भारत सुरक्षित तो सनातन सुरक्षित
1. सरकार और सुरक्षा बल अकेले देश की रक्षा नहीं कर सकते
- आज भारत सरकार, सेना, NIA, RAW, IB, BSF, CRPF, CISF और पुलिस 24×7 देश की रक्षा में लगी है।
लेकिन कठोर सच्चाई यह है—
👉 कोई भी राष्ट्र सिर्फ सेनाओं के दम पर सुरक्षित नहीं रहता।
राष्ट्र सुरक्षा का आधा भार संस्थाओं पर है, लेकिन बाकी आधा—
• जागरूक नागरिकों
• एकजुट समाज
• राष्ट्रवादी मानसिकता
• और सांस्कृतिक जागृति — से आता है।
💥 जनता जागती है—तो राष्ट्र अभेद्य हो जाता है।
- जनता सो जाती है—तो गद्दार जाग जाते हैं।
2. भारत तभी तक सुरक्षित है जब तक सनातन धर्म सुरक्षित है
सनातन धर्म भारत की आत्मा है। भारत मजबूत होगा तो—
✔ मंदिर सुरक्षित रहेंगे
✔ परंपराएँ जीवित रहेंगी
✔ परिवार सुरक्षित रहेंगे
✔ हर सनातनी सुरक्षित रहेगा
- लेकिन भारत कमजोर हुआ तो— सबसे पहला हमला सनातन पर ही होता है।
इतिहास गवाही देता है—
- 1947 का विभाजन
- नोआखली नरसंहार
- कश्मीरी हिंदुओं का पलायन
- बांग्लादेश और पाकिस्तान में हिंदुओं की दुर्दशा
क्यों?
👉 समाज ने खतरे को हल्के में लिया।
👉 राजनीति वोट-बैंक की गुलाम हो गई।
👉 लोगों ने सोचा—”हम सुरक्षित हैं।”
3. देश में गद्दारों की कमी नहीं — बस उनके पास मौका आना बाकी है
ये गद्दार 3 तरह के हैं:
1️⃣ राजनीतिक गद्दार
- जो सत्ता के लिए देश बेच दें
- जो आतंकियों पर आँसू बहाएँ
- जो सेना के शौर्य पर सवाल उठाएँ
- जो चीन/पाकिस्तान से गुप्त समझौते करें
2️⃣ वैचारिक गद्दार
- वामपंथी
- अर्बन-नक्सल
- मिशनरी लॉबी
- कट्टरपंथी वोट-बैंक
ये सब —
✔ हिंदू पहचान पर हमला करते हैं
✔ युवाओं को तोड़ते हैं
✔ समाज में जहर घोलते हैं
3️⃣ डिजिटल गद्दार
- फर्जी नाम वाले फेक अकाउंट
- विदेशी फंड से चलने वाले ट्रोल
- समाज में नफरत फैलाने वाली साइबर गैंग
इनका एक ही लक्ष्य—
👉 हिंदुओं को बांटो
👉 भारत को कमजोर करो
4. जैसे–जैसे भारत उभर रहा है — दुश्मनों की बेचैनी बढ़ रही है
भारत आज—
✔ तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था
✔ वैश्विक शक्ति
✔ मजबूत नेतृत्व
इससे डर गए हैं—
- बाहरी दुश्मन (चीन/पाकिस्तान और अन्य)
- मिशनरी नेटवर्क
- वामपंथी इकोसिस्टम
- पश्चिमी डीप-स्टेट
- और विपक्षी ‘ठगबंधन’
इनका एक ही मिशन—
❌ भारत को अस्थिर करना
❌ सनातन को कमजोर करना
5. भारत का सबसे बड़ा दुश्मन — पाकिस्तान नहीं
बल्कि ‘हिंदुओं की उदासीनता’ है**
सबसे खतरनाक है—
👉 हिंदू की लापरवाही
👉 इतिहास भूलने की आदत
👉 एकजुट न होने की बीमारी
- हम भूल गए—
- दिल्ली दंगे
- कर्नाटक, राजस्थान की हिंसा
- नूह–मेवात की घटनाएँ
- कश्मीर की त्रासदी
इतिहास ने चेताया—
- हमने अनसुना कर दिया।
6. हर सनातनी को तीन भूमिकाएँ निभानी होंगी
1️⃣ सुरक्षा प्रहरी
- सतर्क रहें
- संदिग्ध गतिविधियाँ रिपोर्ट करें
- गलत सूचना फैलने से रोकें
2️⃣ सांस्कृतिक रक्षक
- जाति–धर्म की दीवारें तोड़ें
- हिंदू एकता मज़बूत करें
- समाज को जागरूक करें
3️⃣ डिजिटल योद्धा
- फेक अकाउंट पहचानें
- फर्जी खबरों का मुकाबला करें
- सत्य और राष्ट्रवाद का प्रसार करें
7. भारत में दो वर्ग बन चुके हैं
✔ 1. भारत को बचाने वाले (कम)
- राष्ट्रवादी
- सनातनी
- सुरक्षा बल
- ईमानदार नागरिक
✔ 2. भारत को डुबाने वाले (ज्यादा)
- गद्दार
- तुष्टिकरण के गुलाम
- मुफ्तखोरी के आदी
- मिशनरी और कठपंथी
- अवसरवादी नेता
यह असंतुलन खतरनाक है। राष्ट्रवादियों को सक्रिय और सतर्क रहना होगा।
8. “राष्ट्रवाद को लिखना नहीं, जीना है”
भारत आज कई मोर्चों पर युद्ध लड़ रहा है—
✔ सांस्कृतिक
✔ वैचारिक
✔ डिजिटल
✔ जनसांख्यिकीय
✔ मानसिक
✔ सीमाई
ऐसे में—
👉 सिर्फ पोस्ट लिखना पर्याप्त नहीं
👉 केवल भावनाएँ दिखाना व्यर्थ
👉 सरकार पर दोष डालना कायरता है
कर्तव्य अब हमारे हाथ में है—
✔ भारत की रक्षा
✔ सनातन की सुरक्षा
✔ समाज की एकता
✔ जागरूकता और अनुशासन
यदि हम नहीं जागेंगे— तो इतिहास खुद को दोहराएगा।
यदि हम जाग गए तो —
✔ भारत अजेय बनेगा
✔ सनातन सदा सुरक्षित रहेगा
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮
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