आज ब्रिटेन एक बिना हथियारों वाले सांस्कृतिक और जनसंख्या युद्ध से जूझ रहा है। वहाँ पारंपरिक ब्रिटिश समाज तेजी से बदल रहा है, और कट्टरपंथी इस्लामी समूह लोकतांत्रिक प्रणाली का दुरुपयोग कर सत्ता और समाज में अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं। कई अन्य देश भी इसी तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं और इस्लामी कट्टरता के खिलाफ सख्त कदम उठा रहे हैं।
👉 क्या ब्रिटेन शरिया शासन की ओर बढ़ रहा है?
कट्टरपंथी इस्लाम के बढ़ते प्रभाव से ब्रिटेन की कानूनी और सामाजिक व्यवस्था प्रभावित हो रही है:
1️⃣ राजनीतिक नियंत्रण
ब्रिटेन के कई बड़े शहरों में अब मुस्लिम मेयर हैं:
- लंदन मेयर – मुस्लिम
- बर्मिंघम मेयर – मुस्लिम
- लीड्स मेयर – मुस्लिम
- ऑक्सफोर्ड, ल्यूटन, ओल्डम, शेफ़ील्ड, ब्लैकबर्न – सभी के मेयर मुस्लिम
2️⃣ शरिया कानून का बढ़ता प्रभाव
- ब्रिटेन में 130 से अधिक शरिया अदालतें चल रही हैं, जिससे ब्रिटिश न्याय व्यवस्था कमजोर हो रही है।
- 50 से अधिक शरिया परिषदें मुस्लिम समुदाय को अलग-थलग करके समानांतर न्याय प्रणाली चला रही हैं।
- शरिया कानून के तहत महिलाओं के अधिकारों का हनन हो रहा है, लेकिन वामपंथी और लिबरल गुट चुप हैं।
3️⃣ जनसंख्या असंतुलन
- 78% मुस्लिम महिलाएँ काम नहीं करतीं और सरकारी लाभों पर निर्भर हैं।
- 63% मुस्लिम पुरुष बेरोजगार हैं, लेकिन वे भी सरकारी मुफ्त सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं।
- मुस्लिम परिवारों में 6-8 बच्चों की औसत जन्म दर है, जिससे ब्रिटेन में मूल ब्रिटिश नागरिक अल्पसंख्यक बनने की कगार पर हैं।
4️⃣ धार्मिक और सांस्कृतिक परिवर्तन
- ब्रिटेन के कई क्षेत्रों में सिर्फ हलाल मांस ही बेचा जाता है, भले ही स्थानीय लोग इसके खिलाफ हों।
- मंदिरों और चर्चों पर हमले बढ़ गए हैं, लेकिन इस्लामी कट्टरपंथियों पर कोई कार्रवाई नहीं होती।
- ब्रिटिश स्कूलों में इस्लामी शिक्षा और कट्टरता को बढ़ावा दिया जा रहा है, जबकि ईसाई और हिंदू संस्कृति को दबाया जा रहा है।
👉 क्या भारत भी इसी रास्ते पर जा रहा है?
अगर हम भारत की धार्मिक जनसंख्या वृद्धि देखें, तो यही पैटर्न नजर आता है:
- मुस्लिमों की जन्म दर हिंदुओं से कहीं अधिक है।
- घुसपैठ और “लव जिहाद” भी मुस्लिम आबादी को तेजी से बढ़ा रहे हैं।
- अगर यह सिलसिला जारी रहा, तो 2041 तक भारत भी एक इस्लामी राष्ट्र बन सकता है!
भारत को क्या करना चाहिए?
📢 हिंदुओं को ब्रिटेन की स्थिति से सबक लेना होगा और समय रहते कार्रवाई करनी होगी।
📢 हमें अपनी संस्कृति, धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए एकजुट होना होगा।
📢 हिंदू व्यापारियों, पेशेवरों और उद्यमियों को प्राथमिकता दें।
📢 धर्मांतरण और कट्टरपंथ के खिलाफ कानूनी और सामाजिक रूप से जागरूक बनें।
📢 राजनीतिक रूप से सक्रिय रहें और राष्ट्रवादी सरकारों का समर्थन करें।
👉 अगर हमने आज कदम नहीं उठाए, तो अगले कुछ दशकों में हम अपने ही देश में अल्पसंख्यक बन जाएंगे!
🚩 “राष्ट्रहित सर्वोपरि – हिंदू एकता ही हमारी ताकत है!” 🚩
🚩 जय सनातन धर्म! 🚩
🚩 वंदे मातरम्! 🚩