देहरादून की निर्जनपुर सब्ज़ी मंडी में कल हुई घटना ने पूरे हिन्दू समाज को एक बार फिर झकझोर दिया।
👉 मामूली से विवाद पर 12–15 विशेष समुदाय के लोगों ने एक हिन्दू सफाईकर्मी को घेरकर बेरहमी से पीटा।
👉 यह हमला सिर्फ़ एक व्यक्ति पर नहीं था, बल्कि पूरे हिन्दू समाज की अस्मिता और आत्मसम्मान पर था।
⚔️ बजरंग दल का हस्तक्षेप – पहली बार करारा जवाब
- जैसे ही घटना की खबर फैली, बजरंग दल के कार्यकर्ता मौके पर पहुँचे।
- हमलावरों को दौड़ाया और वहीं सबक सिखाया।
- पूरी मंडी में भगदड़ मच गई, और हमलावर अपनी दुकानें छोड़कर भाग खड़े हुए।
- मंडी चेयरमैन से घोर विरोध किया गया और मांग रखी गई कि ऐसे अपराधियों की दुकानें तुरंत खाली करवाई जाएँ।
👉 यह उन बहुत कम अवसरों में से एक है जब हिन्दू समाज ने तुरंत और ठोस प्रतिक्रिया दी।
👉 और यही कारण है कि आज यह घटना पूरे उत्तराखंड ही नहीं, पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई।
📢 हमारी अब तक की सबसे बड़ी कमजोरी
सच यह है कि ज्यादातर बार जब हिन्दुओं पर हमले हुए:
- हम सोशल मीडिया पर गुस्सा निकालते हैं,
- सरकार को कोसते हैं,
- व्हाट्सएप और फेसबुक पर संदेश आगे बढ़ाते हैं,
लेकिन —
👉 हम ठोस कार्रवाई नहीं करते।
👉 अपराधियों को कोई वास्तविक सज़ा नहीं मिलती।
👉 और यही उन्हें दोबारा हमला करने की हिम्मत देता है।
इतिहास गवाह है:
- 1921 के मोपला दंगे (केरल): हज़ारों हिन्दुओं का कत्लेआम हुआ, मंदिर तोड़े गए। लेकिन हिन्दू समाज चुप रहा।
- 1946 का Direct Action Day (कलकत्ता): लाखों हिन्दुओं की हत्या हुई, लेकिन तत्कालीन सरकार और कांग्रेस ने चुप्पी साध ली।
- 1990 का कश्मीरी हिन्दुओं का नरसंहार और पलायन: हिन्दुओं को अपने ही घरों से निकाल दिया गया, महिलाएँ अपमानित हुईं, पर सरकार और समाज दोनों चुप रहे।
👉 हर बार हमारी चुप्पी ने दुश्मन का हौसला बढ़ाया।
⚡ गुजरात 2002 – करारा जवाब का उदाहरण
- गोधरा कांड के बाद गुजरात में हिन्दू समाज ने एकजुट होकर करारा जवाब दिया।
👉 उसके बाद से आज तक गुजरात में हिन्दुओं पर बड़े पैमाने पर हमले करने की हिम्मत किसी ने नहीं की।
👉 क्यों? क्योंकि वहाँ संदेश साफ़ था – हिन्दू समाज अब चुप नहीं बैठेगा।
- अगर नागपुर, अलीगढ़, मेरठ, मालदा, बांग्लादेशी घुसपैठ वाले इलाकों या कश्मीर में भी ऐसा ही करारा जवाब मिला होता, तो आज हालात इतने गंभीर नहीं होते।
🚩 हिन्दू संगठनों और धार्मिक नेताओं की ज़िम्मेदारी
- सिर्फ़ बजरंग दल या एक-दो संगठनों से काम नहीं चलेगा।
- सभी हिन्दुत्व संगठनों, धार्मिक संस्थाओं, और समाज के नेताओं को एक साझा मंच बनाना होगा।
- हर हमले पर संयुक्त रणनीति और संयुक्त कार्रवाई करनी होगी।
👉 यह सिर्फ़ आत्मरक्षा नहीं है।
👉 यह हमारा धार्मिक कर्तव्य (Rashtra Dharma) है –
- हमारे धर्म, हमारी संस्कृति, हमारे मंदिरों, हमारे त्योहारों और हमारे समुदाय की रक्षा करना।
लेकिन दुख की बात है कि –
- युवा और मध्यम आयु वर्ग रोज़ी-रोटी और दौलत कमाने में व्यस्त है,
- हिन्दुत्व संगठन आपसी अहंकार और एजेंडा में उलझे हैं,
- धार्मिक नेता प्रवचन और चंदा इकट्ठा करने में लगे हैं।
👉 इस बीच दुश्मन ताक़तें लगातार संगठित होकर काम कर रही हैं – विपक्षी दल, वामपंथी नेटवर्क, और इस्लामी देश – जिनका केवल एक ही एजेंडा है:
- मोदी को हटाओ, भारत को तोड़ो, और इस्लामीकरण का रास्ता साफ़ करो।
⚖️ एकता बनाम विघटन
दुर्भाग्य यह है कि हमारे पास:
❌ एकता नहीं है,
❌ साझा मंच नहीं है,
❌ रणनीति और एक्शन प्लान नहीं है।
जबकि दूसरी तरफ़:
✅ विपक्षी दल पूरी तरह एकजुट हैं,
✅ उनकी रणनीति और एक्शन प्लान साफ़ है,
✅ और वे पूरी प्रतिबद्धता से मेहनत कर रहे हैं।
👉 यही कारण है कि बार-बार हिन्दू समाज हारता है, जबकि हम बहुसंख्यक हैं।
🪔 अबकी बार – चुप्पी नहीं, करारा जवाब
निर्जनपुर की घटना हमें सिखाती है कि:
- जब हिन्दू समाज करारा जवाब देता है, तो दुश्मन भाग खड़ा होता है।
- जब हम चुप रहते हैं, तो दुश्मन और ताक़तवर होकर हमला करता है।
👉 अब समय है कि हिन्दू समाज ठोस संकल्प ले:
- “हर आक्रमण का करारा जवाब देंगे। अब और चुप्पी नहीं।”
निर्जनपुर की घटना सिर्फ़ एक झगड़ा नहीं थी।
👉 यह हिन्दू समाज के लिए चेतावनी भी है और अवसर भी।
👉 अगर हम अब भी संगठित नहीं हुए तो आने वाला समय और भी भयावह होगा।
👉 लेकिन अगर हम एकजुट होकर रणनीति बनाएँ और हर हमले पर दुश्मन को करारा जवाब दें, तो हिन्दू समाज अजेय बन सकता है।
🙏 जय श्रीराम । जय सनातन । जय भारत 🙏
पुराने ब्लॉग्स के लिए कृपया हमारी वेबसाईट www.saveindia108.in पर जाएं।
हमारे व्हाट्सएप कम्यूनिटी में जुड़ने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें: https://chat.whatsapp.com/FMr2WNIgrUVG9xK78FW5Dl?mode=r_t
टेलीग्राम ग्रुप से जुडने के लिए https://t.me/+T2nsHyG7NA83Yzdl पर क्लिक करेँ। पुराने ब्लॉग्स टेलीग्राम ग्रुप पर भी उपलब्ध हैं।