🎭 राष्ट्रद्रोही का धोखे का जाल: छद्म नाम, छिपी विचारधारा
भारत में दशकों से कुछ ऐसे राष्ट्रद्रोही चेहरे हमारे सामने हैं जो दिखते “भारतीय” हैं, बोलते “लोकतंत्र” और “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” की बातें, लेकिन इनका मूल उद्देश्य — भारत विरोधी एजेंडा को प्रसारित करना, हिंदू धर्म को बदनाम करना, और राष्ट्रवादी ताकतों को कमजोर करना रहा है।
👉 इसी क्रम में जब CBI द्वारा NDTV के मालिक प्रणय राय पर कार्रवाई की गई, तो कुछ चौंकाने वाले तथ्यों की जानकारी सामने आई:
- प्रणय राय का कथित वास्तविक नाम: परवेज राजा
- जन्म स्थान: कराची, पाकिस्तान
- NDTV की फुल-फॉर्म – Nawazuddin Taufeeq Ventures, बताया गया, जो उनके पिता से जुड़ा नाम है
- राधिका राय का कथित असली नाम: राहिला
- मोदी के चेहरे पर डार्ट फेंकने वाला बोर्ड इनकी शयनकक्ष में पाया गया — यह सिर्फ नफ़रत नहीं, एक मानसिक विकृति और संभावित कट्टरपंथी सोच का प्रतीक है
अगर यह सभी तथ्य सही हैं, तो यह सिर्फ धोखा नहीं, बल्कि भारत के लोकतंत्र और राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ विश्वासघात है।
📺 NDTV — सिर्फ एक मीडिया चैनल नहीं, बल्कि एक वैचारिक जहर का स्रोत
NDTV दशकों से भारतीय राजनीति और समाज को प्रभावित करने वाला एक ताकतवर मीडिया हाउस रहा है। लेकिन इसके कंटेंट की गहराई से जांच करने पर एक पैटर्न उभर कर आता है:
- मोदी सरकार और RSS का सतत विरोध, चाहे मुद्दा सही हो या गलत
- इस्लामी चरमपंथ या पाकिस्तान की नीतियों पर चुप्पी
- कश्मीर, CAA, NRC, राम मंदिर जैसे विषयों पर झूठ फैलाना और भड़काना
- हिंदू त्योहारों पर पर्यावरण की चिंता, लेकिन बकरीद, मोहर्रम, क्रिसमस पर मौन
- कभी किसी मुस्लिम देश की कट्टर नीतियों की आलोचना न करना, लेकिन भारत को ‘हिटलरशाही’ बताना
🔥 यह अकेले NDTV का मामला नहीं है
NDTV, The Wire, Scroll, Newslaundry, Quint, Alt News जैसे कई “तथाकथित स्वतंत्र मीडिया” प्लेटफ़ॉर्म भारत में सक्रिय हैं, लेकिन लगभग सभी में कुछ समानताएँ हैं:
- खुद को “फैक्ट चेकर” कहकर राष्ट्रवादी विचारों को सेंसर करना
- हिंदू धर्म और परंपराओं पर व्यंग्य करना
- मस्जिद–मदरसों पर कभी सवाल न उठाना
- वामपंथी विदेशी मीडिया का एकतरफा समर्थन
- भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर बदनाम करने के लिए फर्जी आंकड़ों और रिपोर्ट्स का इस्तेमाल
ये लोग सिर्फ “पत्रकार” नहीं हैं — ये वैचारिक एजेंट हैं। ये असली लड़ाई बंदूक से नहीं, विचारों से लड़ते हैं।
नाम बदलने का खेल: सांस्कृतिक जासूसी
भारत में कई फिल्म अभिनेता, पत्रकार, लेखक, यूट्यूबर और एक्टिविस्ट ऐसे हैं जिन्होंने:
- हिंदू नाम रखे हैं
- मंगलसूत्र पहनते हैं या तिलक लगाते हैं
- गणेश चतुर्थी, दिवाली की बधाइयाँ देते हैं
लेकिन इनका सामाजिक और राजनीतिक व्यवहार इन बातों से मेल नहीं खाता। ये:
- मंदिरों पर मौन रहते हैं, लेकिन चर्च और मस्जिदों के लिए छाती पीटते हैं
- बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के लिए संवेदनशील होते हैं, लेकिन कश्मीरी हिंदुओं की त्रासदी पर चुप रहते हैं
- हिंदू शब्द को ‘ब्राह्मणवादी‘ और ‘मनुवादी‘ बताकर गालियाँ देते हैं
ये ‘नैरेटिव वॉर’ के सैनिक हैं, जिनका काम है — भारत को भारत से ही काटना।
🛑 अब समय है — पहचानो और प्रतिकार करो
भारत के नागरिकों को अब जागना होगा:
🔍 हर तथाकथित पत्रकार, लेखक, सोशल मीडिया एक्टिविस्ट की पृष्ठभूमि की जांच करो
🔎 नाम और धर्म के पीछे छिपे असली एजेंडे को समझो
🧠 अपने बच्चों को मीडिया साक्षर बनाओ — उन्हें बताओ कौन अपना है, कौन नकली
📢 ऐसे मीडिया हाउस और सोशल पेजों का बहिष्कार करो जो भारत के खिलाफ ज़हर उगलते हैं
⚖️ ऐसे चेहरों को कानूनी रूप से चुनौती देने और देशद्रोह की जांच के लिए दबाव बनाओ
✊ “छद्म राष्ट्रद्रोही चेहरों का समय समाप्त है — अब भारत जाग रहा है।”
📣 NDTV का पर्दाफाश सिर्फ एक शुरुआत है — हमें भारत के हर संस्थान, हर मीडिया घराने, और हर “मुखौटा धारी” राष्ट्रद्रोही व्यक्ति की जांच करनी होगी, पहचान करनी होगी, और सत्य को सामने लाना होगा।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
अधिक ब्लॉग्स के लिए कृपया www.saveindia108.in पर जाएं।
👉Join Our Channels👈