बिहार में हाल के वर्षों में इस्लामीकरण की रफ्तार तेजी से बढ़ी है, जो न सिर्फ राज्य के सामाजिक ताने-बाने में बदलाव ला रही है, बल्कि पूरे भारत के भविष्य के लिए भी गंभीर सवाल खड़े कर रही है। यह बदलता हुआ परिदृश्य अब चेतावनी की घंटी बन चुका है, जिसे नज़रअंदाज करना देशहित में नहीं होगा।
“बिहार आज जल रहा है, कल यह आग पूरे भारत को घेर सकती है…”
🔥 भाग 1: मुस्लिम तुष्टिकरण — विभाजन से लेकर आज तक की त्रासदी
1947 में भारत का विभाजन धार्मिक आधार पर हुआ था — पाकिस्तान मुस्लिमों के लिए बना और भारत को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र कहा गया। लेकिन क्या वास्तव में भारत धर्मनिरपेक्ष रहा?
❗ तथ्य यह बताते हैं:
1950 से आज तक, भारत की सरकारें (विशेषकर कांग्रेस, RJD, TMC, सपा, वामपंथी दलों) ने मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति अपनाई।
हिंदुओं से कर वसूली कर, मुस्लिम समुदाय को:
- मुफ्त छात्रावास,
- छात्रवृत्ति,
- मदरसे,
- उर्दू शिक्षकों की भर्ती,
- मस्जिद निर्माण हेतु ज़मीन,
- और यहाँ तक कि हज सब्सिडी दी गई।
👉 यह सिलसिला आज भी बिहार, बंगाल, केरल, झारखंड और तमिलनाडु में तेज़ी से चल रहा है।
🚨 भाग 2: बिहार में हिंदू विरोधी और इस्लामी एजेंडा का विस्फोट
🧨 क्या हो रहा है बिहार में?
- सरकार द्वारा 38 जिलों में मुस्लिम छात्रावास के लिए ₹70 करोड़ प्रति जिला तक खर्च किए जा रहे हैं।
- हजारों मदरसे बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में पनप चुके हैं — जिनमें कई अवैध विदेशी फंडिंग और कट्टरता से जुड़े हैं।
- पुलिस भर्ती में सुनियोजित मुस्लिमीकरण:
- 40,000 महिला पुलिसकर्मियों की भर्ती में मुस्लिमों का अत्यधिक अनुपात।
- 3000 से अधिक सब–इंस्पेक्टर की भर्ती में भी मुस्लिम बाहुल्यता।
- क्या इनकी वफादारी संविधान से होगी या उम्मा से?
📊 जनसंख्या असंतुलन:
- किशनगंज में मुस्लिम जनसंख्या 70% से अधिक।
- कटिहार, पूर्णिया, अररिया, दरभंगा, मधुबनी, सहरसा में 40–60% के बीच।
- कहीं–कहीं तो मुस्लिम मोहल्लों में हिंदू परिवार अब गिनती भर के रह गए हैं।
👉 यह सिर्फ “डेमोग्राफिक जिहाद” नहीं है — यह “सांस्कृतिक विनाश” है!
📍 भाग 3: बंगाल, कश्मीर और अब बिहार — एक जैसी रणनीति
क्षेत्र | मुस्लिम जनसंख्या | परिणाम |
कश्मीर | 95%+ | हिंदू नरसंहार, पलायन, जिहाद |
बंगाल | 33%+ | हिन्दू बहनों पर अत्याचार, हिंसा, दंगे, मंदिरों पर हमले |
बिहार | तेजी से 20%+ | मदरसे, हथियार, कट्टरता, पुलिस में भरती, जमीन कब्जे |
👉 और अगला कौन? उत्तर प्रदेश? असम? झारखंड? या आपका जिला…?
⚠️ भाग 4: यह केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं, हर सनातनी की चेतना की घड़ी है
😴 क्या सिर्फ आरती, कथा और प्रवचन से धर्म बचेगा?
नहीं!
मंदिरों को सिर्फ भक्ति स्थल नहीं, हिंदू आत्मरक्षा केंद्र बनाना होगा।
🛑 अगर आज चुप रहे, तो कल…
- आपकी बेटी लव जिहाद में फँसाई जाएगी।
- आपका मंदिर जमींदोज कर मस्जिद बना दी जाएगी।
- आपके त्योहार प्रतिबंधित कर दिए जाएंगे।
- आपकी ज़मीन, रोज़गार और अस्तित्व आपसे छीन लिया जाएगा।
🚩 भाग 5: क्या करें? — राष्ट्ररक्षा और धर्मरक्षा का एक्शन प्लान
🛡️ हिंदू जन-आंदोलन अब हर गाँव, हर गली में चाहिए:
- हिंदू यूनिटी मिशन – जाति, भाषा, क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर “मैं पहले हिंदू हूँ” की चेतना लाओ।
- हिंदू रक्षा समिति – हर गाँव में संगठन बनाओ जो अपने इलाके की सुरक्षा और धर्म जागरण करे।
- डिजिटल जागरण – WhatsApp, YouTube, Facebook, Instagram पर जागरण अभियान चलाओ।
- हिंदू अर्थनीति – “हिंदू से खरीदो, हिंदू को किराया दो, हिंदू को नौकरी दो”।
- संस्कृति शिक्षण – हर घर में “रामायण”, “महाभारत”, “शिवाजी”, “प्रथ्वीराज”, “भगत सिंह” का पाठ अनिवार्य करो।
- हथियार अभ्यास केंद्र – जिन जिलों में खतरा अधिक है, वहाँ कानूनी रूप से सुरक्षा की तैयारी करो।
🙏 सनातनी संगठनों और संतों से निवेदन:
अब चुप रहने का समय नहीं है!
- RSS, VHP, मंदिर ट्रस्ट, गौशालाएँ, कथा-वाचक — सभी को अब जमीनी संघर्ष में आना होगा।
- हिन्दू युवा शक्ति को प्रशिक्षित करना, उन्हें वैचारिक रूप से सशक्त करना अनिवार्य है।
- धर्म प्रचार से आगे बढ़कर धर्म रक्षा आंदोलन चलाना होगा।
🔥 अंतिम आह्वान:
“जब किसी इलाके में मुस्लिम जनसंख्या 20% पार करती है, वहाँ हिंदू अधिकार, महिलाएँ, संस्कृति और शांति धीरे-धीरे मिटा दी जाती है — यह कश्मीर से बंगाल और पाकिस्तान से बांग्लादेश तक का इतिहास है।”
बिहार में बढ़ता इस्लामीकरण सिर्फ एक राज्य का मुद्दा नहीं, बल्कि यह भारत की एकता, संस्कृति और सामाजिक संतुलन के लिए गंभीर चुनौती है। समय रहते इस प्रवृत्ति पर ध्यान देना और संतुलित कदम उठाना आवश्यक है, ताकि देश की सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक सौहार्द सुरक्षित रह सके।
🚩 इस्लामीकरण का यह प्रयोग अब बिहार में तेज़ी से फैल रहा है। अगर आज नहीं रुके, तो कल भारत रहेगा ही नहीं।
🕉️ जय श्री राम | 🚩 हर हर महादेव | भारत माता की जय
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