कांग्रेस की डिजिटल गंदगी फैक्ट्री
🧠 एक राष्ट्र पर हमला — इस बार मोबाइल स्क्रीन के ज़रिए
आज के डिजिटल भारत में गलत जानकारी कोई संयोग नहीं है — यह एक सुव्यवस्थित, प्रायोजित और सुनियोजित साज़िश है। इसे कांग्रेस के दरबारी, आईटी सेल के भाड़े के सैनिक और बिके हुए इन्फ्लुएंसर मिलकर फैला रहे हैं — जिनका एकमात्र उद्देश्य है मासूम नागरिकों, विशेषकर युवाओं के मन में ज़हर घोलना।
- यह केवल ट्रोलिंग नहीं है — यह एक साइकोलॉजिकल वॉरफेयर है, और इसका युद्धक्षेत्र है आपका मोबाइल फोन।
⚠️ यह प्रोपेगेंडा कैसे काम करता है?
- मनगढ़ंत खबरें: एडिट की गई तस्वीरें, AI से बनाए गए फर्जी ऑडियो-वीडियो, जो हिंदुत्व, मोदी, भारतीय सेना और न्यायपालिका को बदनाम करते हैं।
- भावनात्मक जाल: झूठे नैरेटिव — जातिगत उत्पीड़न, “मुस्लिम पीड़िता”, “मोदी के कारण किसानों की आत्महत्या” जैसे झूठ।
- विदेशी तालमेल: कई ट्वीट्स और वीडियो की भाषा और टाइमिंग पाकिस्तान, कतर और बीबीसी या न्यूयॉर्क टाइम्स जैसी भारत-विरोधी विदेशी मीडिया से मेल खाती है।
- जनता का भ्रम: ट्रेंड कराने के लिए बॉट्स और पेड ट्रोल आर्मी का इस्तेमाल, ताकि “जनता का गुस्सा” या “मोदी तानाशाही” जैसा भ्रम खड़ा किया जा सके।
🧨 कांग्रेस इकोसिस्टम द्वारा डिजिटल तोड़फोड़ का इतिहास
- 2011–2014: जब भारत UPA के घोटालों में डूब रहा था — 2G, CWG, कोलगेट, आदर्श — तब कांग्रेस ने मीडिया को नियंत्रित कर सच्चाई छिपाई।
- शाहीन बाग़ और CAA (2019): एक संवैधानिक कानून को सांप्रदायिक बताकर दंगे करवाए गए।
- किसान आंदोलन (2020–21): “कॉरपोरेट गुलामी” का झूठ फैलाकर राष्ट्रीय राजमार्गों को जाम और भारत की वैश्विक छवि खराब की गई।
- मणिपुर, लक्षद्वीप, हाथरस, पेगासस: इन सभी मुद्दों को कांग्रेस-समर्थित पोर्टल्स (The Wire, Scroll) और विदेशी एजेंसियों ने हथियार बनाकर भारत की बदनामी की।
😡 आज का सोशल मीडिया = पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा चैनल्स!
जैसे पाकिस्तानी मीडिया भारत-विरोधी ज़हर फैलाता है, वैसे ही कांग्रेस ट्रोल्स:
- जिहादियों का महिमामंडन करते हैं।
- सर्जिकल स्ट्राइक्स पर सवाल उठाते हैं।
- भारतीय परंपराओं का मज़ाक उड़ाते हैं।
- भारत की वैश्विक सफलताओं पर तंज कसते हैं।
- जब कोई अमेरिकी नेता भारत की आलोचना करता है, कांग्रेस #ModiFailsIndia जैसे हैशटैग ट्रेंड कराती है।
- जब कोई सैनिक शहीद होता है — कांग्रेस चुप रहती है।
- लेकिन जब कोई आतंकवादी मारा जाता है — ये “मानवाधिकार” की दुहाई देने लगते हैं।
🇮🇳 यह क्यों खतरनाक है?
- यह जनता के मन में न्यायपालिका, पुलिस, सेना और चुनाव प्रणाली जैसे संस्थानों पर विश्वास को खत्म करता है।
- यह युवाओं में कट्टरता, निराशा और पहचान भ्रम को बढ़ावा देता है।
- यह हिंदुओं को जाति के आधार पर बाँटता है, लेकिन मुसलमानों को धर्म के नाम पर एकजुट करता है।
- यह झूठी निराशा का माहौल बनाता है, जबकि मोदी के नेतृत्व में भारत ने चंद्रयान से G20 तक वैश्विक सफलता प्राप्त की है।
🧠 दुनिया एकजुट होती है — लेकिन भारत की विपक्षी पार्टियाँ क्यों नहीं?
- जब अमेरिका ने कनाडा पर 35% टैरिफ लगाया, तो सभी कनाडाई नेता अमेरिका के खिलाफ एकजुट हो गए।
- जब अमेरिका ने ब्राज़ील या चीन पर भारी टैरिफ लगाया, तो उनके नेताओं और जनता ने अमेरिका की निंदा की।
- लेकिन जब अमेरिका ने भारत पर टैरिफ लगाया — भारत के विपक्षी नेताओं ने इसका जश्न मनाया!
- ऐसा विपक्ष आखिर किसका भला चाहता है — भारत का या दुश्मनों का?
चाणक्य ने कहा था — “विदेशी कोख से जन्मी संतान कभी सच्चा देशभक्त नहीं हो सकती।“
- क्या आज की कांग्रेस इसी बात का जीता-जागता प्रमाण नहीं है?
💪 हमें क्या करना चाहिए?
- फर्जी इन्फ्लुएंसर्स और प्रोपेगेंडा कंटेंट का पर्दाफाश करें और रिपोर्ट करें।
- राष्ट्रवादी कंटेंट क्रिएटर्स का समर्थन करें जो झूठ के खिलाफ सच्चाई को सामने लाते हैं।
- युवाओं को डिजिटल साक्षरता, मीडिया की पक्षपातपूर्ण भूमिका और नैरेटिव युद्धों के प्रति जागरूक करें।
- उन मीडिया हाउस, इन्फ्लुएंसर्स और कॉमेडियन्स का बहिष्कार करें जो सनातन धर्म, सेना या भारत की प्रगति का अपमान करते हैं।
- सही जानकारी के साथ वोट दें — जाति, गुस्सा या झूठी खबरों के आधार पर नहीं।
🛡️ अंतिम चेतावनी:
- अगर हम सोशल मीडिया को दोबारा उन्हीं भ्रष्ट ताकतों के हवाले कर देंगे जिन्होंने भारत को 60 साल तक लूटा,
तो हम अफगानिस्तान या पाकिस्तान की तरह बन सकते हैं — खोखला, अराजक और बँटा हुआ।
केवल आप — जागरूक, सतर्क और निर्भीक नागरिक — इस पतन को रोक सकते हैं।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮
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