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धर्म रक्षा का संग्राम।

भारत एक निर्णायक मोड़ पर: 70 वर्षों की लूट से 10 वर्षों के विकास तक, अब धर्म रक्षा का संग्राम।

भारत आज एक ऐसे ऐतिहासिक मोड़ पर खड़ा है जहाँ बीते 70 वर्षों की लूट और अव्यवस्था के बाद बीते 10 वर्षों में विकास की एक नई दिशा देखने को मिली है। लेकिन अब देश एक और बड़े संघर्ष की ओर बढ़ रहा है — यह संग्राम है धर्म, संस्कृति और अस्मिता की रक्षा का। यह केवल राजनीतिक परिवर्तन नहीं, बल्कि राष्ट्रीय पुनर्जागरण की शुरुआत है।

भाग 1: भारतीय राजनीति का अंधकार युग (1947–2014)

आज़ादी के बाद के लगभग 70 वर्षों तक, भारत का शासन उन राजनीतिक दलों के हाथों में रहा, जिन्होंने निजी और वंशवादी स्वार्थों के लिए सत्ता का दुरुपयोग किया। इन दलों ने:

  • देश को आर्थिक ठहराव और अवसरों की बर्बादी में धकेल दिया
  • 2G, CWG, कोल, बोफोर्स जैसे घोटालों से देश की संपत्ति को लूटा
  • मुस्लिम तुष्टिकरण और वोटबैंक की राजनीति को राष्ट्रहित से ऊपर रखा
  • हिंदू बहुसंख्यक समाज के अधिकारों और गरिमा को कुचला
  • सनातन धर्म, त्योहारों और परंपराओं को “सेक्युलरिज़्म” के नाम पर हाशिए पर डाला
  • देश की सुरक्षा, सीमाओं और विदेश नीति को कमजोर बनाए रखा
  • बांग्लादेशी घुसपैठ को जानबूझकर बढ़ावा दिया — जिससे कई राज्यों का जनसांख्यिकीय संतुलन बिगड़ गया
  • एक पूरा इकोसिस्टम — लुटियन मीडिया, एनजीओ, वामपंथी बुद्धिजीवी, फंडेड कार्यकर्ता — भारत को बदनाम करने में लगा रहा

भारत उस समय दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होते हुए भी एक कमजोर और अपमानित राष्ट्र बन चुका था।

भाग 2: 2014 — नवभारत का उदय

2014 में, भारत की जनता ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया। उन्होंने भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टिकरण को नकारते हुए नरेंद्र मोदी जी को देश की बागडोर सौंपी

इन मात्र 10 वर्षों में, भारत ने जो उपलब्धियां पाई हैं, वे किसी चमत्कार से कम नहीं हैं:

1. आर्थिक पुनर्जागरण

  • भारत बना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
  • सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना
  • जीएसटी, यूपीआई, आईबीसी, डीबीटी जैसी क्रांतिकारी सुधार
  • मैन्युफैक्चरिंग, स्टार्टअप्स और डिजिटल इंडिया का उदय

2. आधारभूत ढांचे का ऐतिहासिक विकास

  • राजमार्ग, एक्सप्रेसवे, एयरपोर्ट, मेट्रो, रेलवे का तीव्र निर्माण
  • हर गांव में बिजली, शौचालय, घर, जल — अब हकीकत
  • सीमाओं पर सुरक्षा ढांचा मजबूत हुआ

3. वैश्विक स्तर पर सम्मान और प्रभाव

  • अमेरिका, रूस, फ्रांस, जापान, खाड़ी देशों से मज़बूत संबंध
  • G20, BRICS, क्वाड जैसे मंचों पर भारत का नेतृत्व
  • संयुक्त राष्ट्र, IMF, वर्ल्ड बैंक में भारत की प्रतिष्ठा में वृद्धि

4. सेना का आधुनिकीकरण और आतंक पर कठोर कार्रवाई

  • सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट, डोकलाम — भारत की नई नीति: “घर में घुसकर मारेंगे”
  • स्वदेशी हथियार निर्माण, बॉर्डर डिफेंस में बड़ा निवेश
  • भारत अब सॉफ्ट स्टेटनहीं, बलवान राष्ट्र है

5. सनातन धर्म और हिंदू अस्मिता का पुनर्जागरण

  • अनुच्छेद 370 हटाया, कश्मीर को राष्ट्रधारा में जोड़ा
  • श्रीराम मंदिर निर्माण — सदी की ऐतिहासिक घटना
  • लव जिहाद, ट्रिपल तलाक, धर्मांतरण पर कानून
  • हिंदू त्योहारों और परंपराओं को पुनः सम्मान मिला

अब भारत की राष्ट्रीय पहचान सनातन संस्कृति से जुड़ रही है

भाग 3: भीतर के शत्रु एक सुनियोजित षड्यंत्र

इन ऐतिहासिक उपलब्धियों के बावजूद, भारत विरोधी शक्तियों का गठजोड़ इसे नष्ट करने पर तुला है:

  • सत्ता के भूखे विपक्षी दल
  • वामपंथी विचारक, नकली बुद्धिजीवी और “लुटियन” मीडिया
  • विदेशी फंड से पोषित एनजीओ और एक्टिविस्ट
  • कट्टरपंथी मौलवी, अवैध घुसपैठिए, जिहादी
  • टुकड़े-टुकड़े गैंग और छात्र संघों के नाम पर सक्रिय देशद्रोही

इनका एजेंडा:

  • सोशल मीडिया पर मोदी सरकार के खिलाफ जहर उगलना
  • ऑपरेशन सिंदूर या पहलगाम जैसे हमलों की झूठी रिपोर्टिंग
  • आतंकियों को क्लीन चिट देना, हिंदुओं को दोष देना
  • पाकिस्तान और चीन को फायदा पहुंचाने वाली बातें करना
  • UN में यह झूठ फैलाना कि आतंकियों ने धर्म नहीं पूछा था, जबकि सच्चाई यह है कि केवल हिंदुओं को चुनकर मारा गया

यह देशद्रोह है। यह आतंकियों का साथ देना है।

भाग 4: इस्लामीकरण का खतरा इतिहास दोहराया जा रहा है

अगर इन ताकतों को सफलता मिलती है, तो भारत का भविष्य बनेगा:

  • पाकिस्तान, बांग्लादेश, लेबनान जैसा — जहाँ
  • गैर-मुसलमानों को काफिर कहा जाता है
  • उनके मंदिर जलाए जाते हैं, महिलाओं का बलात्कार होता है, और धर्मांतरण के लिए मजबूर किया जाता है
  • लोकतंत्र नहीं, कट्टरपंथी तानाशाही का राज होता है

यह सब हमने देखा है:

  • कश्मीर में लाखों हिंदुओं का नरसंहार
  • बांग्लादेश और पाकिस्तान में हिन्दू महिलाओं के साथ अत्याचार
  • आज भी वही षड्यंत्र चल रहा है — राज्य दर राज्य

क्या हम ऐसा भविष्य अपने बच्चों को देना चाहते हैं?

भाग 5: अंतिम आह्वान उठो या मिट जाओ

यह केवल एक चुनाव नहीं है,
यह एक सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और राष्ट्रीय संग्राम है

यह संघर्ष है:

  • धर्म बनाम अधर्म
  • सनातन भारत बनाम इस्लामी भारत
  • राष्ट्रवाद बनाम गद्दारी
  • एकता बनाम विघटन

अब भारत को गांधीवादी अंहिसा के भ्रम से बाहर आकर, भगवान श्रीकृष्ण के धर्मयुद्ध के सिद्धांत को अपनाना होगा।

“धर्म की रक्षा हेतु, अधर्म का विनाश आवश्यक है।”

अब समय है पंचनीतिसाम, दाम, दंड, भेद, छल — का उपयोग करने का, जैसे श्रीकृष्ण ने किया।

साथ ही चाणक्य नीति — गुप्त योजना, तीव्र प्रहार, आंतरिक शत्रुओं का सफाया।

श्रीकृष्ण का धर्मयुद्ध + चाणक्य की रणनीति = भारत की रक्षा और धर्म की विजय।

निर्णय आपका है मोदी जी के साथ उठो या राष्ट्रविरोधियों के साथ डूबो।

  • जागो। संगठित हो। प्रतिरोध करो।
  • मोदी जी का समर्थन करो, सनातन धर्म की रक्षा करो, भारत को बचाओ।
  • नहीं तो हम सबका भविष्य एक और कश्मीर या पाकिस्तान बन जाएगा।

🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳

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