- कल शाम की चाय पीते हुए अचानक एक विचार आया।
यह राजनीति से नहीं, बल्कि भारत के बदलते स्वरूप से जुड़ा था। - सत्तर वर्षों तक वही बहाने – भ्रष्टाचार, घोटाले, गरीबी और बेबसी।
पर आज स्थिति अलग है — सिर्फ आँकड़ों में नहीं, सोच और आत्मा में भी। - तो मैंने स्वयं से पूछा – क्यों पहले इतने गलत काम आम थे, और अब धीरे-धीरे समाप्त हो गए हैं?
🔹 1️⃣ अंडरवर्ल्ड की राजनीति पर लगाम
- कांग्रेस काल में मुंबई हाजी मस्तान, करीम लाला और दाऊद इब्राहिम जैसे डॉन के अधीन थी।
- ये अपराधी राजनीतिक संरक्षण में पलते और काले धन से देश की अर्थव्यवस्था को चूसते थे।
- 2014 के बाद मोदी सरकार ने NIA, ED, और काले धन विरोधी कानूनोंको सशक्त बनाया।
- परिणाम यह हुआ कि जिस मुंबई पर कभी माफिया का डर था, आज वहाँ विकास और कानून का शासन है।
अब डर अपराधियों को है — जनता को नहीं।
🔹 2️⃣ राजनीतिक विलासिता और लूट का अंत
- एक समय था जब मायावती को सोने या नोटों की मालाओं से तोला जाता था।
- नेता जन्मदिन पर करोड़ों उड़ाते थे जबकि जनता रोटी के लिए तरसती थी।
- आज मोदी-योगी शासन में पैसा सीधे जनता के खाते में जा रहा है —
जनधन, उज्ज्वला, पीएम आवास, आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के माध्यम से। - नेताओं की पूजा खत्म, जनता का सशक्तिकरण शुरू।
🔹 3️⃣ उत्तर प्रदेश में कानून का राज वापस
- कभी अतीक अहमद, आज़म खान, मुख्तार अंसारी जैसे माफिया प्रदेश चलाते थे।
- वे जबरन वसूली, ज़मीन कब्ज़ा, और आतंक फैलाने के प्रतीक बन गए थे।
- योगी सरकार ने इनका साम्राज्य ध्वस्त कर दिया — कानूनी और शारीरिक दोनों रूप से।
- जो कभी सत्ता में आतंक फैलाते थे, आज अदालत में दया की भीख माँगते हैं।
- “बुलडोज़र ऑफ जस्टिस” अब न्याय का प्रतीक बन चुका है।
🔹 4️⃣ “क्रिएटिव करप्शन” का युग खत्म
- यूपीए काल में हर घोटाला “नीति निर्णय” कहकर ढँक दिया जाता था।
- 2G, CWG, कोयला घोटाला, एयरसेल-मैक्सिस जैसे घोटाले सामान्य बन गए थे।
- मोदी शासन में 10 वर्षों में एक भी घोटाला सामने नहीं आया।
- हर लेन-देन डिजिटल, पारदर्शी और ट्रैसेबल हो चुका है।
- “₹6 करोड़ का गोभी” उगाने वाले मंत्री अब सिर्फ इतिहास हैं।
🔹 5️⃣ कृषि और संपत्ति घोटालों की मौत
- सुप्रिया सुले की 10 एकड़ ज़मीन से ₹670 करोड़ की “फसल” — यह UPA के नकली विकास का प्रतीक थी।
- रॉबर्ट वाड्रा के ज़मीन घोटाले ने दिखाया कि सत्ता का उपनाम कैसे साम्राज्य बन जाता था।
- मोदी शासन ने सत्ता, संपत्ति और भ्रष्टाचार की इस तिकड़ी को तोड़ दिया।
- अब बेनेमी संपत्ति, लैंड ग्रैबिंग और शेल कंपनियाँसीधा कानूनी शिकंजे में हैं।
- कानून अब सब पर समान रूप से लागू है — चाहे उपनाम गांधी हो या कोई और।
🔹 6️⃣ “सैफई स्टाइल” राजनीति का अंत
- अखिलेश यादव शासन में सैफई महोत्सव पर करोड़ों उड़ा दिए जाते थे जबकि बेरोजगार युवा निराश थे।
- आज वही पैसा एक्सप्रेसवे, एयरपोर्ट और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चरमें लग रहा है।
- मोदी-योगी मॉडल ने दिखाया कि कुशलता और पारदर्शिता भी राजनीति का हिस्सा बन सकती है।
🔹 7️⃣ प्रभाव-व्यापार और परिवारवाद की गिरावट
- कभी प्रियंका गांधी की पेंटिंग ₹2.5 करोड़ में बिकती थी,
- कभी नेताओं की पत्नियों की कलाकृतियाँ सरकार को करोड़ों में बेची जाती थीं।
- अब भारत जवाब मांगता है, पारदर्शिता चाहता है।
- आज व्यक्ति की कीमत रिश्तों से नहीं, योगदान से तय होती है।
- “भ्रष्टाचार की कला” अब फैशन नहीं, अपराध है।
🔹 8️⃣ सोनिया गांधी की रहस्यमयी बीमारी कहाँ गई?
- 2004–2014 के बीच सोनिया गांधी हर छह माह में “इलाज” के नाम पर विदेश जाती थीं।
- हवाईअड्डों पर कोई चेकिंग नहीं, दर्जनों संदूक विदेश जाते, कोई रिकॉर्ड नहीं।
- 2014 के बाद अचानक बीमारी गायब, विदेश यात्राएँ बंद।
- सत्ता बदली और बीमारी भी “चमत्कारिक” ढंग से खत्म।
- जब भ्रष्टाचार खत्म होता है, तो अदृश्य रोग भी ठीक हो जाते हैं।
🔹 9️⃣ विकास का यह पैसा आया कहाँ से?
- 2014 में भारत आर्थिक रूप से लगभग दीवालिया था — कर्ज़, घाटा और घोटाले।
- पर सिर्फ 12 वर्षों में वही भारत हाईवे, एयरपोर्ट, बुलेट ट्रेन और डिजिटल इंडिया बना रहा है।
- यह कोई जादू नहीं — बल्कि लूट के हर छेद को बंद करने का परिणाम है।
- जो पैसा पहले नेताओं और दलालों की जेब में जाता था, अब विकास में लग रहा है।
- पारदर्शिता, ईमानदारी और जवाबदेही ने भारत को दुनिया की सबसे तेज़ बढ़ती अर्थव्यवस्थाबना दिया है।
🔹 🔥 क्यों भ्रष्ट, अपराधी और राष्ट्रविरोधी मोदी से नफरत करते हैं
- जिनके साम्राज्य भ्रष्टाचार पर टिका था — वे सब अब संकट में हैं।
- उनकी अवैध कमाई, रिश्वतखोरी और सत्ता की दुकानें बंद हो गईं।
- इसलिए उन्होंने अब जिहादी, अलगाववादी और विदेशी लॉबी के साथ गठजोड़ कर लिया है।
- उद्देश्य एक ही — मोदी को हटाकर पुराना भ्रष्ट युग वापस लाना।
पर जनता अब जाग चुकी है।
- आज आम भारतीय झूठ नहीं, सच्चाई के साथ खड़ा है — भारत के साथ, मोदी के साथ।
🔹 🔟 मोदी युग में जो हो रहा है, वह पहले कभी नहीं हुआ
- राष्ट्रीय गौरव पुनः स्थापित: भारत अब विश्व में सिर ऊँचा करके बात करता है।
- ईमानदार शासन: 10 वर्षों में कोई घोटाला नहीं।
- गरीबों का सशक्तिकरण: सीधा लाभ, बिना बिचौलियों के।
- सुरक्षा सुदृढ़: आतंकवाद को जड़ से खत्म किया गया।
- संस्कृति का पुनर्जागरण: सनातन और भारतीय गौरव का पुनरुत्थान।
- आर्थिक चमत्कार: दसवें से चौथे सबसे बड़े अर्थतंत्र तक पहुँचना।
- जनता का भरोसा: पहली बार नागरिकों को लगता है कि सरकार उनके लिए काम करती है।
☀️ चिंतन
- वही लोग।
- वही देश।
- वही संसाधन।
पर एक बड़ा अंतर — दृष्टि और निष्ठा।
- कांग्रेस के भारत में घोटाले थे, मोदी के भारत में गौरव है।
- भ्रष्ट लोग रो रहे हैं, अपराधी छिप रहे हैं, पर राष्ट्र उभर रहा है।
यह सिर्फ एक सरकार नहीं —
- यह धर्म, अनुशासन और विकास का पुनर्जागरणहै।
🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
पुराने ब्लॉग्स के लिए कृपया हमारी वेबसाईट www.saveindia108.in पर जाएं।
हमारे व्हाट्सएप कम्यूनिटी में जुड़ने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें: https://chat.whatsapp.com/FMr2WNIgrUVG9xK78FW5Dl?mode=r_t
टेलीग्राम ग्रुप से जुडने के लिए https://t.me/+T2nsHyG7NA83Yzdlपर क्लिक करेँ। पुराने ब्लॉग्स टेलीग्राम ग्रुप पर भी उपलब्ध हैं।
