जब दुश्मन सीधे नहीं लड़ पाता, तो भीतर से चुपचाप तोड़ता है
आज भारत में जो हो रहा है, वह किसी एक घटना की बात नहीं — यह एक दीर्घकालिक जिहादी रणनीति का हिस्सा है, जिसे कट्टरपंथियों ने दशकों पहले शुरू किया और हम अब तक उसे “संयोग”, “आपसी झगड़ा” या “लोकल घटना” कहकर अनदेखा करते आ रहे हैं।
🧨 यह सिर्फ आतंकवाद नहीं – यह भारत को भीतर से गिराने का चरणबद्ध एजेंडा है
- 1993 के मुंबई ब्लास्ट से लेकर 2001 संसद हमले,
- 26/11 मुंबई हमला, दिल्ली बम धमाके, हैदराबाद विस्फोट, Udaipur में कन्हैया लाल की हत्या, और कई हजार छोटी-बड़ी घटनाएँ —
हमने सबको “एक बार की घटना” मानकर भूल जाना ही ठीक समझा।
❗ पर क्या आपने कभी सोचा कि वे हमें क्यों बार-बार चोट पहुँचाते हैं?
❗ यह सब सिर्फ मारने के लिए नहीं — हमारी प्रतिक्रिया की परीक्षा लेने के लिए होता है।
🔍 हर हिंसक हमला, हर सांप्रदायिक दंगा — एक परीक्षण था
- वे यह जानना चाहते हैं कि हमारी एकता कितनी है, हमारी राजनीति कितनी कमज़ोर है, और हमारा हिंदू समाज कितना लापरवाह है।
- ये “low-intensity conflict” हैं — यानी छोटे-छोटे झटकों से हमारी रीढ़ की हड्डी को समय के साथ तोड़ देना।
🧠 हमने क्या किया? सिर्फ मोमबत्तियाँ जलाईं, हैशटैग चलाए और भूल गए।
- हर हमले के बाद हम “धैर्य दिखाने” लगे।
- हमारे नेता “शांति बनाए रखें” कहकर अपनी जिम्मेदारी से बच निकले।
- हमने न अपनी पीढ़ी को चेताया, न अपनी संस्कृति को संगठित किया।
❗ यह हमारी सबसे बड़ी भूल है।
🚨 अब अगर भी न चेते, तो पछताना पड़ेगा — और शायद तब बहुत देर हो चुकी होगी।
- आज जो वर्ग 27% है, वह जिस दिन 40% होगा —
- उस दिन आप, आपके परिवार, आपकी पूजा, आपके त्योहार, आपका मंदिर — कुछ भी सुरक्षित नहीं रहेगा।
- वे सब कुछ “नियमों के तहत” बदल देंगे — जैसा कि कई जगहों पर अब हो रहा है।
⚔️ अब यह आत्मरक्षा का समय है — संघर्ष नहीं, सजगता की आवश्यकता है
- यहाँ “युद्ध” का अर्थ तलवार नहीं, बल्कि मन, समाज और नीति की जागरूक तैयारी है।
हमें क्या करना होगा?
सच्चाई को पहचानें और स्वीकार करें
- यह कोई धर्म का संघर्ष नहीं, बल्कि राष्ट्र और अस्तित्व का प्रश्न है।
मानसिक और वैचारिक प्रशिक्षण जरूरी है
- बच्चों को केवल आधुनिक शिक्षा नहीं — संस्कृति, इतिहास और धर्म का बोध दें।
राजनीतिक और सामाजिक रूप से सक्रिय बनें
- मतदान करें, विरोध करें, जनमत बनाएं — उन नेताओं को चुनें जो भारत और सनातन की रक्षा करें।
आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षण लें
- शस्त्र विद्या, कानूनी अधिकार, डिज़ास्टर ट्रेनिंग — हर परिवार तैयार हो।
सूचना युद्ध लड़ना सीखें
- सोशल मीडिया पर झूठ, छद्म भाईचारा और “सेक्युलर” मुखौटों को तथ्यों के साथ बेनकाब करें।
🛡️ हमारे शांति प्रेम का दुरुपयोग बंद होना चाहिए
- ❝शांति तभी टिकती है जब उसके पीछे शक्ति हो।❞
अब भी यदि हम नहीं चेते —
तो यह तय है कि भविष्य हमें कायर, निष्क्रिय और आत्मघाती पीढ़ी कहेगा।
🚩 आत्मरक्षा कोई अपराध नहीं — यह कर्तव्य है।
- हम किसी पर हमला नहीं चाहते, पर यदि कोई हमें मिटाने की साजिश रच रहा है —
- तो चुप रहना पाप है, और त्याग ही असली राष्ट्र सेवा है।
- अब जरूरत है एकजुटता, आत्मविश्वास, और सटीक तैयारी की।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮
पुराने ब्लॉग्स के लिए कृपया हमारी वेबसाईट www.saveindia108.in पर जाएं।
हमारे व्हाट्सएप कम्यूनिटी में जुड़ने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें: https://chat.whatsapp.com/FMr2WNIgrUVG9xK78FW5Dl?mode=r_t
टेलीग्राम ग्रुप से जुडने के लिए https://t.me/+T2nsHyG7NA83Yzdlपर क्लिक करेँ। पुराने ब्लॉग्स टेलीग्राम ग्रुप पर भी उपलब्ध हैं।