🔶 I. जीत का जश्न बीजेपी मना रही है, लेकिन नींव RSS ने रखी
- बिहार चुनावों का परिणाम केवल एक चुनावी जीत नहीं,
बल्कि भारतीय राष्ट्रवाद की वैचारिक विजय है। - जहाँ एक ओर BJP इस सफलता का उत्सव मना रही है,
वहीं राष्ट्रवादी भारत समझता है कि इस विजय का सबसे गहरा और सबसे महत्वपूर्ण योगदान उस शक्ति का है जो मंचों पर दिखाई नहीं देती —
🕉️ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS)
जो पछाड़ने नहीं, निर्माण के लिए कार्य करता है। जो सत्ता नहीं, संस्कार बनाता है।
🔶 II. RSS का चुनावी योगदान — आँकड़ों में वह तपस्या जो किसी भी दूसरे संगठन के बस की बात नहीं
🟧 1. 1,10,000 से अधिक बैठकें — हर चौपाल, हर मंदिर, हर गली में
RSS ने 243 विधानसभा सीटों पर संचालित किया:
⭐ 1,10,000+ छोटे–बड़े मीटिंग्स
⭐ प्रति विधानसभा सीट लगभग 455 बैठकें
- इनमें शामिल थे:सुबह पार्क मीटिंग
- मंदिर प्रांगण में चर्चा
- शाम की सामाजिक बैठकें
- गाँव-गाँव संवाद
- अचानक की गई “चाय पर चर्चा”
यह पहुंच और यह समर्पण किसी आधुनिक राजनीतिक तंत्र के लिए संभव ही नहीं।
🟧 2. 80,000 स्वयंसेवक — पूरे देश से आया संगठनात्मक बल
भारत के हर राज्य से आए:
⭐ 80,000 संघ स्वयंसेवक
जो दिन-रात बिना नाम, बिना प्रचार, बिना माँग काम करते रहे
● ये स्वयंसेवक:
- दिन में घर-घर संपर्क
- शाम को रणनीतिक बैठक
- रात में अगले दिन की तैयारी
- सुबह शारीरिक प्रशिक्षण
- और पूरे दिन राष्ट्रवाद का संदेश
यह केवल चुनावी प्रयास नहीं — यह संघ–जीवन है।
🟧 3. 70 कठिन सीटें — 28,000 पिछड़े वर्ग स्वयंसेवकों की रणनीतिक तैनाती
RSS ने चुनावी समाजशास्त्र का अध्ययन कर:
- 70 निर्णायक पिछड़ी सीटें चिन्हित कीं
- इन पर तैनात किए 28,000 पिछड़ा वर्ग स्वयंसेवक
- ये स्वयंसेवक बोले गए स्थानीय समाज के सबसे करीब
- 5700 बूथों पर तैनाती
- पूर्ण door-to-door अभियान
- हर घर में राष्ट्रवाद का संदेश
यह किसी दल का अभियान नहीं — यह समाज को जोड़ने का संघ–शास्त्र है।
🕉️ III. RSS — न केवल BJP की रीढ़, बल्कि भारत की रक्षा–रेखा
एक संगठन नहीं — यह भारत की जीवनधारा है।
RSS है…
- सांस्कृतिक शक्ति
- सामाजिक एकता का स्तंभ
- धर्म–संरक्षण का कवच
- राष्ट्रवाद का ज्वार
- युवा–प्रेरणा का स्रोत
- राष्ट्र की मौन सुरक्षा–रेखा
> जब राजनीति सोती है, RSS जागता है।
> जब संकट आता है, RSS खड़ा होता है।
> जब वैचारिक हमला होता है, RSS रक्षा करता है।
🔶 IV. BJP–RSS की संयुक्त रणनीति — जिहादी और आतंकी नेटवर्क के विरुद्ध भारत का सुरक्षा कवच
आज भारत का सबसे बड़ा खतरा है:
- जिहादी मॉड्यूल
- आतंकी संगठन
- कट्टरपंथी तत्व
- अवैध घुसपैठ
- विदेशी एजेंसियों के एजेंडा
- कांग्रेस और “ठगबंधन” की appeasement राजनीति
कांग्रेस शासनकाल और उसके बाद बने ठगबंधन ने हिंदुओं, सनातन धर्म और राष्ट्र की सबसे अधिक क्षति की।
इसलिए आज:
- BJP की राजनीतिक शक्ति
- RSS की सामाजिक शक्ति
- मिलकर बनती है सनातन भारत की अपराजेय ढाल
> BJP लड़ती है राजनीतिक स्तर पर
> RSS लड़ता है सामाजिक और वैचारिक स्तर पर
दोनों मिलकर बनाते हैं:
- एकता
- सुरक्षा
- राष्ट्रवाद
- स्थिरता
🔶 V. मोदी युग — खोई हुई गौरवगाथा का पुनर्जन्म
कांग्रेस युग में—
- भारत कमजोर
- हिंदू असुरक्षित
- सनातन दुष्प्रचार का शिकार
- अर्थव्यवस्था धराशायी
- राष्ट्र की छवि हास्यास्पद
लेकिन मोदी युग में—
राष्ट्रवाद जागा
सनातन संस्कृति का पुनर्जागरण हुआ
देश वैश्विक शक्ति बना
देश आर्थिक महाशक्ति की ओर बढ़ा
भारत की विदेश नीति विश्व में सम्मानित हुई
भारत की सॉफ्ट पावर (योग, आयुर्वेद, संस्कृति) विश्व में स्वीकार हुई
मोदी युग ने भारत को दिया—
- नया आत्मविश्वास
- नया नेतृत्व
- नई वैश्विक प्रतिष्ठा
🔶 VI. आध्यात्मिक–सांस्कृतिक समुदाय का कर्तव्य: अब मूक दर्शक नहीं, सक्रिय सेनानी बनें
आज देश के मठ, मंदिर, आश्रम, संत, गुरु— एक प्रश्न सबके सामने हैं:
❗“अगर देश बचा नहीं…
- अगर हिंदू समाज कमजोर हो गया… तो मंदिर, आश्रम, गुरुकुल, धर्म-अनुष्ठान कैसे बचेंगे?”
धर्म केवल पूजा से नहीं बचता— धर्म बचता है:
- शासन से
- सुरक्षा से
- संस्कृति से
- संगठन से
- राष्ट्रवाद से
इसलिए संत समाज को चाहिए:
- BJP–RSS के साथ खुलकर आना
- अपने भक्तों को जागरूक करना
- राष्ट्रवाद का संदेश देना
- सनातन की रक्षा का संकल्प दिलाना
- हिंदू समाज को एकजुट करना
- युवा पीढ़ी में साहस और धर्मबोध पैदा करना
क्योंकि:
✨ धर्म तभी सुरक्षित है जब राष्ट्र सुरक्षित है।
✨ हम तभी सुरक्षित हैं जब धर्म और देश सुरक्षित हों।
🔶 VII. अंतिम चेतावनी — अगर सत्ता फिर गलत हाथों में गई…
यदि देश फिर कांग्रेस-ठगबंधन जैसे हाथों में गया तो –
- जिहादी नेटवर्क फिर मजबूत होंगे
- आतंकी मॉड्यूल सक्रिय होंगे
- हिंदू समाज पर खतरा बढ़ेगा
- सनातन संस्कृति पर आक्रमण होगा
- मंदिर, आश्रम, मठ निशाने पर आएंगे
- राष्ट्रवाद दमन का शिकार होगा
और तब—
- आध्यात्मिक संस्थाओं का अस्तित्व भी संकट में होगा।
धर्म तभी फलता है— जब देश में सनातन नेतृत्व हो।
🔶 VIII. सनातन भारत की सुरक्षा = BJP + RSS + हिंदू समाज की एकता
यह समय है एक सत्य को स्वीकारने का:
- देश सुरक्षित: जब शासन राष्ट्रवादी हो
- धर्म सुरक्षित: जब देश सुरक्षित हो
- समाज सुरक्षित: जब धर्म सुरक्षित हो
- हम सुरक्षित: जब सनातन सुरक्षित हो
BJP–RSS–सनातन समाज मिलकर ही भारत की सुरक्षा, स्थिरता और भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।
🚩 सनातन का महा–संदेश:
- “राष्ट्र बचा रहेगा तो धर्म बचा रहेगा;
धर्म बचेगा तो हम सब बचे रहेंगे।”
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮
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