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देश हित सबसे ऊपर

देश हित सबसे ऊपर

थोड़ी देर के लिए सभी राजनीतिक दलों—चाहे भाजपा, कांग्रेस या कोई और—को एक तरफ रख दीजिए। एक हिंदुस्तानी बनकर सोचिए। यह समझिए कि हमारी प्राथमिकताएं क्या हैं और एक राष्ट्र के रूप में हम किस दिशा में जा रहे हैं।

मुफ्त के पनीर का भ्रम

चूहा पिंजरे में इसलिए फंसता है क्योंकि वह यह नहीं समझ पाता कि पिंजरे में रखा पनीर मुफ्त में क्यों दिया जा रहा है। उसी तरह, हममें से कई लोग उन छोटे-छोटे वादों और लालचों के पीछे छिपे दीर्घकालिक खतरों को नहीं देख पाते, जिन्हें स्वार्थी राजनीतिक ताकतें हमारे सामने परोसती हैं।

मजबूत नेता, कमजोर विपक्ष

आज हमारे पास दुनिया के सबसे ताकतवर नेताओं में से एक हमारे प्रधानमंत्री के रूप में हैं, लेकिन एक कमजोर और गिरा हुआ विपक्ष भी है, जो सत्ता की लालसा में राष्ट्रविरोधी एजेंडे पर उतर आया है।
रोहिंग्या 1,770 किमी दूर भारत आ सकते हैं, लेकिन 2 किमी दूर चीन नहीं जाते। क्यों? क्योंकि चीन अपनी संप्रभुता के खिलाफ कोई बर्दाश्त नहीं करता, जबकि हमारे ही देश में कुछ नेता उनका स्वागत करने के लिए तैयार रहते हैं।
ज़ाकिर नाइक जैसे विवादित व्यक्ति, जिन्हें मलेशिया जैसा इस्लामिक देश एक साल तक भी सहन नहीं कर पाया, उन्हें हमारे देश में 10 साल तक शांति दूत के रूप में प्रस्तुत किया गया।
संदेश साफ है: असली दुश्मन बाहरी नहीं, बल्कि वे हैं जो हमारे भीतर छिपे हैं और इन खतरों को बढ़ावा देते हैं।

चुनिंदा विरोध और पाखंड

पुलवामा में बारूद कहां से आया, यह पूछने वाले अब यह क्यों नहीं पूछ रहे कि विश्वविद्यालयों में पत्थर और पेट्रोल बम कहां से आए?
क्या आपने कभी सुना कि मुसलमान कांग्रेस से नाराज़ होकर बीजेपी को वोट दे रहे हैं? नहीं। लेकिन हिंदू अपने ही कारणों से अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारते रहते हैं।
यह आत्मघाती व्यवहार एक “बीमारी” है, जो केवल हिंदुओं को ही प्रभावित करती है और हमें अंदर से कमजोर करती है।

इतिहास का सबक: ताकत से ही धर्म और राष्ट्र बचते हैं

इतिहास गवाह है कि बिना एकता और दृढ़ता के न तो धर्म बचता है, न संस्कृति और न ही राष्ट्र। हमारा राष्ट्र दीमक से ग्रस्त हो चुका है, और इसे जड़ से खत्म करना जरूरी है।

आप और क्या चाहते हैं?
आइए देखें कि वर्तमान सरकार ने आपके लिए क्या किया है:
राम मंदिर: 700 सालों के बाद मंदिर का निर्माण शुरू हुआ, फिर भी हम आभार प्रकट करने में हिचकते हैं।
अनुच्छेद 370 हटाया गया: कश्मीर अब हमारे लिए पूरी तरह से खुला और एकीकृत है।
CAA लागू किया गया: आपके टैक्स के पैसे पर पलने वाले अवैध घुसपैठियों को बाहर करने की पहल की गई, फिर भी आलोचना होती है।
सर्जिकल स्ट्राइक: 26/11 जैसे हमलों को रोकने के लिए साहसिक कदम उठाए गए, फिर भी समर्थन नहीं मिलता।
भ्रष्टाचार मुक्त सरकार: पिछले 10 वर्षों में कोई बड़ा घोटाला सामने नहीं आया, फिर भी संतोष नहीं है।
इन सबके बावजूद, वोट प्याज की कीमत और आज़ादी के भ्रम जैसे मुद्दों पर दिए जाते हैं। यह हमारे बारे में क्या कहता है?

हमारी उदासीनता की कीमत


अगर हमने इन उपलब्धियों को नजरअंदाज कर दिया और अपने सुरक्षित भविष्य की रक्षा नहीं की, तो हमारे सामने क्या बचेगा? अफगानिस्तान को देखिए, जहां एकता और सतर्कता की कमी ने विनाश ला दिया। क्या यही हमारा भविष्य होगा?

युवाओं के लिए एक जागृति का आह्वान
युवा हमारे राष्ट्र की रीढ़ हैं। यहां वह कदम हैं, जो आपको उठाने चाहिए:
1.राष्ट्रहित को प्राथमिकता दें: वोट केवल देश की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता के लिए दें।
2.एकता बनाए रखें: अंदरूनी मतभेदों को देशहित के ऊपर न रखें।
3.नेताओं को जवाबदेह बनाएं: ऐसे नेताओं का समर्थन करें, जो देश को प्राथमिकता देते हैं।
4.प्रचार को खारिज करें: उन लोगों से सावधान रहें, जो राजनीतिक लाभ के लिए झूठी जानकारी फैलाते हैं।

यह समय है पार्टी राजनीति से ऊपर उठकर हिंदुस्तानी बनने का। हमारे राष्ट्र, संस्कृति और भविष्य की रक्षा करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। इस संदेश को साझा करें, इस पर विचार करें, और एक मजबूत, एकजुट और समृद्ध भारत के लिए कार्य करें।
वंदे मातरम्! जय हिंद! 🇮🇳

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