीं पहचान सकते कि हमारी परंपराएं, ग्रंथ, मंदिर — मजाक बन चुके हैं या मिटाए जा रहे हैं?
- उन्होंने हमारे देवताओं के नाम बदले, हमारी संतानों का धर्म बदला, हमारे त्योहारों को “प्रदूषण” कहा, हमारी भाषा और इतिहास को “अंधविश्वास” करार दिया।
लेकिन अब हमें भूलना नहीं है।
⚔️ अगर यहूदी जीवित रह सकते हैं और फिर से उठ सकते हैं — तो हम भी कर सकते हैं
- अब हमें अपनी आत्महीनता छोड़नी होगी।
- “राजनीतिक शालीनता” के नाम पर अपनी संस्कृति की बलि देना बंद करना होगा।
- हमें एकजुट होना होगा — एक सांस्कृतिक और सभ्यतागत शक्ति बनकर।
- हमारे पूर्वज महाराणा प्रताप, गुरु तेग बहादुर, छत्रपति शिवाजी जैसे योद्धा थे — वे कभी झुके नहीं।
अब हमारी बारी है।
🚩 यह अब राजनीति का विषय नहीं — यह धर्मयुद्ध है
- यह तटस्थ बने रहने का समय नहीं है।
- यह सिर्फ पूजा का समय नहीं है — अब संगठन और सुरक्षा का समय है।
- यह समय है — यहूदियों की तरह जीवटता और सनातनी संकल्प को मिलाकर, भारत को धर्म के मार्ग पर पुनर्स्थापितकरने का।
🌟 हम कभी मिटाए नहीं गए। अब, हम फिर से उठेंगे — और कभी झुकेंगे नहीं।
🕉️ सनातन शाश्वत है — इसे कोई नष्ट नहीं कर सकता।
🇮🇳 भारत फिर से विश्वगुरु बनेगा — यदि उसके पुत्र जाग्रत हों।
यदि इसने आपके भीतर कुछ जगा दिया हो तो
- इसे चुपचाप मत पढ़िए। इसे साझा कीजिए।
- हर घर, हर दिल, हर मंच तक ये आवाज़ पहुंचे।
यह सिर्फ एक पोस्ट नहीं है — यह एक सभ्यता की पुनर्जागरण की घोषणा है।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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