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भारत माता और सनातन धर्म

भारत माता और सनातन धर्म का शाश्वत संघर्ष

रक्त, त्याग और पुनर्जन्म की कहानी

🕉️ 1. जब भारत था विश्वगुरु — ज्ञान, शांति और समृद्धि का प्रतीक

  • भारत वह भूमि थी जहाँ ऋषियों की तपस्या, संतों की वाणी और ज्ञान की धारा प्रवाहित होती थी।
  • यहाँ से शून्य, दशमलव, योग, आयुर्वेद, वास्तु, और खगोलशास्त्र जैसी देनें विश्व को मिलीं।
  • नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालयों में विश्व के विद्यार्थी ज्ञान लेने आते थे।
  • समाज का केंद्र “धर्म” था — जिसका अर्थ था न्याय, कर्तव्य और संतुलन।
  • परंतु, जब दुनिया भारत की समृद्धि और वैभव से ईर्ष्या करने लगी,
  • तब हमारी सभ्यता पर पहला हमला हुआ — भूमि पर नहीं, आत्मा पर।

⚔️ 2. इस्लामी आक्रमण: खून, आग और धर्म की रक्षा की प्रतिज्ञा

🔸 आक्रमणों की क्रूरता

  • महमूद ग़ज़नी, मोहम्मद गोरी, बाबर, और औरंगज़ेब जैसे आक्रांताओं ने
    भारत के मंदिरों, ग्रंथों और संस्कृति पर हमला किया।
  • सोमनाथ, काशी, मथुरा, अयोध्या — कोई स्थान अछूता नहीं रहा।
  • लाखों निर्दोष हिंदू मारे गए, हज़ारों महिलाओं का अपमान हुआ,
    और धर्मांतरण तलवार की नोक पर करवाए गए।

🔸 वीरों का प्रतिकार

  • महाराणा प्रताप ने कहा — “धर्म की रक्षा जीवन से बड़ी है।”
  • छत्रपति शिवाजी महाराज ने “हिंदवी स्वराज्य” का नारा दिया।
  • गुरु गोविंद सिंह और गुरु तेग बहादुरने आत्मबलिदान देकर धर्म की रक्षा की।
  • झांसी की रानीराजा छत्रसालरणजीत सिंहमहाराज सुहेलदेव
    हर युग में कोई न कोई उठा जिसने कहा —
  • “धर्म जीवित रहेगा तो ही भारत जीवित रहेगा।”

🏴‍☠️ 3. अंग्रेजों की गुलामी: दासता, मानसिक बंधन और विभाजन का ज़हर

🔸 लूट और शोषण

  • ईस्ट इंडिया कंपनी ने व्यापार के बहाने शासन हथिया लिया।
  • भारत के उद्योग, कला, हस्तशिल्प नष्ट कर दिये गए।
  • लाखों किसानों की ज़मीनें छीन ली गईं।
  • अंग्रेजों की नीतियों से भारत ‘सोने की चिड़िया’ से ‘गरीब उपनिवेश’ बन गया।

🔸 संस्कृति पर आघात

  • उन्होंने ‘Divide and Rule’ के तहत हिन्दू-मुस्लिम दरार को बढ़ाया।
  • चर्चों के माध्यम से धर्मांतरण फैलाया गया।
  • इतिहास को विकृत किया गया — हमारे नायकों को “बर्बर” और उनके अत्याचारियों को “महान” बताया गया।

भारत को केवल शासन से नहीं, विचारों से भी गुलाम बना दिया गया।

🇮🇳 4. स्वतंत्रता के बाद भी मानसिक गुलामी और राजनीतिक विश्वासघात

🔸 कांग्रेस का ढोंग

  • स्वतंत्रता के बाद उम्मीद थी कि भारत पुनः सनातन मूल्यों पर खड़ा होगा।
  • पर कांग्रेस ने “सेक्युलरिज़्म” के नाम पर हिंदू समाज को दोषी ठहराया।
  • मंदिरों का प्रबंधन सरकार के अधीन कर दिया गया,
  • जबकि मस्जिदों और चर्चों को “धार्मिक स्वतंत्रता” दी गई।
  • हिन्दू परंपराओं को “कट्टरता” कहा गया,
  • और मुस्लिम वोट बैंक के लिए तुष्टिकरण नीति शुरू की गई।

🔸 देश की सुरक्षा से समझौता

  • कश्मीर में हिंदू पंडितों का नरसंहार हुआ, फिर भी सरकार ने आतंकवादियों से “संवाद” की बात की।
  • बांग्लादेशी घुसपैठ पर मौन रहा गया।
  • हिन्दुओं की पीड़ा को दबा दिया गया ताकि “धर्मनिरपेक्षता” की छवि बची रहे।

आज़ादी के बाद भी हिंदू अपने ही देश में दोयम दर्जे का नागरिक बना दिया गया।

🚩 5. सनातन पुनर्जागरण का युग — मोदी युग का आरंभ

🔸 राष्ट्रीय अस्मिता का पुनर्जन्म

2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने, तब भारत ने “आत्मगौरव का पुनर्जागरण” देखा।

  • अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण,
  • कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटना,
  • CAA, NRC, तीर्थ स्थलों का पुनरुद्धार,
  • और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा

ये सभी संकेत हैं कि भारत की आत्मा पुनर्जीवित हो रही है।

🔸 परंतु संघर्ष अभी शेष है

  • विपक्ष, विदेशी NGOs और वामपंथी नेटवर्क “हिंदू आतंक” और “सेक्युलरिज़्म” जैसे झूठे नारों से देश को फिर बांटने में लगे हैं।
  • मीडिया और सोशल मीडिया पर हिंदू विरोधी प्रचार लगातार बढ़ रहा है।
  • यह नया युद्ध है — “विचारों का युद्ध।”

⚠️ 6. वर्तमान खतरे — नए रूप में पुराने शत्रु

🔸 मानसिक और सांस्कृतिक जिहाद

  • इतिहास को तोड़-मरोड़ कर हिंदू नायकों की छवि धूमिल की जा रही है।
  • फिल्में और वेब सीरीज़ हमारे धर्म, देवी-देवताओं और परंपराओं का मज़ाक उड़ा रही हैं।
  • शिक्षा में “सेक्युलर” विचारों की आड़ में भारतीय संस्कृति को हटाया जा रहा है।

🔸 जनसंख्या और भूमि जिहाद

  • सीमाओं पर बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठ को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है।
  • कई राज्यों में डेमोग्राफिक असंतुलन बढ़ रहा है।
  • लव जिहाद, जमीन कब्ज़ा, और अवैध धार्मिक संरचनाएँ — धीरे-धीरे सामाजिक संतुलन को नष्ट कर रही हैं।

यह युद्ध अब तलवार से नहीं, सोच से लड़ा जा रहा है।

🧭 7. अब क्या करना होगा — व्यवहारिक राष्ट्रधर्म

🔸 एकता ही अस्तित्व की कुंजी

  • जाति, भाषा और क्षेत्र से ऊपर उठें — एक पहचान: “हम सनातनी हैं।”
  • सोशल मीडिया, परिवार, और समाज में सत्य का प्रचार करें —
    झूठे प्रोपेगैंडा को तथ्य से काटें।
  • हिंदू संगठनों, मंदिर समितियों और युवा मंचों को जोड़ें — स्थानीय स्तर पर “धर्म रक्षा नेटवर्क” बनाएं।
  • राजनीतिक चेतना बढ़ाएं — वोट बैंक की जगह राष्ट्रहित को प्राथमिकता दें।
  • हिंदू युवाओं को शिक्षित करें — गीता, उपनिषद, इतिहास और संस्कृति की वास्तविक शिक्षा दें।
  • हिन्दू महिलाओं को सशक्त करें — वे परिवार और संस्कृति की पहली रक्षक हैं।
  • न्यायालय, मीडिया और शासन पर दबाव बनाएँ कि राष्ट्रवाद को अपराध न बनाया जाए।

🔱 8. यह केवल इतिहास नहीं, आने वाले भविष्य की चेतावनी है

  • भारत ने अनेक बार पुनर्जन्म लिया है —
    सोमनाथ से अयोध्या तक, प्रताप से मोदी तक।
  • हर बार जब शत्रु ने समझा कि सनातन समाप्त हो गया,
    वह पहले से भी प्रचंड रूप में लौटा।
  • परंतु इस बार संघर्ष केवल बाहरी नहीं — यह भीतर से उठना होगा।
  • जब तक हर सनातनी जागृत नहीं होगा,
    भारत माता का वैभव अधूरा रहेगा।
  • अब समय है “सहनशीलता” छोड़कर “संघर्षशीलता” अपनाने का।

🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳

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