कट्टरता या रणनीति: भारत को कैसे बचाएं?
भारत में बढ़ती जिहादी मानसिकता सिर्फ सुरक्षा का नहीं, बल्कि सामाजिक संतुलन का भी गंभीर खतरा है। यह विचारधारा युवाओं को उग्रता की ओर धकेल रही है और देश की आंतरिक शांति को चुनौती दे रही है।
- यदि आप केवल अपने जीवन, परिवार या वेतन तक सीमित नहीं हैं,
- तो कृपया पूरा पढ़ें, समझें और साझा करें — यह आपके अस्तित्व से जुड़ा है।
🔥 इज़राइल-हमास युद्ध ने पूरे विश्व को एक कठोर और स्पष्ट संदेश दिया है — ‘धार्मिक कट्टरता और जिहादी मानसिकता’ आज भी मानवता की सबसे बड़ी दुश्मन है।
✍️ लेकिन भारत के सनातनी हिंदुओं के लिए यह सिर्फ एक चेतावनी नहीं, एक दर्पण है — जिसमें वो अपना भविष्य देख सकते हैं।
🧩 सबक 1: जिहादी हिंसा का पहला शिकार महिलाओं की अस्मिता और समाज की आत्मा होती है।
- इज़राइल में जो कुछ हुआ — वह सीमावर्ती संघर्ष नहीं था।
यह सभ्यताओं के बीच युद्ध था। - महिलाओं को नग्न कर सड़कों पर घुमाना,
बलात्कार कर वीडियो बनाना,
और मृत महिलाओं के शवों के साथ भी दुष्कर्म करना —
यह न केवल हैवानियत, बल्कि एक धार्मिक उन्माद की योजना है। - सोचिए — क्या भारत में भी ऐसी सोच धीरे-धीरे पनप रही है?
📌 क्या आपने हाथरस, मुजफ्फरनगर, मेरठ, कश्मीर, और बंगाल में ऐसी घटनाएँ नहीं देखीं?
👥 सबक 2: आतंकवादी अकेले नहीं होते, उनके साथ होती है — ‘कट्टर सोच से पली-पनपी आम भीड़’।
- हमास के अत्याचारों में मुस्लिम समाज की महिलाएँ तक शरीक थीं।
यानी आतंक सिर्फ बंदूक नहीं, एक विचारधारा है जो आम लोगों तक फैल चुकी है। - क्या आपको नहीं लगता कि भारत में भी कई लोगों को आतंकवादियों से सहानुभूति होती है?
- सीएए-एनआरसी के विरोध, कर्नाटक हिजाब आंदोलन, बंगाल चुनाव हिंसा — सब एक ही मानसिकता की उपज हैं।
❗ अपने आसपास के लोगों से बात कीजिए — वो हमास के साथ हैं या इज़राइल के साथ?
👉 आपका भविष्य उसी जवाब में छिपा है।
🌍 सबक 3: भारत में इज़राइल से हजार गुना ज़्यादा ‘गाज़ा पट्टियाँ’ बन चुकी हैं।
- इज़राइल में तो एक गाज़ा है —
लेकिन भारत में हर शहर में एक मिनी गाज़ा बन गया है: - जहाँ पुलिस नहीं जा सकती,
- प्रशासन चुप रहता है,
- और हर शुक्रवार को सड़कें जाम हो जाती हैं।
क्या ये सिर्फ धार्मिक आज़ादी है —
या देश के भीतर देश तैयार किया जा रहा है?
📖 सबक 4: जो इज़राइल में आज हो रहा है — वह भारत में सदियों से हुआ है।
- अलाउद्दीन खिलजी, औरंगजेब, अकबर, गजनवी, मोहम्मद बिन कासिम —
सबने मंदिरों को तोड़ा, हजारों स्त्रियों का अपहरण किया, बलात्कार किया, जबरन इस्लाम कबूल कराया। - ये वही विचारधारा थी जो आज हमास में दिखी।
- लेकिन अफ़सोस — भारत के हिंदुओं को इतिहास से काट दिया गया।
उन्हें अकबर को महान और गजनवी को बहादुर बताया गया।
🛡️ अब निर्णय का समय है — क्या आप फिर से सोए रहेंगे?
🤔 क्या आपको नहीं लगता कि:
- कश्मीरी पंडितों के साथ जो हुआ — वही बंगाल, केरल, बंगलादेशी बॉर्डर, असम और झारखंड में दोहराया जा रहा है?
- लव जिहाद, लैंड जिहाद, आबादी जिहाद, अदालत जिहाद — यह सब एक संगठित अभियान नहीं है?
- विपक्षी दल, मीडिया और विदेशी ताकतें — क्यों केवल कट्टरपंथियों के लिए बोलती हैं, हिंदुओं के लिए कभी नहीं?
🔱 तो क्या करें?
✅जागरूक बनें — इतिहास, धर्म और राजनीति को समझें।
✅विभाजनकारी एजेंडों का विरोध करें — जातिवाद और क्षेत्रवाद छोड़ें।
✅हिंदुत्व को अपराध नहीं, गौरव समझें — यह आपकी जड़ों की पहचान है।
✅अपने बच्चों को संस्कार दें — सिर्फ डिग्रियाँ नहीं।
✅देश और धर्म के प्रति सजग सरकार चुनें — जाति नहीं, विचारधारा को वोट दें।
📢 यह समय है एकजुट होने का — वरना भविष्य में पूछने वाला भी नहीं बचेगा कि “हिंदू कहाँ गया?”
🕉️ भारत की आत्मा तभी सुरक्षित है जब हिंदू जागा हुआ है।
📢 कृपया इस संदेश को 5 नहीं, 50 लोगों तक पहुँचाइए — यही आज की तपस्या है।
🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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