नेतृत्व विदेश में, ज़मीनी कार्यकर्ता असहाय — और जनता ने दे दिया कठोर फ़ैसला
- भारत की सबसे पुरानी पार्टी अब अपने पतन की सबसे बड़ी वजह खुद बन चुकी है। कांग्रेस की हर चुनावी हार एक इत्तेफाक नहीं—बल्कि जर्जर सोच, जिम्मेदारीहीन नेतृत्व, जातीय तुष्टिकरण, जमीनी हकीकत से दूरी और बार–बार दोहराई गई रणनीतिक गलतियों का परिणाम है।
- 2025 बिहार चुनाव कांग्रेस के लिए सिर्फ एक हार नहीं
➡️ एक चेतावनी,
➡️ एक आईना,
➡️ और एक राजनीतिक मृत्यु संकेत है।
🟥 I. बिहार चुनाव: कांग्रेस का शर्मनाक पतन — सिर्फ 6 सीटें, 2% वोट भी नहीं
बिहार में कांग्रेस की हालत:
- केवल 6 सीटें
- 2% वोट शेयर भी नहीं
- कई सीटों पर ज़मानत ज़ब्त
- कार्यकर्ताओं का मनोबल खत्म
- नेतृत्व गायब
- कोई स्पष्ट एजेंडा नहीं
यह न एक चुनावी दुर्घटना है, न जनता की भूल। यह कांग्रेस की अपनी नीतियों, गलत प्राथमिकताओं और कमजोर संगठन का परिणाम है।
🟥 II. चुनाव के दौरान राहुल गांधी विदेश — गैर–जिम्मेदारी की हद
- चुनाव शुरू होने से पहले:
- कार्यकर्ता संघर्ष कर रहे थे
- रणनीति की कमी थी
- संगठन गुटबाजी में बंटा था
- विपक्ष आक्रामक था
- लेकिन राहुल गांधी कहाँ थे?
👉 चार देशों की विदेश यात्रा में व्यस्त — भाषण, फोटोशूट और राजनीतिक पर्यटन में घूमते हुए।
कांग्रेस इसे “कूटनीतिक दौरा” बताती है, लेकिन जनता पूछती है:
❗“देश में चुनाव, नेता विदेश क्यों?”
❗“क्या यह ज़िम्मेदारी है या भागने की आदत?”
इसे देखकर लोग अब राहुल गांधी को:
- पार्ट-टाइम नेता
- गैर-गंभीर राजनेता
- वास्तविकता से कटे हुए उत्तराधिकारी
के रूप में देख रहे हैं।
🟥 III. हार के बाद पुरानी रट — ‘वोट चोरी’, ‘EVM खराब’, ‘साजिश’
कांग्रेस की स्क्रिप्ट कभी नहीं बदलती:
- EVM खराब
- वोट चोरी
- एजेंसी मिली हुई
- सरकार ने साजिश की
लेकिन जब मद्रास हाई कोर्ट ने स्पष्ट कहा:
- कांग्रेस के दावे झूठे
- याचिका बेबुनियाद
- आरोप प्रचार आधारित
- कोई सबूत नहीं
तब कांग्रेस का नैरेटिव बुरी तरह धराशायी हो गया।
- कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर ₹1,00,000 का जुर्माना लगाकर एक कड़ा संदेश दिया:
👉 “लोकतंत्र को बदनाम करने की राजनीतिक नौटंकी बर्दाश्त नहीं होगी।”
🟥 IV. कांग्रेस की मुख्य रणनीतिक गलती — जातिवाद और तुष्टिकरण की राजनीति
कांग्रेस ने बिहार में क्या किया?
हिंदुओं को जातियों में बाँटना
मुस्लिम वोट बैंक को खुश करना
जातीय जनगणना की झूठी उम्मीदें देना
विकास की जगह जातीय भाषण देना
लेकिन बिहार की जनता बदल चुकी है। वे पूछते हैं:
- सड़क कहाँ है?
- नौकरी कहाँ है?
- अस्पताल कहाँ है?
- उद्योग कहाँ है?
- सुरक्षा किसकी जिम्मेदारी है?
कांग्रेस ने “जाति कार्ड” खेला, लेकिन जनता ने “विकास कार्ड” चुना।
🟥 V. कांग्रेस के भीतर बगावत – वरिष्ठ नेता भी राहुल की नीतियों के खिलाफ
कई वरिष्ठ नेताओं ने खुलकर कहा:
- नेतृत्व जमीनी हकीकत से कट चुका
- राहुल संकट में गायब रहते हैं
- टिकट बंटवारा गलत
- संवाद टूट चुका
- जनभावना को समझने में असमर्थ
- संगठन कमजोर और दिशाहीन
यह बातें कहने वालों में शामिल हैं:
- शशि थरूर
- निखिल कुमार
- मणि शंकर अय्यर
- मुमताज़ पटेल
- कृपाणाथ पाठक
इन नेताओं का संदेश स्पष्ट है:
👉 कांग्रेस BJP से नहीं, अपनी खुद की अक्षमता से हार रही है।
🟥 VI. ठगबंधन पार्टियों के लिए भी बोझ बन चुकी है कांग्रेस
आज गठबंधन के बड़े नेता भी मानते हैं:
- कांग्रेस न जमीन पर काम करती है
- न नेतृत्व देती है
- न रणनीति देती है
- न संगठन संभालती है
इसलिए कई क्षेत्रीय दल कहते हैं:
👉 “कांग्रेस के साथ चुनाव में हार पक्की है।”
🟥 VII. असली समस्या — नेतृत्व की मानसिकता
कांग्रेस खुद नहीं समझ पा रही कि:
- जनता जातीय नफरत नहीं चाहती
- जनता विकास चाहती है
- राहुल गांधी विश्वसनीय नेता नहीं हैं
- संगठन में जमीनी कनेक्शन नहीं
- पार्टी का भविष्य अंधकारमय है
जब तक नेतृत्व बदलेगा नहीं, कांग्रेस की स्थिति नहीं सुधरेगी।
🟥 VIII. मोदी युग में जनता समझदार हो चुकी है — कांग्रेस अब भ्रमित नहीं कर सकती
पिछले 11 वर्षों में जनता ने देखा:
- मजबूत राष्ट्रीय सुरक्षा
- भ्रष्टाचार पर नियंत्रण
- आर्थिक विकास
- वैश्विक प्रतिष्ठा
- पारदर्शी शासन
- डिजिटल क्रांति
- नौकरियों और उद्योगों का विकास
- गरीबों के लिए सीधी लाभ योजना
इसलिए कांग्रेस के झूठ, झांसे, विदेशी दौरे और आरोप अब लोगों को मूर्ख नहीं बना सकते।
🟦 कांग्रेस अपनी हार की खुद जिम्मेदार — और भविष्य में और बुरी हारें इंतजार कर रही हैं
अगर कांग्रेस ऐसे ही चलती रही:
- 2029 में भी हारेगी
- 2034 में भी हारेगी
- जनता उसे अब विकल्प नहीं मानती है
- ठगबंधन उसे छोड़ देगा
- संगठन खत्म हो जाएगा
- कार्यकर्ता टूटकर BJP या क्षेत्रीय दलों में चले जाएंगे
👉 कांग्रेस अब भारत की नहीं, अपनी ही दुश्मन बन चुकी है।
👉 जब नेता विदेश घूमे और कार्यकर्ता जमीन पर मरें—तो पार्टी खत्म होना ही है।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮
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