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भारत से गद्दारी भूले शहीद, झूठा इतिहास

भारत से गद्दारी: भूले शहीद, झूठा इतिहास और नकली धर्मनिरपेक्षता

भारत की साथ हुई गद्दारी

🔥 भारत के भूलेबिसरे बलिदानी

  • 1857 से 1947 तक, भारत की आज़ादी के लिए हजारों क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों की आहुति दी — किसी ने हँसते-हँसते फाँसी का फंदा चूमा, किसी ने गोलियों का सामना किया, तो किसी ने आजीवन कारावास झेला।
  • मंगल पांडे, रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, वीर सावरकर, लाला लाजपत राय, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खान — यह केवल कुछ नाम हैं।
  • लेकिन हैरानी की बात यह है कि गांधी और नेहरू पर कभी कोई गंभीर कार्रवाई नहीं हुई। न फाँसी, न जेल की यातना, न देशनिकाला। फिर भी हमारे बच्चों की किताबों में बस यही दो नाम चमकते हैं।
  • क्या यह महज संयोग है? या एक सोची-समझी साज़िश?
  • जिन्होंने जान दी, वो इतिहास से गायब… और जिनकी चालें ब्रिटिशों से मेल खाती थीं, उन्हें “राष्ट्रपिता” बना दिया गया।

⚖️ धार्मिक तुष्टीकरण की विकृति: हिन्दू होना अब अपराध क्यों?

आज के भारत में तथाकथित सेक्युलरिज़्म के नाम पर हिन्दू बहुसंख्यक को नीचा दिखाना, चुप कराना और गुनहगार ठहराना आम बात बन गई है, जबकि कुछ समुदायों को विशेष अधिकार और छूट दी जाती है।

  • अगर हिन्दू दीपावली मनाए तो “प्रदूषण”, लेकिन न्यू ईयर फायरवर्क्स “खुशियाँ”।
  • शिवलिंग पर दूध चढ़ाना “बर्बादी”, लेकिन बकरों की बलि “परंपरा”।
  • होली या गणेश विसर्जन से “पानी की बर्बादी”, लेकिन ताज़िया निकलना “संस्कृति”।
  • हिन्दू परंपराएँ “अंधविश्वास”, लेकिन तीन तलाक, हलाला “धार्मिक अधिकार”।
  • लव जिहाद में फँसी हिन्दू बेटियाँ चुप कर दी जाती हैं, लेकिन बहुविवाह “क़ानूनी हक़”।
  • मंदिरों के भजन “शोर”, लेकिन सड़कों पर जुम्मे की नमाज़ “संविधानिक अधिकार”।
  • साधु-संतों पर तंज, लेकिन मौलवियों की आलोचना “घृणा अपराध”।
  • हिन्दू आवाज़ उठाए तो “कट्टरपंथी”, लेकिन पत्थरबाज़ “उत्पीड़ित”।

आख़िर कब तक यह एकतरफा “धर्मनिरपेक्षता” सहेंगे?

💣 अघोषित युद्ध: पत्थरबाज़ों से लेकर आत्मघाती हमलावरों तक

यह मत समझिए कि सब कुछ शांति से चल रहा है। भारत के खिलाफ एक धीमा, सुनियोजित युद्ध चल रहा है — जनसंख्या जिहाद, वैचारिक षड्यंत्र और न्यायपालिका के दुरुपयोग के ज़रिए।

  • कश्मीर के पत्थरबाज़ों को इनाम दिए जाते हैं।
  • आतंकवादी बुरहान वानी को कुछ चैनल “आज़ादी का सिपाही” कहते हैं।
  • “भारत तेरे टुकड़े होंगे” के नारे को “अभिव्यक्ति की आज़ादी” बताया जाता है।
  • अदालतें आधी रात को खुलती हैं… आतंकवादियों को बचाने के लिए।
  • सेना देश की रक्षा करे तो “मानवाधिकार उल्लंघन” का आरोप।
  • बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिए को नागरिकता देने की कोशिश।
  • धर्मांतरण और जनसंख्या विस्तार पर चुप्पी।

यह कोई संयोग नहीं — यह भारत की आत्मा पर सुनियोजित हमला है, जो “सेक्युलरिज़्म” और “मानवाधिकार” की आड़ में चल रहा है।

🎭 कौन चला रहा है यह नैरेटिव?

  • जब-जब कोई हिन्दू बोलता है:
  • मीडिया उसे “भक्त”, “हेट स्पीच” या “फासिस्ट” कहता है।
  • बॉलीवुड हमारे देवी-देवताओं का मज़ाक उड़ाता है।
  • पुरस्कार वापसी गैंग तुरंत एक्टिव हो जाता है।
  • विदेशी फंडेड NGO “लोकतंत्र खतरे में” चिल्लाने लगते हैं।
  • कोर्ट घुसपैठियों को राहत देता है, लेकिन कश्मीरी हिन्दुओं को न्याय नहीं।

यह कोई अराजकता नहीं — यह एक ठोस वैचारिक जिहाद है, जो न्यायालयों, सिनेमा, स्कूलों और बाज़ारों में फैल चुका है।

🕉️ सनातनियों के नाम अंतिम चेतावनी: अब नहीं जागे तो

यह लड़ाई किसी धर्म से नहीं — हमारे अस्तित्व से है

आज हमारे:

  • मंदिरों पर हमला हो रहा है,
  • बेटियाँ असुरक्षित हैं,
  • त्योहारों का अपमान हो रहा है,
  • हमारी ज़मीनें घुसपैठियों के कब्जे में जा रही हैं,
  • हमारी चुप्पी को कमजोरी समझा जा रहा है।
  • और हम चुप-चाप बैठकर देख रहे हैं?

अगर अब भी हम नहीं जागे तो:

  • हम अपने ही देश में अल्पसंख्यक बन जाएँगे।
  • हमारी सभ्यता संग्रहालयों में कैद होगी।
  • आने वाली पीढ़ियाँ हमें कोसेंगी कि हमने क्यों चुप्पी साधी।

हमें जाति, भाषा, क्षेत्र भूलकर एकजुट होना होगा आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से।

🛡️ हमें क्या करना चाहिए?

l  जो हमारी संस्कृति का अपमान करते हैं, उनके उत्पादों का बहिष्कार करें।

  • हिन्दू विरोधी फिल्मों, दुकानों और ब्रांड्स आर्थिक बहिष्कार से जवाब दें।
  • हर हिन्दू विरोधी झूठे मीडिया नैरेटिव को चुनौती दें।
  • ऐसे नेताओं को समर्थन दें जो हिन्दू हित और राष्ट्र रक्षा करते हैं।
  • “एक देश, एक कानून” की माँग करें। तुष्टिकरण बंद हो।
  • अपने बच्चों को मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से तैयार करें।
  • चुप न रहें — बोलें, साझा करें, जागृत करें।
  • यह नफरत की नहीं अस्तित्व की लड़ाई है।
  • किसी धर्म के खिलाफ नहीं आतंकवाद, धोखे और षड्यंत्र के खिलाफ है।

🚩 भारत फिर से उठेगा लेकिन तभी जब हिन्दू जागेगा

  • और इंतज़ार मत करो कि:
  • अगला मंदिर गिराया जाए,
  • अगली बेटी लव जिहाद की शिकार हो,
  • अगला हिन्दू शरणार्थी बने…

यह धर्म की लड़ाई नहीं रही यह भारत की आत्मा को बचाने की लड़ाई है।

🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮

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