ये लोग अपनी ही कब्र खुद खोद रहे हैं
SECTION 1 | 14 दिसंबर की रैली : मुद्दा नहीं, सिर्फ़ ज़हर
रविवार 14 दिसंबर को कांग्रेस की रैली का घोषित नारा था — “वोट चोर, गद्दी छोड़”। लेकिन वास्तविकता यह थी कि यह रैली:
- न लोकतंत्र की रक्षा के लिए थी
- न संविधान के सम्मान के लिए
- न जनता के किसी ठोस मुद्दे के लिए
👉 यह रैली थी गालियों, धमकियों और संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करने की।
असल एजेंडा साफ़ था:
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपशब्द कहना
- मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को निशाना बनाना
- चुनाव आयोग जैसी संस्थाओं पर अविश्वास फैलाना
सीधे शब्दों में — भौंकने के अलावा कुछ था ही नहीं।
SECTION 2 | नारे नहीं, ये वैचारिक दिवालियापन के प्रमाण
रैली में लगे नारे किसी राजनीतिक संघर्ष की ताकत नहीं दिखाते, बल्कि कुंठा और हार का डर दिखाते हैं:
- “वोट चोर गद्दी छोड़”
- “ज्ञानेश कुमार कौन है, कैसी नंबर 420”
- “मोदी तेरी कब्र खुदेगी, आज नहीं तो कल खुदेगी”
👉 जब तर्क खत्म हो जाते हैं, तब गाली बचती है।
👉 यह उस पार्टी का लक्षण है जिसने जनसमर्थन खो दिया है।
SECTION 3 | राहुल गांधी और ‘वोट चोरी’ का स्थायी बहाना
राहुल गांधी को मानो “वोट चोरी” का लाइलाज रोग लग चुका है:
- हर हार के बाद वही बहाना
- हर चुनाव के बाद वही रोना
- हर मंच से वही रट
अब नया भ्रम जोड़ा गया:
- “अमित शाह डरे हुए थे”
- “आवाज़ नहीं निकल रही थी”
- “हाथ कांप रहे थे”
यह राजनीति नहीं—
👉 यह हार से उपजा भ्रम और कार्यकर्ताओं को दिया गया झूठा दिलासा है।
SECTION 4 | धमकी भी, हार भी — और सत्ता भी चाहिए?
राहुल गांधी खुले मंच से चुनाव आयुक्तों को धमकाते हैं:
- “हमारी सत्ता आई तो हम तुम्हें नहीं छोड़ेंगे।”
सवाल सीधा है:
- जब हर चुनाव तुम्हारे अनुसार फर्जी है
- जब हर संस्था बिक चुकी है
👉 तो तुम्हारी सत्ता आएगी कैसे?
घुइयाँ के खेत में?
अगर सच में चोरी पकड़ी है तो:
- FIR दर्ज कराओ
- कोर्ट जाओ
- सबूत पेश करो
लेकिन ऐसा नहीं होगा—
- क्योंकि झूठ का शोर चल रहा है, सबूत कुछ नहीं है।
SECTION 5 | अगर मोदी वोट चोरी से PM बने होते…
तर्क लगाइए: अगर मोदी वोट चोरी से PM बने होते
- BJP 240 पर नहीं रुकती
- 400+ सीटें आतीं
- और कांग्रेस? 2004–2009 में भी पूर्ण बहुमत से रहती
- क्योंकि चोरी की राजनीति में कांग्रेस पारंगत है
सच्चाई यह है:
- जनता ने मोदी को चुना
- और कांग्रेस को नकारा
SECTION 6 | SIR पर रोना और असली पीड़ा
कांग्रेस कहती है:
- गरीबों के वोट कट रहे हैं
- दलितों के वोट कट रहे हैं
- पिछड़ों के वोट कट रहे हैं
असल डर यह है:
- बांग्लादेशी घुसपैठियों
- रोहिंग्याओं
- फर्जी वोटरों
के नाम हट गए तो वोट-बैंक राजनीति कैसे चलेगी?
SECTION 7 | कांग्रेस–ठगबंधन की असली राजनीति: फूट, तुष्टिकरण और देशविरोध
दशकों से कांग्रेस और तथाकथित ठगबंधन एक ही खतरनाक खेल खेलते आए हैं:
- हिंदुओं को जाति, क्षेत्र, भाषा और पंथ में बाँटना
- मुस्लिम तुष्टिकरण से स्थायी वोट-बैंक बनाना
- सत्ता के लिए राष्ट्रहित से समझौता
इतना ही नहीं:
- आतंकवादियों और कट्टरपंथियों के प्रति नरमी
- “मानवाधिकार” के नाम पर देशविरोधी तत्वों का संरक्षण
- परिणामस्वरूप सुरक्षा, अखंडता और संप्रभुता पर खतरा
👉 यही कांग्रेस मॉडल रहा है—सत्ता पहले, देश बाद में।
SECTION 8 | जनता जाग चुकी है — खेल खत्म
अब हालात बदल चुके हैं:
- हरियाणा विधानसभा चुनावसे लेकर बिहार तक
- कांग्रेस–ठगबंधन को लगातार कमजोर जनादेश
क्यों?
- जनता उनके खेल समझ चुकी है
- झूठ टिकता नहीं
- राष्ट्रवाद अब विकल्प नहीं, आवश्यकता है
SECTION 9 | मोदी युग: राष्ट्रवाद + विकास
आज जनता:
- मोदी जी के राष्ट्रवादी नेतृत्वके साथ है
- विकास, सुरक्षा और निर्णायक शासन चाहती है
- लूट, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण के युग में लौटना नहीं चाहती
👉 अब 2G, कोयला, CWG का दौर नहीं लौटेगा
👉 अब देशविरोधी संरक्षण नहीं चलेगा
SECTION 10 कांग्रेस अपनी ही कब्र खुद खोद रही है
140 साल पुरानी पार्टी होने का दावा करने वाली कांग्रेस:
- हर चुनाव में सिकुड़ रही है
- हर दिन अप्रासंगिक हो रही है
- और अपनी भाषा से खुद को ही नुकसान पहुँचा रही है
जिस मोदी की लोकप्रियता आज शिखर पर है, उसके खिलाफ नफरत और गालियाँ
👉 उसकी ताकत कम नहीं करती, और बढ़ाती हैं।
🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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