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सरदार पटेल

भारत का भविष्य: नेहरू की तुष्टिकरण नीति बनाम पटेल की राष्ट्रवादी दृष्टि

✍️ इतिहास की गहराई से निकली एक चेतावनी, जो आज भी प्रासंगिक है…

🔥 पृष्ठभूमि:

1947 में भारत की आज़ादी के साथ ही देश का बंटवारा हुआ। यह बंटवारा धर्म के आधार पर हुआ था — मुस्लिमों के लिए पाकिस्तान और हिन्दुओं के लिए भारत। सरदार वल्लभभाई पटेल जैसे दूरदर्शी नेताओं ने इस सच्चाई को समझा और साफ कहा कि विभाजन अब हो चुका है, इसलिए भारत को एक मजबूत और एकजुट राष्ट्र बनाना ही सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
लेकिन दुर्भाग्यवश, आज़ादी के बाद भी सत्ता में बैठे कुछ अन्य नेता इस कटु यथार्थ को स्वीकार नहीं कर पाए और तुष्टिकरण की राजनीति में उलझे रहे।

🧠 सरदार पटेल यथार्थवादी राष्ट्रनिर्माता:

उन्होंने देश को टुकड़ों से जोड़कर अखंड भारत बनाया। उन्होंने हैदराबाद, जूनागढ़, कश्मीर जैसे रियासतों को भारत में मिलाया, लेकिन उनकी स्पष्ट नीति थी —
👉 जिसने पाकिस्तान माँगा है, वो वहाँ जाए
👉 हिन्दुस्तान को हिन्दुओं का, सनातन संस्कृति का अभेद्य गढ़ बनना चाहिए

🗣️ नेहरू मोह, भ्रम और वोटबैंक की राजनीति:

  • नेहरू जी की विचारधारा पूरी तरह से तुष्टिकरणवादी और वामपंथ प्रेरित थी।
  • उन्हें धर्मनिरपेक्षता का ऐसा मोह था कि वो मुस्लिमों को रोकने, बसाने, वक्फ बोर्ड जैसी संस्थाओं को ताकत देने में लग गए
  • दिल्ली जैसे शहर में हिन्दुओं को बसाने के बजाय मुस्लिम संपत्तियों को वक्फ बोर्ड को सौंपने का निर्णय लिया गया
  • लाहौर से आए हिन्दू शरणार्थियों को कोई जगह नहीं मिली, लेकिन जो मुस्लिम पाकिस्तान नहीं गए उन्हें प्राथमिकता दी गई

💣 वास्तविक ऐतिहासिक सत्य जो आज भी छुपाया जाता है:

  • 93000 पाकिस्तानी सैनिकों को 1971 में बिना किसी शर्त के छोड़ दिया गया
  • किसी शांति संधि, रणनीतिक बदले या जवाबी कार्रवाई के बिना
  • भारत के 50 जवान जो पाकिस्तान के कब्जे में थे, उनके लिए कोई प्रयास नहीं किया गया

पाकिस्तान ने उसी युद्ध के दौरान अमृतसर, स्वर्ण मंदिर, और कई नागरिक क्षेत्रों पर हमला किया

  • जबकि भारत ने सिर्फ आतंकी ठिकानों और सैन्य अड्डों को निशाना बनाया
  • पाकिस्तान से जो हिन्दू आए, उन्हें क्लास-2 नागरिक की तरह ट्रीट किया गया
  • वहीं पाकिस्तान से आए मुस्लिमों को वोटबैंक बनाकर तुष्टिकरण की राजनीति शुरू हुई — जो आज भी जारी है

⚔️ सरदार पटेल का संवाद भविष्य की भविष्यवाणी:

जब नेहरू ने कहा, “यह देश कांग्रेस का है” —
सरदार पटेल ने स्पष्ट कहा —

“मुस्लिम 750 साल में गए, अंग्रेज 200 साल में चले गए… कांग्रेस 60–70 साल में जाएगी और लोग भूल जाएंगे।”

🔮 यह बात आज सत्य हो रही है:

  • कांग्रेस एक क्षेत्रीय पार्टी में सिमट गई है
  • लेकिन तुष्टिकरण का ज़हर, वक्फ कानूनों का अन्याय और धर्मनिरपेक्षता का विकृत प्रयोग आज भी हमारे राष्ट्र को जकड़े हुए है

🧱 अब हमारा क्या कर्तव्य है?

  • इतिहास के सही तथ्यों को जानना और जनजन तक पहुँचाना
  • सरदार पटेल जैसे नेताओं की राष्ट्रनिष्ठ सोच को पुनर्जीवित करना
  • वक्फ बोर्ड जैसे एकपक्षीय कानूनों को समाप्त करने की मांग करना
  • सनातन संस्कृति और हिन्दू समाज की रक्षा के लिए संगठित प्रयास करना

राजनीति में राष्ट्रवाद को प्राथमिकता देना, न कि जातिधर्म के बँटवारे को

🚨 कांग्रेस का अपराध क्या है?

  • पाकिस्तान बना, लेकिन आज भी वोटबैंक के लिए अवैध रोहिंग्या, बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसाना जारी है
  • हिन्दू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण में लाकर लूटा गया लेकिन मस्जिदों, चर्चों और वक्फ की संपत्ति को हाथ नहीं लगाया
  • CAA, NRC जैसे राष्ट्रहित कानूनों का विरोध मुस्लिम appeasement के लिए किया गया

आज भी देशविरोधी शक्तियों के साथ खड़े होने में कांग्रेसी शर्म नहीं करते

🛕 इसलिए आवश्यक है:

🙏 अब यह देश केवल हिन्दुओं का नहीं, बल्कि हिन्दुत्व की रक्षा करने वालों का है
🙏 हमें सत्य के पक्ष में खड़ा होना होगा, इतिहास से सीखकर
🙏 अब नेहरूवादी सोच नहीं, पटेल की राष्ट्रनीति चाहिए!

📢 यदि आप एक राष्ट्रवादी हैं —
👉 इस पोस्ट को साझा कीजिए
👉 बहस में भाग लीजिए
👉 सनातन धर्म की रक्षा और भारत की एकता के लिए खड़े होइए

🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳

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