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इस्लामिक कट्टरता

भारत में इस्लामिक कट्टरता का नंगा नाच

भारत में इस्लामिक कट्टरता एक संवेदनशील और जटिल विषय है, जो देश के सामाजिक-सांस्कृतिक ताने-बाने को प्रभावित करता है। यह विषय न केवल धार्मिक असहिष्णुता और हिंसा से जुड़ा है, बल्कि इससे सामाजिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता पर भी गहरा असर पड़ता है। भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में इस्लामिक कट्टरता के उभार ने कई बार तनाव और विवाद को जन्म दिया है, जिसकी गहराई और कारण समझना अत्यंत आवश्यक है।

❗अब बहुत हो चुका — हमारी सहिष्णुता को कायरता समझा जा रहा है। तगड़ा  जवाब देना जरूरी हो गया है।

☪️ मुस्लिम मानसिकता का गहन विश्लेषण:

इस्लामिक कट्टरता के बढ़ते प्रभाव के पीछे एक विशिष्ट मानसिकता दिखाई देती है, जो भारत जैसे सहिष्णु और बहुसांस्कृतिक राष्ट्र के लिए खतरनाक बन चुकी है। इसमें निम्नलिखित मुख्य पहलू शामिल हैं:

1️⃣ आर्थिक परजीविता और समाज पर बोझ

  • अधिकांश मुस्लिम खुद मेहनत नहीं करते — न खेती करते हैं, न गाय पालते हैं, न कोई स्वावलंबी कार्य।
  • लेकिन सबसे पहले यही राशन कार्ड, सब्सिडी, फ्री बिजली-पानी, स्कॉलरशिप और आरक्षण का फायदा उठाते हैं।
  • चैरिटेबल अस्पताल, गौशाला, स्कूल या समाजसेवी संस्थान खोलने में इनकी कोई भूमिका नहीं होती — सिर्फ मुफ्तखोरी और दलाली इनकी पहचान बन चुकी है।
  • इनका जकात (चैरिटी) हमेशा इस्लामिक संघठनों को होता है जो कि जिहाद, आतंकवाद और अन्य देशविरोधी गतिविधियों के लिए ही होता है।

2️⃣ धार्मिक कट्टरता और शरीयत का जुनून

  • ये लोग संविधान से ज्यादा शरीयत को मानते हैं।
  • कुरान, फतवे और मौलानाओं के अनुसार जीना चाहते हैं, चाहे वो कानून, इंसानियत या आधुनिक समाज से कितना भी टकराए।
  • तीन तलाक, हलाला, बहुविवाह, बालविवाह, मदरसों में कट्टरता — ये सब “धर्म” के नाम पर जारी है।

3️⃣ जनसंख्या जिहाद और लव जिहाद

  • 10–12 बच्चे पैदा करना और उन्हें भारत की जनसंख्या संरचना बिगाड़ने के हथियार की तरह इस्तेमाल करना इनका एजेंडा है।
  • लव जिहाद के ज़रिए हिन्दू लड़कियों को फँसाना, धर्म परिवर्तन कराना और फिर उन्हें उपेक्षित करना — ये एक सुनियोजित षड्यंत्र बन चुका है।

4️⃣ सांप्रदायिकता, गंदगी और अराजकता का विस्तार

  • मुस्लिम बहुल इलाकों में सफाई, कानून-व्यवस्था और शांति नहीं होती — वहाँ सिर्फ गंदगी, शोरगुल, धार्मिक कट्टरता और अपराध पनपते हैं।
  • ये कभी सफाईकर्मी, सैन्यकर्मी या समाज सुधारक नहीं बनते — लेकिन देश की सभी संस्थाओं पर हक ज़रूर जताते हैं।

5️⃣ आतंक और देशद्रोह को वैचारिक समर्थन

  • ISIS, PFI, SIMI, Al-Qaeda, बांग्लादेशी घुसपैठिए — सब इन्हीं की उपज हैं।
  • “अल्लाह हू अकबर” कहकर नारे लगाना, पत्थरबाज़ी, पुलिसकर्मियों पर हमला, मंदिरों पर आक्रमण, काफिरों को खत्म करने की बातें — ये कट्टरता अब खुल्लमखुल्ला हो रही है।
  • CAA, NRC, हिजाब, शाहीन बाग, स्वीडन-ब्लासफेमी जैसी आड़ लेकर भारत को बार-बार आग में झोंकने का प्रयास किया गया।

👎 विपक्षी दलों का मुस्लिम तुष्टिकरण और राष्ट्रद्रोहियों का समर्थन

  • वास्तव में, ये तत्व अकेले कुछ नहीं कर सकते थे, अगर कांग्रेस, आप, TMC, सपा, राजद जैसी पार्टियाँ इनका साथ न देतीं।
  • इन्होंने CAA जैसे मानवीय कानून का विरोध कर शरणार्थी हिन्दुओं को अपमानित किया।
  • शाहीन बाग, दिल्ली दंगे, नूपुर शर्मा विवाद, रामनवमी-बकरीद टकराव — हर जगह इन पार्टियों ने कट्टरपंथियों का साथ दिया।
  • हिन्दू साधुओं की हत्या (पालघर), हिंदू त्योहारों पर प्रतिबंध, मंदिरों की जमीन हड़पना — ये सब इन्हीं की नीतियों का परिणाम है।

⚠️ अब यह राष्ट्र के अस्तित्व पर सीधा हमला है!

  • ये लोग भारत को सिर्फ रहने की जगह नहीं, “Dar-ul-Harb” यानी जिहाद का मैदान मानते हैं।
  • वे चाहते हैं कि भारत एक इस्लामी राष्ट्र बने, जिसमें शरीयत हो, काफिरों (हिन्दुओं) को दबाया जाए और “गजवा-ए-हिन्द” का सपना पूरा हो।

लेकिन इनका ये सपना तभी टूटेगा जब हिन्दू जागेगा और पलटवार करेगा।

🔥 इतिहास बताता है जब हिन्दू जवाब देता है, तब शांति आती है!

गोधरा 2002: जब हिन्दुओं ने पलटवार किया, उसके बाद आज तक गुजरात में कोई दंगा नहीं हुआ।

दिल्ली 1984: इंदिरा गांधी की हत्या के बाद खालिस्तानियों को ऐसा सबक मिला कि दिल्ली में फिर कोई अलगाववादी सिर नहीं उठा पाया।

कश्मीर 1990 में गलती हुई — हम चुप रहे। आज भी उसका खामियाजा आज भी भुगत रहे हैं।

🛑 अब सहनशीलता नहीं, संगठन और प्रतिकार चाहिए!

क्योंकि अब ये लोग सिर्फ धर्म के नाम पर नहीं, देश के टुकड़े करने के मकसद से लड़ रहे हैं।

✅ अब हमें चाहिए:

  • हिन्दू मोहल्ला रक्षा समितियाँ
  • देशद्रोही गद्दारों की पहचान और सामाजिक बहिष्कार
  • फेक मीडिया, सेकुलर बुद्धिजीवियों और विपक्षी दलों का बहिष्कार
  • वोट की ताकत से राष्ट्रवादी शक्तियों को मजबूत करना
  • और ज़रूरत पड़े तो सड़कों पर उतरकर जवाब देना हर हमले का जवाब 10 गुना देना।

🚩 शांति तब तक नहीं आएगी, जब तक हम शांति के दुश्मनों को शांत या देश से बाहर नहीं कर देते!” 🚩

✊ अब हिंदुओं को केवल मंदिर में नहीं, मैदान में भी उतरना होगा।

✊ अब समय आ गया है — ‘करो या मरो’ की तर्ज़ पर राष्ट्र और धर्म की रक्षा का।

🇮🇱 इज़राइल से सीखो जवाब दो, समझौता नहीं। 🔥

🔱 जय श्रीराम! | वन्दे मातरम! | भारत माता की जय! 🔱

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