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भारत की बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा

भारत की बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा, मुस्लिम विश्व का भरोसा और समय की नैतिक कसौटी

मोदी युग में बदली हुई कूटनीतिक वास्तविकता

  • आज भारत वैश्विक मंच पर जिस परिवर्तन से गुजर रहा है, वह विशेष रूप से मुस्लिम देशों के साथ उसके संबंधों में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।
  • यह बदलाव किसी प्रचार अभियान या वैचारिक शोर के कारण नहीं, बल्कि स्थिर नेतृत्व, सभ्यतागत स्पष्टता और सिद्धांतों पर आधारित शासनके कारण हुआ है।
  • हाल ही में भारत और एक प्रमुख मुस्लिम-बहुल देश के बीच घटित एक कूटनीतिक घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि आज भारत के नेतृत्व को केवल औपचारिक प्रोटोकॉल के तहत नहीं, बल्कि व्यक्तिगत विश्वास, सम्मान और अपनत्व के साथ स्वीकार किया जा रहा है।

यह इस बात का संकेत है कि:

  • भारत को एक जिम्मेदार वैश्विक शक्ति के रूप में देखा जा रहा है
  • भारत की आंतरिक स्थिरता पर भरोसा बढ़ा है
  • भारत के धर्म, शासन और सुरक्षा के संतुलित दृष्टिकोणको स्वीकार किया जा रहा है
  • यह वास्तविकता उन आरोपों के बिल्कुल विपरीत है जो कुछ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय इकोसिस्टम लगातार फैलाते हैं कि भारत मुसलमानों के लिए असुरक्षित या भेदभावपूर्ण है।

प्रचार और वैश्विक सच्चाई के बीच का अंतर

  • भारत के भीतर और बाहर कुछ समूह भारत को बदनाम करने का प्रयास करते हैं, लेकिन राष्ट्र भावनाओं पर नहीं, तथ्यों और अनुभवों पर निर्णय लेते हैं

मुस्लिम-बहुल देश भारत से संबंध इन आधारों पर बनाते हैं:

  • भारत का संविधान और समान नागरिक अधिकार
  • धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी
  • आतंकवाद के विरुद्ध सख्त लेकिन निष्पक्ष नीति
  • आर्थिक, ऊर्जा और रणनीतिक साझेदारी

उनके व्यवहार और निर्णय प्रचार से नहीं, बल्कि वास्तविकता से संचालित होते हैं।

मुस्लिम विश्व से सम्मान: एक प्रवृत्ति, अपवाद नहीं

पिछले एक दशक में कई मुस्लिम-बहुल देशों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्रदान किए हैं। इनमें शामिल हैं:

  • सऊदी अरब – किंग अब्दुलअज़ीज़ ऑर्डर
  • संयुक्त अरब अमीरात – ऑर्डर ऑफ ज़ायद
  • बहरीन – किंग हमद ऑर्डर ऑफ द रिनेसां
  • अफगानिस्तान (तालिबान से पूर्व) – ग़ाज़ी अमीर अमानुल्लाह ख़ान सम्मान
  • मिस्र, ओमान, फ़िलिस्तीन, जॉर्डन सहित अन्य देशों द्वारा विशेष राजकीय सम्मान

ये सम्मान केवल औपचारिक नहीं होते। इन्हें देने से पहले देशों द्वारा यह देखा जाता है:

  • नेतृत्व की ईमानदारी
  • क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता में योगदान
  • धार्मिक समुदायों के प्रति सम्मान
  • आतंकवाद के विरुद्ध स्पष्ट और सुसंगत रुख
  • बिना तुष्टिकरण के मुस्लिम हितों की सुरक्षा

कोई भी मुस्लिम देश ऐसे नेता को सम्मानित नहीं करेगा जो अपने देश में मुसलमानों के साथ व्यवस्थित अन्याय करता हो। यह तथ्य भारत-विरोधी प्रचार को स्वतः खारिज करता है।

भारत का स्पष्ट सिद्धांत: आस्था का सम्मान, आतंक के प्रति शून्य सहनशीलता

वर्तमान नेतृत्व के अंतर्गत भारत की नीति पूरी तरह स्पष्ट है:

  • आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता
  • हिंसा के लिए आस्था का उपयोग स्वीकार्य नहीं
  • कानून मानने वाले सभी नागरिक समान हैं
  • सुरक्षा कार्रवाई तथ्य और कानून पर आधारित होती है, पहचान पर नहीं

इसी स्पष्टता के कारण भारत को उन मुस्लिम देशों का भी समर्थन मिल रहा है जो स्वयं कट्टरपंथ और आतंकवाद से जूझ रहे हैं।

शांतिप्रिय मुसलमानों से एक जिम्मेदार अपील

आज आवश्यकता है एक ईमानदार, सभ्य और नैतिक अपील की—बिना आरोप, बिना घृणा और बिना सामूहिक दोषारोपण के

  • जो मुसलमान जिहादी विचारधारा और आतंकवाद को अस्वीकार करते हैं, उनकी नैतिक जिम्मेदारी है कि वे आतंकवाद और कट्टरता की खिलाफ  खुलकर विरोध करेँ।
  • स्पष्ट विरोध आतंकियों के झूठे दावों को कमजोर करता है
  • समुदाय के भीतर से उठी आवाज़ों की विश्वसनीयता अधिक होती है
  • कानून व्यवस्था और शांति के साथ सहयोग निर्दोष लोगों की रक्षा करता है
  • यह कोई मांग नहीं, बल्कि मानवता की पुकार है।

इतिहास बताता है कि अस्पष्टता और चुप्पी चरमपंथ को ताकत देती है, जबकि खुला विरोध उसे अलग-थलग करता है।

वैश्विक आतंक-रोधी कार्रवाई धर्म के विरुद्ध नहीं

यह समझना आवश्यक है कि:

  • आतंकवाद के विरुद्ध कार्रवाई हिंसक नेटवर्कों पर होती है, धर्म पर नहीं
  • नागरिकों की सुरक्षा राज्य का कर्तव्य है
  • चरमपंथ के खिलाफ सक्रिय सहयोग ही सामाजिक सौहार्द की रक्षा करता है

जब शांतिप्रिय नागरिक आतंकवाद के खिलाफ खुलकर खड़े होते हैं, तो वे:

  • अविश्वास कम करते हैं
  • समाज को विभाजन से बचाते हैं
  • भविष्य की पीढ़ियों को सुरक्षित करते हैं

आज भारत पर क्यों भरोसा किया जा रहा है

भारत पर बढ़ता वैश्विक भरोसा इन कारणों से है:

  • निर्णायक और स्थिर शासन
  • बिना हस्तक्षेप के आर्थिक सहयोग
  • संस्कृति और संप्रभुता का सम्मान
  • आतंकवाद के प्रति कठोर लेकिन न्यायपूर्ण नीति
  • आत्मविश्वास, अहंकार नहीं

भारत न तो झुका हुआ है, न उग्र। भारत आत्मविश्वासी, संतुलित और दृढ़ है।

शांति की साझा जिम्मेदारी

मुस्लिम-बहुल देशों द्वारा भारत के नेतृत्व को दिया गया सम्मान इस बात की पुष्टि करता है कि भारत:

  • आस्था और आतंक के बीच स्पष्ट भेद करता है
  • अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा करता है
  • वैश्विक शांति में जिम्मेदार भूमिका निभाता है

आगे का मार्ग स्पष्ट है:

  • सरकारों को आतंक के खिलाफ सख्त रहना होगा
  • समाजों को चरमपंथ का खुला विरोध करना होगा
  • सभी धर्मों के शांतिप्रिय लोगों को नैतिक साहस दिखाना होगा

प्रचार नहीं, साझा जिम्मेदारी और सत्य ही सुरक्षित और शांतिपूर्ण विश्व का निर्माण कर सकते हैं।

  • आज दुनिया जिस भारत से संवाद कर रही है, वह यही भारत है।

🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳

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