एक अहिंसक क्रांति — सनातन धर्म और राष्ट्रीय एकता की रक्षा हेतु
यह आंदोलन क्यों जरूरी है?
भारत, जो सनातन धर्म की भूमि है, आज बाहरी नहीं, बल्कि भीतरी शत्रुओं से घिरा हुआ है। हमारी सहनशीलता का मज़ाक उड़ाया गया, हमारी चुप्पी को कमजोरी समझा गया, और हमारे धर्म को बार-बार अपमानित किया गया। यह समय है, जब हमें अपने अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए एकजुट होना पड़ेगा। जब-जब हिन्दू मारे जाते हैं — कश्मीर हो, संदीशखाली हो या पहलगाम — तथाकथित ‘धर्मनिरपेक्ष’ गिरोह चुप हो जाता है। लेकिन यदि कोई छोटी सी बात किसी दूसरे समुदाय से जुड़ी हो, तो वही गिरोह आसमान सिर पर उठा लेता है। यही भारत की जटिल स्थिति को दर्शाता है, और यह एक पूर्वनियोजित हिंदू विरोधी षड्यंत्र का हिस्सा है। अब चुप रहना, अपने धर्म और देश के साथ विश्वासघात है। ओम् 108 आंदोलन इस विश्वासघात का प्रतिकार करने का एक प्रयास है। यह आंदोलन हिन्दू समुदाय की आवाज को बुलंद करने के लिए जरूरी है, ताकि हमारे अधिकारों और पहचान की रक्षा की जा सके।
मूल समस्या: जब हिन्दू ही अपने शत्रुओं को पैसा दे रहा है
- जब हम अनजाने में कुछ विशेष दुकानों या सेवाओं से खरीददारी करते हैं, तो हम अपने ही विरोध में कार्य कर रहे नेटवर्क्स को आर्थिक रूप से मज़बूत कर रहे हैं।
- इस पैसे से चलती हैं कट्टरपंथी विचारधाराएं, धर्मांतरण की फैक्ट्रियाँ, और वही मीडिया जो हिन्दुओं को ‘आतंकी’ बताता है।
हम अपने ही विनाश को फंड कर रहे हैं। यह अब बंद होना चाहिए।
समाधान: “ओम् 108 – धर्म आधारित आर्थिक प्रतिरोध”
म्यांमार में बौद्ध भिक्षु विराथु द्वारा चलाए गए शांतिपूर्ण और रणनीतिक “969” आंदोलन से प्रेरित होकर, भारत को भी अब एक हिंदू, धर्मनिष्ठ, कानूनी और अहिंसक आंदोलन की आवश्यकता है।
“ओम् 108” बनेगा हिंदू एकता, भरोसे और देशभक्ति का आर्थिक प्रतीक।
ओम् 108 का अर्थ:
- ‘ॐ’: सनातन धर्म की आत्मा और चेतना।
- ‘108’: हिंदू धर्म में पवित्र संख्या — पूर्णता, शक्ति और दिव्यता का प्रतीक।
- साथ में, “ओम् 108” बनता है एक धर्मसम्मत आर्थिक विकल्प का प्रतीक।
ओम् 108 आंदोलन के 5 नियम:
1. हर ख़रीद से पहले सोचो: पैसा कहाँ जा रहा है?
- क्या यह दुकान/सेवा सनातन धर्म, भारत और हिंदू संस्कृति का सम्मान करती है?
- केवल उन्हीं से खरीदें जो भारत और धर्म को आगे बढ़ाते हैं।
2. ‘ओम्108’ स्टीकर अपनाएं
- दुकानों, गाड़ियों, घरों, मंदिरों में यह स्टीकर लगाएं।
- यह बने आपकी आस्था, राष्ट्रभक्ति और सामाजिक जिम्मेदारी का प्रतीक।
3. जिहादी/हिंदूविरोधी नेटवर्क से आर्थिक बहिष्कार करें
जहाँ से आपके पैसे धार्मिक कट्टरता, आतंक या राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में जा सकते हैं — वहाँ से न खरीदें।
- सौम्यता से मना करें। जागरूक बनें, द्वेषपूर्ण नहीं।
4. धर्मनिष्ठ स्वदेशी विकल्प तैयार करें
- हिंदू स्वामित्व वाले स्टार्टअप, दुकानें, ऐप्स, स्कूल और मीडिया को सहयोग करें।
- हिंदू सहकारी प्रणाली को मज़बूत करें।
5. शिक्षा और एकता फैलाएं
- समाज, मंदिरों, स्कूलों में जनजागरण अभियान चलाएं।
सबको बताएं: यह आंदोलन नफरत का नहीं, आत्मरक्षा का है।
यह घृणा नहीं, आत्म–सम्मान है।
- क्या कोई कट्टर मुसलमान घर वापसी मिशन को चंदा देगा?
- क्या कोई पादरी राम मंदिर निर्माण में सहयोग करेगा?
नहीं। वे अपनी विचारधारा के प्रति निष्ठावान हैं। तो आप क्यों नहीं?
याद रखें:
- आपके पास यह तय करने का कानूनी अधिकार है कि आपका पैसा कहाँ जाए।
- आपके पास यह तय करने का धार्मिक कर्तव्य है कि आपका पैसा धर्म और देश के विरोध में न जाए।
निर्माण करें, विनाश नहीं
- कोई हिंसा नहीं।
- कोई अवैध कार्य नहीं।
- कोई नफरत नहीं।
बल्कि:
- आर्थिक बहिष्कार करें।
- विकल्प बनाएं।
हिंदू समाज को जाति–प्रांत से ऊपर उठाकर एक करें।
हिंदू आर्थिक एकता = हिंदू राजनीतिक शक्ति
- हमें जातियों में बांटा गया।
- हमें मुफ्त उपहारों से भ्रमित किया गया।
- हमें वोट और छूट से कमजोर किया गया।
अब यह चक्र तोड़ो।
हिंदू अर्थव्यवस्था को मज़बूत करो।
नारा लगाओ:
- “ना तलवार, ना पत्थर,
उठेगा अब हिन्दू का ज़िम्मेदार व्यपार।” - “ॐ108 हमारा चिन्ह,
भारत हमारी आत्मा,
धर्म हमारा कर्तव्य।”
अब क्या करें?
- #OM108 स्टीकर लगाएं
- व्हाट्सएप, टेलीग्राम, फेसबुक, X, इंस्टाग्राम पर फैलाएं
- भाषणों, शिविरों, मंदिरों में बात करें
- दुकानों, मंदिरों, वाहनों पर पोस्टर लगाएं
हम शांति चाहते हैं, आत्मगौरव नहीं छोड़ सकते।
- हम धर्मयुद्ध नहीं चाहते, लेकिन आर्थिक आत्मरक्षा अब आवश्यक है।
- हम नफ़रत नहीं चाहते, लेकिन जागरूकता और संगठन अब अनिवार्य हैं।
- हम किसी का नुकसान नहीं चाहते, लेकिन अपने धर्म, संस्कृति और अस्तित्व की रक्षा अवश्य चाहते हैं।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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