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भारत का इतिहास

भारत का इतिहास – कैसे कैसे ज़ख्म, क्या क्या याद करोगे

भारत का इतिहास कांग्रेस के शासनकाल में बार-बार ऐसे घावों से गुज़रा है, जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता। ये घाव सिर्फ राजनीतिक या आर्थिक नहीं थे, बल्कि ये हिंदू समाज, भारत की संस्कृति और हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा पर सीधे वार थे।

✦ आतंकवाद के जनक को शांति दूत बनाना

अगर आप “आतंकवाद का जनक” गूगल करेंगे तो नाम मिलेगा — यासिर अराफात

  • 103 देशों द्वारा आतंकी घोषित।
  • 8 विमानों का अपहरणकर्ता।
  • 2000 निर्दोषों का हत्यारा।

👉 यही अराफात कांग्रेस की नजर में “शांति का दूत” बन गया।

  • इंदिरा गांधी ने उसे “नेहरू शांति पुरस्कार” दिया और 5 करोड़ रुपये नकद भेंट किए।
  • राजीव गांधी ने उसे “इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय शांति पुरस्कार” दिया और यहां तक कि भारत सरकार का बोइंग 747 विमान भी उपहार में दे दिया।

यानि जिसने हजारों निर्दोषों का खून बहाया, उसे कांग्रेस ने सम्मानित कर भारत के संसाधनों से आतंकवाद को ताक़त दी।

✦ कांग्रेस की विदेश नीति – भारत विरोधियों की गोद में

अराफात ने जब “फ़िलिस्तीन” नामक मुस्लिम राष्ट्र की घोषणा की, तो उसे सबसे पहले मान्यता देने वाला देश था —
👉 कांग्रेस शासन का भारत

  • लेकिन उसी अराफात ने OIC की बैठक में पाकिस्तान का समर्थन करते हुए कहा:
  • “कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा है।”
  • “अगर पाकिस्तान सेना भेजता है तो फिलिस्तीन लिबरेशन आर्मी भी शामिल होगी।”

👉 कांग्रेस की विदेश नीति का नतीजा यह हुआ कि भारत के पैसों और पुरस्कारों से पोषित आतंकी ही भारत की संप्रभुता के खिलाफ खड़े हो गए।

✦ कांग्रेस = मुस्लिम तुष्टीकरण

कांग्रेस का इतिहास देख लीजिए —

  • विभाजन (1947) से लेकर धारा 370, हज सब्सिडी, अल्पसंख्यक मंत्रालय, शाह बानो केस — हर कदम पर हिंदुओं के साथ अन्याय और मुसलमानों को विशेषाधिकार।
  • राम मंदिर पर ताला लगाना, हिंदू पर्सनल लॉ में सुधार से बचना और घुसपैठियों को शरण देना — सब वोट बैंक की राजनीति के लिए।
  • हिंदुओं की आस्था को चोट पहुँचाना और मुसलमानों के लिए हर दरवाज़ा खोलना — यही कांग्रेस का एजेंडा रहा।

👉 यह तुष्टीकरण केवल सत्ता पाने का साधन नहीं था, बल्कि भारत को धीरे-धीरे इस्लामीकरण की ओर धकेलने की रणनीति थी। अगर कांग्रेस और विपक्ष दोबारा सत्ता में आते हैं, तो भारत को पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसी असफल इस्लामिक राज्य बनाने का खतरा निश्चित है।

✦ डीप स्टेट और विदेशी ताकतों की साज़िश

  • कांग्रेस और विदेशी NGOs, दोनों मिलकर भारत पर दशकों तक हावी रहे।
  • 2014 तक भारत में डीप स्टेट और विदेशी NGOs का दबदबा था।
  • पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी यही ताकतें सफल रहीं क्योंकि वहां मोदी-शाह-राजनाथ-दोवाल जैसा मजबूत नेतृत्व नहीं था।

लेकिन मोदी सरकार आने के बाद परिदृश्य पूरी तरह बदल गया:

  • विदेशी NGOs पर कड़ी रोक लगी।
  • विपक्ष और कांग्रेस बिखरने लगे।
  • महागठबंधन अंदर से टूटने लगा।

👉 यही कारण है कि आज डीप स्टेट और विदेशी ताकतें बौखलाई हुई हैं और मोदी सरकार को हटाने के लिए षड्यंत्र कर रही हैं।

✦ मोदी सरकार का वैश्विक कद और रणनीति

  • मोदी ने विश्व के अधिकांश देशों के साथ मजबूत रिश्ते बनाए
  • G-20, BRICS, QUAD और UN में भारत की भूमिका को नई ऊँचाई दी।
  • भारत को हमेशा तटस्थ रखते हुए, हर मंच पर सिर्फ भारतीय हितों की रक्षा की।
  • ऑपरेशन सिंदूर, सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक जैसे कदमों ने दुनिया को दिखा दिया कि भारत अब केवल “सहनशील राष्ट्र” नहीं, बल्कि “प्रत्युत्तर देने वाला राष्ट्र” है।

👉 मोदी की शांत, सुनियोजित और दीर्घकालिक रणनीति ही वह हथियार है, जिससे डीप स्टेट और विपक्ष की हर चाल नाकाम होगी।

✦ निष्कर्ष – भारत का भविष्य

  • कांग्रेस ने भारत को केवल मुस्लिम तुष्टीकरण, आतंकवाद और विभाजनकारी राजनीति दी।
  • डीप स्टेट ने 2014 तक भारत में अपने एजेंडे सफलतापूर्वक चलाए।
  • लेकिन मोदी सरकार ने इन सबकी जड़ें काट दीं और भारत को आत्मनिर्भर, मज़बूत और आत्मविश्वासी राष्ट्र बनाया।

🚩 अगर भारत को वैश्विक महाशक्ति (Top-3 Superpowers) बनना है, तो मोदी और बीजेपी का लंबे समय तक सत्ता में बने रहना अनिवार्य है।

  • अगर कांग्रेस और विपक्ष सत्ता में आते हैं, तो भारत का भविष्य पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसा अंधकारमय हो जाएगा और हिंदुओं को वही हाल झेलना पड़ेगा, जो 1947 के बाद पाकिस्तान में हुआ था।

👉 इसलिए यह केवल चुनाव की लड़ाई नहीं है, बल्कि भारत के अस्तित्व की लड़ाई है।

🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮

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