कांग्रेस का संवैधानिक षड्यंत्र और मोदी जी का पुनर्जागरण” भारत की राजनीति में गहराई से झांकता है, जहाँ एक ओर संवैधानिक चुनौतियाँ सामने आती हैं, वहीं दूसरी ओर मोदी जी का नेतृत्व नए भारत की राह दिखाता है।
- भारत का इतिहास हमें बताता है कि आक्रमणकारियों ने केवल हमारी भूमि ही नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और धर्म पर भी चोट की।
- मुग़लों ने गुरुकुलों और वेद-शास्त्रों को नष्ट किया, क्योंकि वहीं से हिंदू समाज की शक्ति और आत्मा पनपती थी।
- ब्रिटिशों ने हमारे परिवार–आधारित सामाजिक ढांचे को तोड़ा और पश्चिमी विचारधारा थोपकर हमारी जड़ों से काटने का प्रयास किया।
- लेकिन असली और सुनियोजित चोट कांग्रेस ने दी। स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस ने संवैधानिक प्रावधानों और संशोधनों का इस्तेमाल करते हुए धीरे-धीरे भारत को मुस्लिम राष्ट्र की ओर धकेल दिया।
1. कांग्रेस की चालें – संवैधानिक संशोधनों के जरिए इस्लामीकरण
धारा 25–30 (शुरुआत से ही पक्षपात)
- अल्पसंख्यकों को अपने धार्मिक और शैक्षणिक संस्थान चलाने की पूरी स्वतंत्रता। हिंदुओं को अपने धर्म बी बारे मैं पढ़ने पर प्रतिबंध
- हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण में डाल दिया गया परंतु मस्जिदों और मदरसों को अनुदान दिया गया
42वाँ संशोधन (1976, इंदिरा गांधी)
- संविधान में सोशलिस्ट और सेक्युलर शब्द जोड़कर हिंदू राष्ट्र की अवधारणा को खत्म किया।
- सेक्युलर का असली मतलब था – हिंदुओं को दबाना और मुसलमानों को विशेषाधिकार देना।
शाहबानो केस (1986, राजीव गांधी)
- सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम महिला शाहबानो को न्याय दिया।
- लेकिन राजीव गांधी ने संविधान और कानून बदलकर मुस्लिम पर्सनल लॉ को सर्वोच्च बना दिया।
- यह सीधे अनुच्छेद 14–15 (समानता के अधिकार) की हत्या थी।
रंगनाथ मिश्र आयोग (UPA काल)
- मुस्लिम और ईसाई दलितों को भी SC/ST आरक्षण देने की सिफारिश।
- इससे हिंदुओं के हिस्से का आरक्षण भी मुसलमानों को चला जाता।
अल्पसंख्यक मंत्रालय और मदरसा फंडिंग
- कांग्रेस सरकारों ने अरबों रुपये मुस्लिम संस्थाओं पर खर्च किए।
- हिंदू गरीबों के लिए कोई समान सुविधा नहीं।
👉 नतीजा: 2013 तक भारत का इस्लामीकरण लगभग पूरा हो चुका था। बस आधिकारिक घोषणा बाकी थी, जिसे जनता ने कांग्रेस को बाहर करके रोक दिया।
- वरना अभी तक तो हम मुस्लिम राष्ट्र बन चुके होते अगर 2014 मैं मोदीजी सत्ता मैं नहीं आते।
2. मोदी जी का पुनर्जागरण – हिंदू राष्ट्र की दिशा में कदम
मोदी जी ने सत्ता में आते ही कांग्रेस द्वारा रचे गए षड्यंत्रों को उलटना शुरू किया।
मंदिरों की मुक्ति और पुनर्निर्माण
- काशी कॉरिडोर, अयोध्या राम मंदिर, उज्जैन महाकाल कॉरिडोर – हिंदू अस्मिता का पुनर्जागरण।
तीन तलाक कानून (2019)
- मुस्लिम महिलाओं को समान अधिकार देकर राजीव गांधी के समय का अन्याय खत्म किया।
CAA और NRC (2019)
- पड़ोसी देशों में प्रताड़ित हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों को सुरक्षा दी।
- अवैध घुसपैठियों को रोकने का कदम।
धारा 370 हटाना (2019)
- कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करके आतंक और अलगाववाद की जड़ काट दी।
राम मंदिर (2024)
- सदियों की प्रतीक्षा के बाद रामलला को भव्य मंदिर मिला।
- कांग्रेस और वामपंथियों द्वारा राम को नकारने की राजनीति खत्म हुई।
नई शिक्षा नीति (NEP 2020)
- विकृत इतिहास को सुधारने की शुरुआत।
- असली नायक – मराठा, राजपूत, क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी – को पढ़ाई में जगह दी गई।
Uniform Civil Code (UCC – जारी प्रयास)
- एक देश, एक कानून की दिशा में ठोस कदम।
3. कांग्रेस बनाम मोदी – असली फर्क
- कांग्रेस का रास्ता: संविधान का दुरुपयोग करके भारत को मुस्लिम तुष्टिकरण की दलदल में धकेलना।
- मोदी जी का रास्ता: संविधान का सही उपयोग करके भारत को फिर से आत्मगौरव और धर्मनिष्ठा की ओर ले जाना।
- 2013 तक भारत लगभग मुस्लिम राष्ट्र बन चुका था। केवल वे बीजेपी के मजबूत विरोध के कारण मुस्लिम राष्ट्र घोषित नहीं कर पाए।
2014 में मोदी जी आए और उस पूरे खेल पर पानी फेर दिया।
यही कारण है कि आज कांग्रेस, वामपंथी, इस्लामी संगठन, विदेशी NGOs और वैश्विक deep state – सब मोदी जी के खिलाफ खड़े हैं। क्योंकि मोदी जी वही कर रहे हैं जिससे भारत की आत्मा – सनातन धर्म और हिंदू समाज – फिर से जाग्रत हो रही है।
- भारत का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि हम कांग्रेस की बनाई जंजीरों को पहचानें और मोदी जी के पुनर्जागरण में सहयोग दें।
- अगर हम सोए रहे तो पाकिस्तान और बांग्लादेश की तरह हमारी आने वाली पीढ़ियाँ भी गुलाम हिंदू बन जाएँगी।
- लेकिन अगर हम सजग रहे तो भारत पुनः विश्वगुरु बनेगा।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮
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