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डीप स्टेट का हमला

डीप स्टेट का हमला — भारत जागो या फिर गुलामी में जाओ

डीप स्टेट का हमला

डीप स्टेट का हमला सिर्फ राजनीति या सत्ता की लड़ाई नहीं, बल्कि भारत की आज़ादी, लोकतंत्र और भविष्य पर सीधा ख़तरा है। अब सवाल यह है कि भारत जागेगा या फिर गुलामी की ओर बढ़ेगा।

1. षड्यंत्र का असली चेहरा

  • आज का भारत केवल भीतर से ही नहीं, बल्कि बाहर से भी चारों तरफ से घिरा हुआ है।
  • मोदी जी के खिलाफ जो अभियान चल रहा है, वह किसी “व्यक्ति” के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह भारत की आत्मा पर सीधा हमला है।
  • डीप स्टेट यानी CIA, अमेरिकी लॉबी, यूरोपीय शक्तियाँ और वर्ल्ड कॉरपोरेट्स भारत को एक बार फिर से झुकाना चाहते हैं।
  • भारत के भीतर कांग्रेस, लेफ्ट, टुकड़ेटुकड़े गैंग और इस्लामी वोट बैंक इन विदेशी ताकतों के मोहरे बन चुके हैं।

लक्ष्य साफ़ है:

  • मोदी को हटाना।
  • भारत को फिर से कमजोर और गुलाम बनाना।
  • हिन्दुओं को डराकर चुप कराना।

क्या हम ऐसा होने देना चाहेंगे? बिल्कुल नहीं।

2. बांग्लादेश का सबक — कल की कहानी, आज का खतरा

  • शेख हसीना ने बांग्लादेश को मज़बूत बनाने की कोशिश की।
  • लेकिन डीप स्टेट और इस्लामी ताकतों ने मिलकर उन्हें सत्ता से बाहर कर दिया।
  • वहाँ आज कट्टरपंथ हावी है, हिन्दू समुदाय पर अत्याचार है और देश फिर से अस्थिरता में जा रहा है।

सवाल है: क्या वही साजिश भारत में दोहराई जाएगी?

  • मोदी जी को हटाने की साजिशें इसी पैटर्न पर चल रही हैं।

3. मोदी का संकल्प — भारत पहले, खुद बाद में

मोदी जी बार-बार कहते हैं:

मैं जानता हूँ कि मुझे बहुत बड़ी व्यक्तिगत कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूँ।

  • यह वाक्य किसी साधारण नेता का नहीं है, यह धरती के उस सिपाही का है जिसने भारत को अपनी जान से ऊपर रखा है।
  • वे जानते हैं कि दुश्मन उन्हें गिराने, अपमानित करने, यहाँ तक कि समाप्त करने की कोशिश करेगा।
  • फिर भी वे अडिग हैं, क्योंकि उनके लिए भारत का सम्मान पहले है।

लेकिन सवाल यह है:

  • क्या हम उनके साथ खड़े हैं?
  • क्या हम वही कीमत चुकाने को तैयार हैं?

अगर हम एक सुरक्षित और ताकतवर देश और भविष्य चाहते हैं तो हमें मोदीजी को राजनैतिक और जमीनी स्तर पर पूरा समर्थन देना होगा।

4. भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा कौन?

  • वामपंथी और विपक्षी दल: जिन्हें सिर्फ़ कुर्सी चाहिए, भले ही देश बिक जाए।
  • इस्लामी वोट बैंक: जो हर फैसले को बंधक बना चुका है।
  • विदेशी ताकतें: जिन्हें 140 करोड़ भारतीयों का बाज़ार चाहिए लेकिन भारत का आत्मसम्मान नहीं।
  • हमारी चुप्पी: क्योंकि हम मान बैठे हैं कि कोई और हमारी लड़ाई लड़ लेगा।

हमें अपनी लड़ाई खुद ही लड़ना होगी।

5. हिन्दू संस्थाओं की कमजोरी

  • देश में दर्जनों संगठन हैं – RSS, VHP, बजरंग दल, अखाड़ा परिषद, हज़ारों मठ-मंदिर और ट्रस्ट।
  • सब अपनी-अपनी सीमित गतिविधियों में लगे हैं – कोई भोजन बाँट रहा है, कोई भंडारा कर रहा है, कोई प्रवचन दे रहा है।
  • लेकिन एक कॉमन स्ट्रेटेजी किसी के पास नहीं है।

नतीजा:

  • हिन्दू बेटियाँ लव जिहाद की शिकार हो रही हैं।
  • हिन्दू गरीब बस्तियों में आर्थिक जिहाद और हिंसा सह रहे हैं।
  • हिन्दू व्यापारियों पर फूड जिहाद और बॉयकॉट पॉलिसी थोप दी जाती है।
  • और बड़े संगठन चुप्पी साधकर मंदिर की घंटियाँ बजाते रहते हैं।

6. अगर आज नहीं जागे तो कल बहुत देर हो जाएगी

  • भारत का हाल पाकिस्तान जैसा हो जाएगा।
  • मंदिर सिर्फ़ फोटो खींचने के लिए बचेंगे।
  • हिन्दू बेटियों की ज़िंदगी सुरक्षित नहीं रहेगी।
  • हमारी संस्कृति म्यूज़ियम की वस्तु बन जाएगी।
  • और विपक्ष इन सबको “सेक्युलरिज़्म” और “डाइवर्सिटी” का नाम देकर वैध ठहराएगा।

7. क्यों हमारी एकता ही सबसे बड़ा हथियार है?

  • अगर हिन्दू संगठित हो जाए तो कोई ताक़त भारत को झुका नहीं सकती।
  • 140 करोड़ भारतीयों में 100 करोड़ हिन्दू हैं – लेकिन बिखरे हुए।
  • अगर यह 100 करोड़ हिन्दू एक स्वर में खड़े हो जाएँ तो:
  • कोई जिहाद काम नहीं करेगा।
  • कोई विदेशी ताक़त भारत पर हावी नहीं होगी।
  • कोई विपक्षी दल मुसलमानों को तुष्टिकरण की ढाल नहीं बना पाएगा।

हमें अपने व्यक्तिगत स्वार्थ और अहंकार से ऊपर उठकर एवं जाति, संप्रदाय, भाषा इत्यादि विभाजनों से भी ऊपर उठकर एकजुट होना होगा और हमारी राष्ट्रवादी बीजेपी सरकार का समर्थन करना होगा।

8. भारत की जनता के लिए स्पष्ट आह्वान

  • अब समय है हर हिन्दू, हर भारतीय के लिए खड़े होने का।

हमें करना क्या होगा?

संगठन बनाना – लोकल लेवल पर हिंदुओं के रक्षण समूह बनें।

मीडिया नैरेटिव काउंटर करना – सोशल मीडिया पर झूठ को तुरंत जवाब दिया जाए।

आर्थिक बहिष्कार – उन व्यवसाइयों का समर्थन करें जो हिन्दू हितैषी हैं।

युवा जागरण – कॉलेज, यूनिवर्सिटी में हिन्दू युवाओं को जोड़ें।

राजनीतिक एकजुटता – वोट को कभी बाँटने न दें।

9. धर्म बनाम अधर्म की अंतिम लड़ाई

  • गीता में श्रीकृष्ण ने कहा:
    जबजब अधर्म बढ़ेगा, तबतब मैं अवतार लूँगा।
  • आज वही समय है।
  • अधर्म हद पार कर चुका है।
  • अब धर्म को शस्त्र उठाना ही होगा।
  • या तो हम लड़कर जीतेंगे, या फिर मिट जाएँगे।

उठो भारत, अभी या कभी नहीं

  • अगर आज नहीं बोले तो कल बोलने की ताक़त भी नहीं बचेगी।
  • अगर आज नहीं लड़े तो कल हमारी संताने पूछेंगी —
    जब भारत पर हमला हो रहा था, तब आप कहाँ थे?”
  • यह भारत की निर्णायक घड़ी है।

हमें तय करना है:

  • क्या हम गुलामी स्वीकार करेंगे?
  • या मोदी जी के साथ खड़े होकर भारत को विजयी बनाएँगे?

👉 यह आह्वान हर भारतीय के लिए है।
👉 यह चेतावनी हर हिन्दू के लिए है।
👉 यह संकल्प हर देशभक्त के लिए है।

🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮

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