- स्वतंत्रता के समय से आज तक, कांग्रेस और उसके समर्थक दल भारत के राष्ट्रीय हितों के लिए खतरा बने रहे हैं। इनके निर्णय और नीतियां प्रो-मुस्लिम, एंटी-हिंदू और एंटी-नेशनल रही हैं।
- आज भी, चुनाव हारने के बाद, थगबंध’ यानी विपक्षी गठबंधन कांग्रेस की नीतियों और एजेंडों को अपनाकर सत्ता में वापसी की कोशिश में जुटा है।
- उनका मकसद केवल सत्ता पाना नहीं, बल्कि देश को असुरक्षित, कमजोर और विदेशी दबाव के अधीन बनाना है।
1️⃣ कांग्रेस का इतिहास: विदेशी संलिप्तता और भ्रष्टाचार
- कांग्रेस का इतिहास भ्रष्टाचार, विदेशी संलिप्तता और गद्दारीसे भरा हुआ है।
- पुराने स्कैम्स जैसे BOFORS, 2G, कॉमनवेल्थ गेम्स, अगस्ता वेस्टलैंड दर्शाते हैं कि कांग्रेस नेताओं ने हमेशा विदेशी कंपनियों और सरकारों के साथ मिलकर भारत के संसाधनों का दुरुपयोग किया।
- राहुल गांधी का ‘वोट चोरी’ डॉक्यूमेंट, जो म्यांमार में तैयार किया गया, यह स्पष्ट करता है कि कांग्रेस विदेशी ताकतों के साथ मिलकर भारत की लोकतांत्रिक संस्थाओं पर सवाल उठाने की कोशिश करती रही है।
- इसके अलावा, कांग्रेस के नेताओं ने विदेशी मुल्कों और आतंकवादियों का समर्थन किया, कई गुप्त विदेश यात्राएं कीं और भारत विरोधी मंचों पर बयान दिए, जिससे यह साबित होता है कि उनकी प्राथमिकता कभी भी देश और जनता की भलाई नहीं रही।
2️⃣ पाकिस्तान, चीन और POK से नरमी
- कांग्रेस ने हमेशा मुस्लिम वोट बैंक संतुष्टि और विदेशी दबाव के चलते भारत की संप्रभुता का उल्लंघन किया।
- 1947 से अब तक, भारत ने पाकिस्तान, चीन और POK में बड़ी भूमि हानि देखी।
- युद्ध और युद्धबंदियों के मामले में भी कांग्रेस की नीति देशवासियों की सुरक्षा और सम्मान के विपरीत रही। उदाहरण के लिए, पाकिस्तान के हाथों में लगभग 1 लाख युद्धबंदी छोड़ दिए गए, जबकि भारत के लगभग 50 नागरिक या सैनिक अब तक पाकिस्तान में बंद हैं, पर कांग्रेस ने कोई प्रयास नहीं किया।
- 26/11 मुंबई हमले के बाद, अमेरिका के दबाव में कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे देशवासियों की सुरक्षा और सम्मान पर गंभीर चोट पहुँची।
3️⃣ विपक्षी गठबंधन की वर्तमान रणनीति
- चुनाव हारने के बाद, ठगबंधन यानी विपक्षी दल, कांग्रेस के एजेंडों को अपनाकर सत्ता में लौटने की कोशिश कर रहे हैं।
- ये सभी दल देश की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता को खतरे में डालनेके लिए भी पीछे नहीं हट रहे।
- इनकी रणनीति में सिस्टमेटिक लूट, भ्रष्टाचार और संसाधनों की बेईमानीशामिल है, जिससे देश को 2014 से पहले के दौर में वापस लाया जा सके, जब भारत गरीब, संघर्षशील और कमजोर राष्ट्र था।
- अगर ये सफल हो जाते हैं, तो देश कुछ दशकों में पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसी स्थिति में पहुँच सकता है।
4️⃣ कांग्रेस और विपक्षी दलों की असली प्राथमिकता
- इनके लिए देश और जनता का कल्याण कभी प्राथमिकता नहीं रहा।
- उनका उद्देश्य केवल विदेशी ताकतों के एजेंडों को आगे बढ़ाना और सत्ता प्राप्त करना है।
- विपक्षी दलों और कांग्रेस ने बार-बार देखा गया है कि शाहीन बाग, किसान आंदोलन और अन्य प्रदर्शनोंमें विदेशी NGOs और भारत विरोधी ताकतें सक्रिय थीं।
- उनकी नीतियों में मुस्लिम वोट बैंक की संतुष्टि, विदेशी दबाव और वोट बैंक राजनीति मुख्य लक्ष्य है, न कि भारत की सुरक्षा, विकास या सामाजिक कल्याण।
5️⃣ मोदी और वर्तमान सरकार: भारत की नई राह
- आज भारत में राष्ट्रीयतावादी और प्र-संनातन सरकार सत्ता में है, जिसने देश की अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और विकास को नई ऊंचाईयों पर पहुँचाया है।
- किसानों, आम जनता और युवाओं के लिए योजनाएं शुरू की गईं, देश को आत्मनिर्भर भारत की ओर ले जाया गया।
- मिसाइल टेस्ट, तेज़ रेल, एक्सप्रेसवे, हाईवे, स्टार्ट-अप्स, और किसानों व गरीबों के कल्याण के लिए योजनाएं मोदी सरकार के तहत तेजी से लागू हुई हैं।
- यदि इस सरकार को आने वाले दशकों तक सत्ता में रखा गया, तो भारत दुनिया के टॉप-3 सुपरपावर देशों में शामिल हो सकता है।
6️⃣ जनता का कर्तव्य
- भारतीय जनता को यह समझना होगा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल केवल विदेशी एजेंडों के मोहरे हैं, जो सत्ता के लिए देश के हितों की बलि देने से नहीं चूकेंगे।
- इन दलों को राजनीति से हटाना और भविष्य में कभी समर्थन न देना हर भारतीय की जिम्मेदारी है।
- केवल स्थिर, राष्ट्रवादी और प्र-संनातन सरकार ही भारत को वैश्विक ताकत और समृद्धि की नई ऊंचाइयों तक ले जा सकती है।
राहुल गांधी का “वोट चोरी” डॉक्यूमेंट केवल एक पीडीएफ नहीं, बल्कि विदेशी एजेंडों के माध्यम से भारत को अस्थिर करने का एक बड़ा प्रयास है।
- कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन का एजेंडा हमेशा सत्ता, विदेशी सहायता और वोट बैंक की राजनीतिरहा है, जबकि देश और जनता की भलाई उनका लक्ष्य नहीं।
- आज हर भारतीय के सामने यह सवाल है: क्या हम ऐसी पार्टी को देश की सत्ता सौंप सकते हैं, जो देश की सुरक्षा और स्वतंत्रता से ज्यादा विदेशी ताकतों और निजी लाभ की चिंता करती है?
- भारत की संप्रभुता, विकास और वैश्विक स्थिति को बनाए रखने के लिए वर्तमान सरकार को मजबूत और लंबे समय तक सत्ता में बनाए रखना ही एकमात्र रास्ता है।
🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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