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भारत में सोशल मीडिया

भारत में सोशल मीडिया: राष्ट्रविरोधी और हिंदू-विरोधी तंत्र की वैचारिक जंग

भारत में सोशल मीडिया

आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया केवल संवाद का माध्यम नहीं रह गया है, बल्कि यह बन चुका है भारत और सनातन के खिलाफ़ चल रहे विचारधारात्मक युद्ध का प्रमुख मोर्चा

  • इस युद्ध को लड़ रहे हैं:
  • शहरी नक्सली, वामपंथी विचारधारा से प्रेरित झूठे बुद्धिजीवी,
  • इस्लामिक कट्टरपंथी समर्थक,
  • बिकाऊ मीडिया संस्थान,
  • और वो नेता जो सत्ता के लिए देश को भी बेचने को तैयार हैं।

इनका एजेंडा क्या है?

🔴 मोदी सरकार के अच्छे कार्यों को झूठ फैलाकर बदनाम करना,
🔴 सोशल मीडिया पर मूर्खतापूर्ण और भटकाने वाले सवाल पूछना,
🔴 हर दुखद घटना को राजनीतिक रोटी सेंकने का मौका बनाना,
🔴 आतंकियों का बचाव कर सरकार पर झूठा दोष मढ़ना,
🔴 और सबसे ख़तरनाक – जिहादी अपराधों को उचित ठहराना या छुपाना

🦅 गिद्ध राजनीति का गंदा खेल

ये लोग आज देश में “गिद्ध राजनीति” कर रहे हैं –

  • हर दुर्घटना, दंगे, या शोकपूर्ण घटना पर
    जैसे गिद्ध लाश पर टूट पड़ता है,
  • वैसे ही ये टूट पड़ते हैं —
    मीडिया में हंगामा, नेताओं के ट्वीट, जुलूस, और बयानबाज़ी शुरू हो जाती है।
  • ये लोग न पीड़ितों के हित में खड़े होते हैं, न देश के।

इनका एक ही मकसद है –
➡️ मोदी हटाओ,
➡️ देश लूटो

☪️ मुस्लिम तुष्टिकरण: सत्ता की भूख या आत्मघाती खेल?

  • आज ये देश-विरोधी ताक़तें मुस्लिम तुष्टिकरण के ज़रिये अपने वोटबैंक को सुरक्षित करना चाहती हैं।
  • अवैध रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों का समर्थन,
  • NRC और CAA का विरोध,
  • लव जिहाद, भूमि जिहाद, खाद्य जिहाद जैसे मुद्दों पर चुप्पी,
  • और जो इन सच्चाइयों को बोले, उसे ‘इस्लामोफोबिक’ कह देना।

पर उन्हें शायद यह समझ नहीं आता कि

  • जिन कट्टरपंथियों को आज वे पालपोस रहे हैं,
    कल वही उन्हें मार डालेंगे,
  • बिना यह पूछे कि वह हिंदू हैं या सेक्युलर,
    कांग्रेसी हैं या वामपंथी।
  • उनके लिए आप बस काफ़िर हैं —
    और उनके मतानुसार, उनका धर्म काफ़िर की हत्या है

🌍 भारत और इज़रायल: अकेले जूझते दो राष्ट्र

आज यूरोप, कनाडा, अमेरिका जैसे देशकट्टरपंथ के जाल में फंसे हुए हैं। पर वे चुप हैं। क्यों?

  • क्योंकि उन्हें वोट बैंक प्यारा है,
  • राजनीतिक शुद्धता प्यारी है,
  • लेकिन सच्चाई और साहस की कमी है।

केवल भारत और इज़रायल ही दो देश हैं जो आज सीधे मोर्चा ले रहे हैं:

  • मज़बूत सीमाएं,
  • कड़े कानून,
  • कड़ी कार्रवाई,
  • आतंक पर जीरो टॉलरेंस।

🧠 जिहाद एक विचार है आतंकी मरेंगे, पर विचार ज़िंदा रहेगा

यह समझना ज़रूरी है कि
आतंकवाद एक व्यक्ति नहीं, एक विचारधारा है

  • यह विचारधारा मदरसों में पढ़ाई जा रही है,
  • सोशल मीडिया से फैलाई जा रही है,
  • और देश के हर कोने में युवाओं को जहरीला बना रही है।

अगर हम केवल आतंकियों को मारेंगे,
पर उनके “मदर प्लांट्स” को नहीं हटाएंगे —
तो यह समस्या कभी खत्म नहीं होगी।

इसलिए ज़रूरी है:

  • कट्टरपंथी संगठनों पर प्रतिबंध और उनका विनाश,
  • मदरसों की सख़्त निगरानी,
  • बाहरी फंडिंग पर रोक,
  • और मीडिया व नेताओं की जवाबदेही

🔥 ऑपरेशन सिंदूर: भारत का सटीक उत्तर

  • भारत ने दुनिया को दिखाया कि
    कैसे बिना नागरिकों को नुकसान पहुँचाए
    आतंकी ठिकानों को ख़त्म किया जा सकता है।
  • ऑपरेशन सिंदूर एक उदाहरण है —
    गुप्त, कुशल, और प्रभावी।

दुनिया को भारत से सीखने की ज़रूरत है —
बजाए हमें मानवाधिकार का पाठ पढ़ाने के।

अब समय है दुनिया एकजुट हो या नष्ट हो

  • कट्टरपंथ, अगर आज नहीं रोका गया —
    तो वह पूरी सभ्यता को निगल जाएगा।
  • अब वक्त आ गया है कि दुनिया
    भारत और इज़रायल के साथ खड़ी हो,
  • पाकिस्तान और ईरान जैसे आतंक केंद्रों को बंद करे,
    और जिहादी विचारधारा के खिलाफ़ वैश्विक युद्ध छेड़े

🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳

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