भारत के विरुद्ध वैश्विक और घरेलू साजिशें
भारत आज विश्व मानचित्र पर एक निर्णायक मोड़ पर खड़ा है। जहाँ एक ओर यह देश तेज़ी से आर्थिक, सामरिक, तकनीकी और सांस्कृतिक रूप से उभर कर एक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है, वहीं दूसरी ओर, भारत के विरुद्ध वैश्विक और घरेलू साजिशें इस परिवर्तन को रोकने के लिए सक्रिय हैं। कुछ शक्तिशाली अंतरराष्ट्रीय ताकतें और देश के भीतर छिपे देशद्रोही तत्व इस उभार को थामने की पूरी कोशिश में जुटे हुए हैं।
वे जानते हैं कि यदि भारत आत्मनिर्भर, शक्तिशाली और अखंड बन गया, तो उनकी वर्षों पुरानी दादागिरी, आर्थिक दोहन, और राजनीतिक हस्तक्षेप की नीतियाँ पूरी तरह विफल हो जाएँगी।
1. भारत की बढ़ती शक्ति क्यों खल रही है विश्व को?
भारत की शक्ति के संकेत:
- स्वदेशी रक्षा निर्माण – अमेरिका, फ्रांस, रूस और चीन जैसे देशों की हथियार बिक्री में गिरावट।
- मेड इन इंडिया – भारत वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की दिशा में अग्रसर।
- डिजिटल इंडिया और पारदर्शिता – विदेशी डेटा कंपनियों की मनमानी पर रोक।
- स्वतंत्र विदेश नीति – रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत का संतुलन और ब्रिक्स में नेतृत्व।
- शक्ति प्रदर्शन – बालाकोट, सर्जिकल स्ट्राइक, गलवान, चंद्रयान-3, G20 लीडरशिप।
इस कारण:
अमेरिका, यूरोप, चीन, पाकिस्तान और कट्टरपंथी ताकतों के लिए भारत का यह उदय असहनीय हो गया है।
इन्हें डर है कि:
- उनकी आर्थिक पकड़ खत्म हो रही है
- भारत अस्त्र–शस्त्र बाजार से बाहर निकल रहा है
- भारत की विदेश नीति स्वतंत्र हो रही है
- भारत मजबूत सैन्य शक्ति और तकनीकी शक्ति बनकर उभर रहा है
2. इन शक्तियों की साजिश: भारत में विपक्ष और देशद्रोहियों के माध्यम से अस्थिरता फैलाना
l इस्तेमाल हो रहे हैं ये देशविरोधी उपकरण:
- विपक्षी दल, जिनकी अवैध कमाई खत्म हो चुकी है
- वामपंथी, टुकड़े–टुकड़े गैंग, जो भारत को तोड़ना चाहते हैं
- NGO और विदेशी मिशनरीज, जिनका उद्देश्य है धर्मांतरण और अशांति
- लुटियन्स मीडिया, जो हर राष्ट्रवादी निर्णय को “तानाशाही” बताता है
- फर्जी सेक्युलर और लिबरल चेहरे, जो भारत की जड़ों पर हमला करते हैं
इनके उद्देश्य:
- मोदी सरकार को बदनाम करना
- दंगों और आंदोलनों के ज़रिए अस्थिरता फैलाना
- न्यायालयों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में झूठ फैलाना
- फर्जी विमर्श (narrative) बनाकर राष्ट्रवादी सोच को कुचलना
3. विपक्ष की बेचैनी: मोदी सरकार से क्यों डरते हैं ये लोग?
मोदी सरकार के ठोस काम:
- राम मंदिर निर्माण
- CAA-NRC व राष्ट्रहित में निर्णय
- 370 हटाना और कश्मीर में शांति
- डिजिटल ट्रांसफर, सब्सिडी में पारदर्शिता
- मुफ्त राशन, आयुष्मान भारत, हर घर जल
- कोरोना वैक्सीनेशन की ऐतिहासिक सफलता
- इन्फ्रास्ट्रक्चर और रेलवे का कायाकल्प
- पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक, चीन पर सख्ती
- भ्रष्टाचार मुक्त केंद्रीय शासन
इनके नुकसान:
- घोटाले बंद, आय के स्रोत खत्म
- दलाली, बिचौलिया, फर्जी पत्रकारिता खत्म
- चुनावी फंडिंग पारदर्शी
- NGOs की विदेशी फंडिंग पर रोक
अब ये सभी ताकतें एकजुट होकर मोदी सरकार को गिराने का हरसंभव प्रयास कर रही हैं।
4. राष्ट्रवादियों के लिए यह कैसा समय है?
यह सिर्फ चुनाव नहीं, भारत के आत्मसम्मान, संस्कृति और भविष्य की लड़ाई है। यदि आज राष्ट्रवादी नेतृत्व को समर्थन नहीं मिला तो:
भारत फिर से एक उपनिवेश जैसा बन जाएगा
हिंदू समाज और सनातन धर्म पर हमले और तेज होंगे
देश को बाँटने वाले फिर सत्ता में आ जाएंगे
5. हमें क्या करना चाहिए?
राष्ट्रवादियों की जिम्मेदारी:
- वोट देना, लेकिन सिर्फ वोट नहीं – जागरूक रहना
- हर राष्ट्रद्रोही साजिश का पर्दाफाश करना
- युवा पीढ़ी को सच्चाई बताना
- हिंदू समाज को जाति, भाषा, क्षेत्र से ऊपर उठकर एक करना
- सोशल मीडिया और ज़मीनी स्तर पर राष्ट्रवादी विमर्श मज़बूत करना
भारत के लिए, सनातन धर्म के लिए, हिन्दू समाज के लिए — हमें मोदी सरकार को बार–बार लाना होगा।
2025 – अभी BJP सरकार
2029 – फिर BJP सरकार
2034 और आगे तक – मजबूत, राष्ट्रवादी भारत के लिए BJP सरकार
जय श्रीराम। जय सनातन। जय भारत।
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