भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने की साजिश
आज भारत एक नई विचारधारा के संघर्ष के बीच खड़ा है, जहां भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने की साजिश जैसी बातें बहस का केंद्र बन चुकी हैं। यह मुद्दा न सिर्फ देश की सांस्कृतिक पहचान को चुनौती देता है, बल्कि सामाजिक एकता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है। समय आ गया है कि हम इन साजिशों को समझें, जागरूक बनें और अपने राष्ट्र की मूल आत्मा की रक्षा के लिए एकजुट हों।
विपक्ष की गद्दारी और हिन्दुओं की निष्क्रियता
1️⃣ वोटबैंक की राजनीति का असली चेहरा
1947 में भारत के बंटवारे के समय करीब 3.5 लाख मुसलमानों को भारत में रहने की अनुमति दी गई — यह वोट बैंक की राजनीति का पहला बीज था। उस समय से लेकर अब तक, सभी विपक्षी पार्टियाँ (कांग्रेस, वामपंथी, क्षेत्रीय दल) इसी वोट बैंक पर निर्भर होकर सत्ता पाती रही हैं।
आज वही संख्या 25 करोड़ से अधिक हो चुकी है — और यह केवल प्राकृतिक जनसंख्या वृद्धि नहीं है, बल्कि एक सुनियोजित जनसंख्या विस्फोट और अवैध घुसपैठ का परिणाम है, जिसे इन दलों ने संरक्षण और सहायता दी।
2️⃣ अवैध मुसलमान घुसपैठियों को वैध नागरिक बनाना: विपक्ष का गुनाह
विपक्षी शासित राज्यों में तो यह धार्मिक जिहाद खुलेआम चल रहा है:
🟥 अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों को:
- आधार कार्ड
- वोटर ID
- PAN कार्ड
- राशन कार्ड
- स्वास्थ्य बीमा
- सरकारी योजनाओं का लाभ
- प्रधानमंत्री आवास योजना में घर
👉 दे दिए जाते हैं ताकि वे एक “वफादार वोटर” बनें!
यह राष्ट्रद्रोह नहीं तो और क्या है?
3️⃣ जनसंख्या जिहाद और ‘निकाह-नवासी योजना’
आज एक और गहरी साजिश चल रही है जिसे ‘निकाह जिहाद’ या ‘जनसंख्या जिहाद’ कहा जा सकता है:
- हजारों मुस्लिम महिलाएँ पाकिस्तानियों से निकाह करती हैं लेकिन भारत में रहती हैं
- पाकिस्तान से निकाह के बाद भारत लौटकर बच्चे जन्म देती हैं, और भारत में सरकारी सुविधाएँ लेती हैं
- ऐसा सिर्फ पंजाब नहीं, पूरे भारत में हो रहा है — खासकर सीमावर्ती राज्यों में
🔴 यह योजना भारत को संख्या के आधार पर हथियाने की साजिश है।
4️⃣ पाकिस्तान-प्रेम और आतंकवादियों का संरक्षण
जब कश्मीर में हमारे सैनिक शहीद होते हैं, तब विपक्षी नेता आतंकवादियों की “न्यायिक हत्या“ की बात करते हैं।
जब बम धमाका होता है, तो पुलिस और खुफिया एजेंसियों पर सवाल खड़े किए जाते हैं, न कि आतंकवादियों पर।
क्यों?
क्योंकि इनका दिल भारत में नहीं, कहीं और बसता है।
ये वही लोग हैं जो 26/11 के दोषियों को बीच सड़क पर नहीं, अदालतों में “सम्मान” से ले जाते हैं।
5️⃣ विपक्ष की भूमिका: भारत की कब्र खोदने में लीन
आज देश में:
- लव जिहाद
- लैंड जिहाद
- जनसंख्या जिहाद
- आर्थिक जिहाद
- राजनीतिक जिहाद
सभी प्रकार के जिहाद विपक्षी दलों की मौन या प्रत्यक्ष सहमति से चल रहे हैं।
- इनके लिए देश नहीं, सिर्फ सत्ता मायने रखती है
- इनके लिए राष्ट्रधर्म नहीं, वोट बैंक धर्म है
- इनके लिए राष्ट्रभक्तों की आवाज़ नहीं, अलगाववादियों की चुप्पी ज़्यादा मूल्यवान है
6️⃣ हिन्दुओं की निष्क्रियता: आत्मघाती चुप्पी
सबसे बड़ी विडंबना यह है कि भारत के करोड़ों सेकुलर हिन्दू अभी भी यह सब देखकर या तो चुप हैं, या भ्रमित हैं:
- “हमें क्या लेना?”
- “सब ठीक चल रहा है”
- “राजनीति से दूर रहो”
- “सब बराबर हैं”
❌ लेकिन इतिहास गवाह है —
जब हिन्दू सोते हैं, तो सोमनाथ लूटे जाते हैं, काशी जलती है, और भारत विभाजित होता है।
7️⃣ अगर अभी नहीं जागे तो…
- भारत जल्द ही पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान या लेबनान जैसे हालात में पहुंच जाएगा
- हिन्दू अल्पसंख्यक बन जाएगा
- कश्मीर जैसे हालात पूरे भारत में होंगे
- बच्चियों की सुरक्षा, मंदिरों की रक्षा, राष्ट्र की एकता सब संकट में आ जाएगी
✊ अब समय आ गया है — उठो, जागो और संगठित हो जाओ
- हिन्दू एकता ही राष्ट्र रक्षा की कुंजी है
- सेकुलर भ्रम को छोड़ो — राष्ट्रधर्म अपनाओ
- राजनीति को छोड़ो नहीं — राष्ट्रनीति बनाओ
- वोट डालो उन लोगों को जो भारत और सनातन धर्म की रक्षा करते हैं
🚩 “संघर्ष ही समाधान है” 🚩
🚩 “भारत माता की जय” 🚩
“वंदे मातरम्”
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