बिखरा हुआ बहुमत
भारत में हिंदू सबसे बड़ी आबादी होने के बावजूद राजनीतिक सफलता पाने में अक्सर पीछे रह जाते हैं। इसका कारण है बिखरा हुआ बहुमत और सामाजिक-राजनीतिक विभाजन, जो उनकी ताकत को कमजोर करता है। इस स्थिति को समझना और इसके पीछे की जटिलताओं को जानना जरूरी है ताकि भविष्य में एकजुटता और सामर्थ्य बढ़ाया जा सके।
- कठोर सत्य: केवल संख्या से युद्ध नहीं जीते जाते — रणनीति और एकता से जीत होती है
भारत जनसंख्या के अनुसार हिंदू बहुल देश है — लेकिन कार्रवाई के स्तर पर एक शक्तिहीन समाज बन गया है।
- हमारे पास लाखों मंदिर हैं, पर कोई एकजुट मोर्चा नहीं।
- हजारों संगठन हैं, लेकिन कोई समन्वय नहीं।
- देशभक्त नेता, संत, संस्थाएं और योद्धा हैं, लेकिन कोई साझा रणनीति नहीं।
यही सबसे बड़ा कारण है कि बहुमत में होने के बावजूद, हिंदू अत्याचार, हिंसा, जनसंख्यात्मक संकट, सांस्कृतिक विकृति और राजनीतिक हाशिए का शिकार हो रहे हैं।
II. हमारा पक्ष: टुकड़ों में बँटा, ध्यान भटका हुआ, अहंकार से विभाजित
बीजेपी, RSS, VHP, अखाड़े, मंदिर, मठ, गुरुजन, वकील, बुद्धिजीवी — सब अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं।
लेकिन आपसी सहयोग नहीं है।
- कोई नियमित संवाद नहीं।
- कोई राष्ट्रीय या क्षेत्रीय संयुक्त कार्य योजना नहीं।
- कोई साझा डाटाबेस, खुफिया, मीडिया या वैचारिक प्रशिक्षण नहीं।
- सबसे बड़ा अभाव — राष्ट्रीय ध्येय के प्रति भावनात्मक और आध्यात्मिक एकता।
हर कोई नेतृत्व चाहता है, कोई एकता नहीं चाहता। अहंकार धर्म को खा रहा है।
- दुश्मन का खेमा: बुराई में एकजुट, विनाश पर केंद्रित
दूसरी ओर — विपक्षी पार्टियाँ, कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन, ईसाई कन्वर्ज़न एजेंसियाँ, कम्युनिस्ट, और वैश्विक भारत-विरोधी ताकतें — पूरी तरह संगठित हैं।
- इनका एकमात्र लक्ष्य: सनातन धर्म का विनाश और भारत का विखंडन।
- इनके पास संयुक्त कोशिकाएं, फंडिंग नेटवर्क, मीडिया नैरेटिव, आईटी सेल्स और कानूनी सुरक्षा तंत्र हैं।
- आपस में मतभेद होते हैं, लेकिन जब लक्ष्य हिंदू या मोदी होता है — ये सब एक स्वर में बोलते हैं।
इसीलिए ये संख्या में कम होते हुए भी आगे बढ़ रहे हैं।
IV. आज की सबसे बड़ी आवश्यकता: एकजुट धर्म रक्षा मोर्चा
अब समय आ गया है कि:
- सभी हिंदुत्व और राष्ट्रवादी संगठन एक साझा मंच पर आएं — राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय “धर्म रक्षा समन्वय परिषद” बने।
- रणनीति बैठकें, ज्ञान-साझाकरण, कानूनी सहयोग, मीडिया प्रबंधन और युवा mobilization एक ही छत के नीचे हो।
- संत और धार्मिक नेता परस्पर विरोधी बयान बंद करें, और एकजुट आध्यात्मिक नेतृत्व दें।
व्यक्तिगत प्रसिद्धि नहीं, सामूहिक अस्तित्व हमारा लक्ष्य हो।
V. समर्थन करें उस सरकार का जो आपके लिए लड़ रही है
मोदी सरकार ही आज वह केंद्र शक्ति है जो 70 वर्षों के भारत-विरोधी और हिंदू-विरोधी तंत्र को तोड़ रही है।
- ट्रिपल तलाक पर रोक, CAA, मंदिर संरक्षण, अवैध धर्मांतरण पर कार्रवाई — ये समय लेते हैं।
- सरकार को देश-विदेश की इस्लामी, कम्युनिस्ट, और ईसाई लॉबीज़ का विरोध झेलना पड़ता है।
- लेकिन कई हिंदू फिर भी सरकार की आलोचना करते हैं क्योंकि उन्हें तुरंत परिणाम चाहिए।
समझें: आप सिर्फ पार्टी नहीं, सनातन धर्म की अंतिम रक्षक शक्ति को समर्थन दे रहे हैं।
VI. अगर अब नहीं जगे — तो यही होगा अंजाम
अगर हम यूँ ही बिखरे रहे:
आपसी सहयोग और साझा लक्ष्य के बिना,
- सरकार और संगठनों को समर्थन दिए बिना —
तो हम पाकिस्तान जैसा नियोजित इस्लामी अधिग्रहण अपनी आँखों से देखेंगे। - पाकिस्तान में हिंदुओं को मिला तीन विकल्प: धर्म परिवर्तन करो, भागो, या मरो।
- बांग्लादेश में हिंदू मारे जा रहे हैं, बलात्कार हो रहे हैं, विस्थापन हो रहा है।
- पश्चिम बंगाल में जिहादी-राजनीतिक गठजोड़ से हालात तेज़ी से बिगड़ रहे हैं।
VII. समझो: राष्ट्र पहले — तभी धर्म बचेगा
सनातन धर्म तभी बचेगा जब भारत हिंदू राष्ट्र के रूप में बचेगा।
इसलिए यह हमारा सामूहिक जागरण हो:
- राष्ट्र पहले, धर्म दूसरा, स्वयं सबसे बाद में।
- एकता पहले, अहंकार बाद में।
- रणनीति और अनुशासन पहले, उत्सव बाद में।
आइए एक संगठित, अनुशासित, और शक्तिशाली हिंदू मोर्चा बनाएं —
राजनीतिक, सांस्कृतिक, कानूनी, डिजिटल और आध्यात्मिक रूप से सुसज्जित।
समय अब है।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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